
फेस टाइम शेर खान के साथ: भारत की सर्वोत्तम वाइल्ड लाइफ़ के साथ अपनी डेट बुक कर लें
अपने भीतर के ‘मोगली’ को जगाना इतना सरल पहले कभी नहीं था
आप झाड़ियों के बीच में उसकी पहली झलक, एक नारंगी और काले रंग की दबे-पाँव, सरकती हुई छाया के रूप में देखते हैं। फिर जब वह खुले में बाहर निकलता है – एक खूबसूरत धारीदार सांचे में ढला, अभी तक भी पूरी तरह से छलता हुआ – ऐसा प्रतीत होता है, मानों संपूर्ण जंगल ही उसके आगमन पर थम गया हो, बिलकुल एक वारली पेंटिंग में चित्रित पात्रों की तरह। जंगल में इस अद्भुत बंगाल टाइगर से नज़रें मिलाने की कितनी भी तैयारी, कम है। एक ऐसा रोमांचक अनुभव जो बार-बार आपको जंगल की अथक खोज पर भेजने की गारंटी देता है। भारत की सर्वोत्तम वाइल्ड लाइफ़ की खोज कभी-कभी आपको ऐसे नेशनल पार्क्स की यात्रा करा सकती है जहां मोबाइल का रिसेप्शन केवल पड़ोसी देशों से ही प्राप्त होता है, जबकि कुछ अनुभव शहर की सीमा के बाहर निकलते ही हो जाते हैं। लेकिन आख़िर हम कैसे देखें उन जानवरों को, जो हाईवे पर न दौड़ रहे हों और उन चित्ताकर्षक पक्षियों को, जो केवल केबल के तारों और सेटेलाइट डिशेज़ पर न बैठे हों?

तो इस प्रकार पशु-विद्याविज्ञों के मार्गदर्शन में, संरक्षित प्रकृति और वन्य-जीवन का अद्भुत अनुभव कराने के लिए, जो आप के लिए अपने-आप कर पाना सरल नहीं है—और इस प्रयास को एक सुनियोजित बाज़ार उपलब्ध कराने के कोशिश में, हमारी कंपनी जकोटा की स्थापना हुई। प्रत्येक यात्रा से मिले लाभ का एक अंश वन्य-संरक्षण के प्रयासों के लिए दिया जाता है।
भारत की सर्वोत्तम वाइल्ड लाइफ़
1. हिमालयन भूरा भालू, पश्चिमी लद्दाख
यह कोई द जंगल बुक का अनाड़ी बल्लू भालू नहीं है। हालांकि यह उतना ही गोलमोल दिखता है जिसे देखते ही गले लगा लेने का मन करे, लेकिन हिमालयन भूरा भालू भारत का सबसे बड़ा भू-मांसाहारी जानवर है, जो नॉर्थ अमेरिकन ग्रिज़ली भालू की प्रजाति का है। यह आमतौर पर द्रास की ढलानों में, शिकार करते या खाने की खोज में भटकते हुए पाया जा सकता है। इसका आवासीय क्षेत्र पश्चिमी हिमालय के पहाड़ों से लेकर कंचनजंघा की चोटी तक है। अगर आपको कभी किसी ‘यति’ के बारे में कोई अफ़वाह सुनाई दे जाए, तो समझ जाइए कि किसी स्थानीय वासी का आमना-सामना सीधे खड़े हुए इस विशाल रोएंदार प्राणी से हो गया है।

हिमालय में गर्मियों के शुरुआती दिन, इसकी खोज में जाने का सबसे अच्छा समय है, जब यह भालू और उनके शावक अपनी लंबी शीतकालीन निष्क्रियता के बाद जीविका की खोज में व्यस्त रहते हैं। अगर आप भाग्यशाली होंगे तो इस भ्रमण के दौरान आपकी भेंट किसी स्नो-लेपर्ड से भी हो जाएगी।
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: जून से जुलाई
लेह अथवा श्रीनगर की फ्लाइट लें।
2. लाल पांडा, सिंगलीला नेशनल पार्क

शर्मिला, रोएंदार और पेड़ पर ही लंबी नींद लेने का शौक़ीन, इस बिल्ली के आकार के जीव को देखकर ऐसा लगता है जैसे स्थायी रिटायरमेंट प्लान पर हो। वाइल्ड लाइफ़ इंडिया द्वारा, 2015 में हुए एक सर्वे के अनुसार, सिंगलीला में अब केवल तीन दर्ज़न पांडा ही बचे हैं। यह लाल पांडा पहले केवल ‘पांडा’ ही कहलाता था, जब तक कि इसका काला-सफ़ेद कज़िन अपने बेहतर प्रचार की बदौलत ज्यादा लोकप्रिय हो गया। सिंगलीला में इस बात की पूरी संभावना है कि आपको दुर्लभ प्रजाति का क्लाउडेड लेपर्ड, बार्किंग डीअर (काकड़), पीले गले वाला मार्टेन और सैकड़ों प्रजाति के रंग-बिरंगे पक्षी देखने को मिलेंगे, जिनका यहां निवास है।
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: जून को छोड़कर पूरा साल। प्रत्येक मौसम में जंगल का स्वरूप बिल्कुल अलग ही दिखाई देता है।
बागडोगरा की फ्लाइट लें।
3. फिशिंग कैट, बंगाल के फ्लडप्लेंस
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अगर आप ऐसा सोचते हैं कि ‘सारे बंगालियों को मछली पसंद है’ वाली कहावत अब पुरानी हो चुकी, तो आप का विचार ग़लत है – आप एक ऐसी प्रादेशिक बिल्ली से मिलेंगे जिसने अपने मनपसंद शिकार के निकट पहुंचने के लिए अपने पंजे मकड़ी के जाले की तरह विकसित कर लिए हैं। इस दुर्लभ, मायावी, कैट की खोज करने के लिए आपको कोलकाता से बाहर आर्द्रभूमि की ओर, करीब 2 घंटे की ड्राइव करनी पड़ेगी, जहां इस फिशिंग कैट का निवास-स्थल है। यद्यपि आम घरेलू बिल्लियों की तुलना में यह दुगुने आकार की हैं, पर यह भी अपना दिन सोते हुए, और रात शिकार करते हुए बिताती हैं। हो सकता है कि आपको इसे मछली के शिकार के लिए गोता लगाते समय का फ़ोटो खींचने का सौभाग्य भी मिल जाए।
यहां पाए जाने वाले अन्य प्राणियों में दुर्लभ जाति का काला सियार, मॉनिटर लिज़र्ड और करीब 300 प्रकार के विभिन्न पक्षी हैं।
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: सितंबर को छोड़कर पूरा साल
कोलकाता की फ्लाइट लें।
4. एस्टुरीन क्रोकोडाइल्स, भितरकनिका नेशनल पार्क

जानना चाहेंगे कि फूड चेन में सबसे नीचे होना कैसा लगता है? उड़ीसा में भितरकनिका की यात्रा कीजिए, जो अनेक विषैले और विष-हीन सांपों के साथ-साथ, किंग कोबरा और अजगर, तथा जैकल्स, मॉनिटर लिज़र्ड और पक्षियों की कुछ प्रसिद्ध प्रजातियों का निवास-स्थल है। पर्यटकों को पूरी तरह (जुरासिक) पार्क का अनुभव कराने वाले, दुनिया के अति विशालकाय मगरमच्छों में से कुछ, यहां आपको इस तरह पसरे मिल जाएंगे जैसे यहां उनका एकछत्र राज हो। इन्हें देखने के बाद आपके पास इस विषय में तर्क करने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी…
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: अक्टूबर से जून
भुवनेश्वर की फ्लाइट लें।
5. ब्लू व्हेल्स, श्रीलंका
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एक ऐसा अनुभव जो आपको पूरी तरह भावविह्वल कर सकता है। आपकी सांसे थम जाती हैं, जब सबसे पहले समुद्र से उठती एक पानी की बौछार दिखती है, जोकि व्हेल के ब्लोहोल का कमाल है- देखते ही देखते व्हेल के विशालकाय, चिकने शरीर का ऊपरी भाग सहजता से पानी की सतह पर दिखाई देता है। जैसे ही यह वापस गहरे पानी में गोता लगाती है, उसकी पूंछ मानों सतह को चीर देती है। जैसे ही वह नज़र से ओझल हो जाती है, आप बस मंत्रमुग्ध से समुद्र की खाली सतह की ओर देखते रह जाते हैं, जैसे कि यह सब एक दृष्टि का भ्रम था।
यह सुंदर, सुडौल प्राणी, इस सुंदर देश श्रीलंका के दक्षिणी या पूर्वी तटों पर पाए जाते हैं। शायद आपको डॉलफिन्स का समूह एक लय में समुद्र की सतह पर नाचते हुए भी दिखाई दे जाएं।
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: पूरा साल। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस कोस्ट की ओर जा रहे हैं।
कोलम्बो की फ्लाइट लें।
6. तेंदुआ, बेरा

सामान्यतः जंगलों में तेंदुए का मिल पाना अत्यंत ही कठिन है, लेकिन राजस्थान के इस गांव, बेरा के पास का जंगल इन बड़ी बिल्लियों से भरा पड़ा है। और इनको लोकल सेलिब्रिटीज़ की तरह, चट्टानों पर पसरे रह कर, उनकी फ़ोटो खींचने के इच्छुक पर्यटकों को पोज़ देने में भी कोई ऐतराज़ नहीं होता।
बस इस बात का ख़याल रखिए: यहाँ आप केवल अपने भरोसे पर हैं, अतः तेंदुए से एक निश्चित दूरी बनाए रखने में ही समझदारी होगी। क्योंकि आपने उन्हें देखा है या नहीं, यह पक्का है कि उन्होंने तो आपको देख लिया है। इसके अतिरिक्त हिरन, नीलगाय, मगरमच्छ, पेलिकन, गीज़ आदि अन्य जीवों के दर्शन के लिए भी अपनी आंखें खुली रखिए।
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: जनवरी से जून
उदयपुर की फ्लाइट लें।
7. बंगाल टाइगर, सुंदरबन
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हां, हमें पता है। हमने कहा कि बाघ के अलावा भी भारत में देखने को बहुत से वन्यजीव हैं, लेकिन कोई भी सूची इस राजसी जानवर के बिना पूरी नहीं होती है। पर जंगल में इस प्रसिद्ध शिकारी का नज़र आ पाना उतना ही कठिन है, जितना किसी स्टारबक्स के लड़के से अपना नाम शुद्ध रूप से उच्चारित कर पाने की आशा रखना। दुनिया का यह सबसे विशाल मैंग्रोव है जो इन टाइगर्स को छुपने की पर्याप्त सहूलियत देता है, और साथ ही इन शेरों ने यहाँ के साल्ट वॉटर और मानवीय कार्यकलापों के साथ सामंजस्य भी स्थापित कर लिया है। जैसे-जैसे आप बोट में नदी के प्रवाह के साथ आगे बढ़ते हो, इस जंगल की व्यापकता आपको सम्मोहित कर लेती है। दूर-दूर तक बस नदी, इसके किनारे, और बीच-बीच में मैंग्रोव और पानी में पड़ते उनके प्रतिबिम्ब! पानी के ज्वार के साथ-साथ, जंगल जैसे प्रतिपल अपना रूप बदलता रहता है, आप पानी का घटता और बढ़ता स्तर काफी स्पष्ट रूप से महसूस कर सकते हैं। जिसकी वजह से एक ही स्थान अगले कुछ घंटों बाद, बिल्कुल ही अलग रूप में दिखाई देगा।
अधिकतर आप यहां पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां भी देख सकेंगे, जैसे अनेक प्रकार के किंगफ़िशर, पेरेग्रीन फ़ाल्कन, बुफ्फ़ी फ़िश आउल, लैसर एडजुटेंट, पल्लास फ़िश ईगल और साथ ही पक्षियों की 284 से ज़्यादह प्रजातियां जो यहाँ रहती हैं।
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: अगस्त से सितंबर को छोड़कर, शेष पूरा साल
कोलकाता की फ्लाइट लें।
8. ब्लैक पैंथर, कबीनी

यह किसी कैट सूट में किंग ऑफ वाकंडा नहीं, बल्कि एक वास्तविक अनुभव है। ब्लैक पैंथर एक गहरे रंग वाला ऐसा जीव है, जिसकी जंगल के मखमली-अंधेरे में सिर्फ चमकती पीली आंखें तक आपको एक ही पल में आपकी पूरी जिंदगी का फ्लैशबैक दिखने में सक्षम हैं। उसकी आंखों के सम्मोहन में बंध कर, आपको खुद को यह याद दिलाते रहना होगा कि सांस लेते रहें। और अगर संभव हो सके, तो उसके आपकी ओर घूरते हुए समय की कुछ फोटोज़ खींच कर, हमसे भी शेयर करें। ताकि हम भी उन्हें देख सकें।
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: अक्टूबर से अप्रैल
बेंगलुरु अथवा कोझीकोड की फ्लाइट लें।
9. जंगली घुड़खर, लघु कच्छ का रण

लगभग 5000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ यह कच्छ का रण ‘लघु’ कहलाता है क्योंकि कच्छ का ‘विशाल’ रण करीब 7500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। घोड़े के परिवार से सम्बन्ध रखने वाले ऐसे जंगली, मजबूत घुड़खर का निवास – जो दुनिया में कहीं और नहीं पाए जाते। यह खारा दलदल आपको पक्षियों की अतुलनीय प्रजातियों से परिचित करवाएगा जैसे शार्ट ईयर्ड आउल, हुपु लार्क, स्टेपी ईगल, कॉमन एंड डेमोइसेले क्रेन्स, फ्लेमिंगोस, हर्रिएर्स, पेरेग्रिने,फालकन्स तथा अन्य अनेक प्रकार के पक्षी। यहाँ मिलने वाले अन्य पशुओं में वाइट-फ़ूटेड डेज़र्ट फॉक्स, जैकल्स, नीलगाय और हायना हैं। जितना इस रण का सौंदर्य अभिभूत करने वाला है, उतना ही अधिक सुन्दर रण के छोर से दिखता हुआ रात्रिकालीन आकाश है।
यात्रा का सबसे उपयुक्त समय: नवंबर से फरवरी
अहमदाबाद की फ्लाइट लें।