
वेजाइनल रिजुवनेशन सिर्फ आपके निजी अंगों का मेकओवर नहीं है, उससे कहीं अधिक है
एक एक्सपर्ट ने खुलकर समझाया, इस जनरल टर्म के तहत मेडिकल और एस्थेटिक दोनों ही प्रक्रियाओं का उल्लेख किया जाता है
घबराइएगा मत, पर आज हम वजाइना के बारे में बात करने वाले हैं। फीमेल जैनिटेलिआ जितना दिखता है सिर्फ उतना ही नहीं है, और भी बहुत कुछ है। सच कहूं तो, अब तो हमारे इन लेडी पार्ट्स से जुड़ी मिथकों और गलत धारणाओं की गिनती तक हमें याद नहीं हैं। और तो और, यही धारणा वेजाइनल रिजुवनेशन को लेकर भी देखी जाती है।
वेजाइनल रिजुवनेशन सुनने में भले ही ऐसा लगे जैसे आप वीकेंड के लिए अपने वजाइना को किसी सेलिब्रिटी वेलनेस रिट्रीट में लेकर जा रहे हों, लेकिन यकीन मानिए, यह इससे कहीं ज़्यादा मेडिकल है। जिस तरह हर वजाइना दिखने में एकदम परफेक्ट और एक समान नहीं होता, ठीक उसी तरह यह भी केवल एक ही प्रक्रिया नहीं है। इसमें ना तो कोई डॉक्टर आपके निजी अंगों को सजाने या संवारने में लगा है और ना ही कोई जेड एग्स शामिल हैं।
“ये एक मेडिकल शब्दावली के बजाय एक मार्केटिंग शब्द है। वेजाइनल रिजुवनेशन एक जनरल टर्म है जिसका उपयोग बहुत सी सर्जिकल और नॉन-सर्जिकल एस्थेटिक और फंक्शन सम्बंधित प्रक्रियाओं का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो वजाइना और उसके आसपास के टिशूज़ को फिर से सही आकार देकर उनमें सुधार करती हैं,” डॉ मोलिना पटेल कहती हैं, जो खुद गुजरात के आकांक्षा हॉस्पिटल में इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट और एस्थेटिक गायनोकोलॉजिस्ट हैं।
वैसे तो कई प्रक्रियाओं को वेजाइनल रिजुवनेशन कहा जा सकता है। लेकिन आसानी से समझ पाने के लिए, हम अपने आर्टिकल में इसी टर्म का उपयोग करेंगे।

वेजाइनल रिजुवनेशन से किसे फायदा हो सकता है?
चाइल्ड बर्थ से लेकर मेनोपॉज़ तक, औरतें कई शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती हैं जो उनकी वेजाइनल वाल, कनाल और पेल्विक फ्लोर को प्रभावित करते हैं।
वेजाइनल रिजुवनेशन को एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया भी कहा जा सकता है जिसे आप अपने वजाइना को फिर से ‘जवान’ बनाने यानि कि प्री-चाइल्डबर्थ टाइटनेस पाने के लिए करवाती हैं। या हो सकता है कि किसी जेनिटल एब्नोर्मलिटी के तहत करवाएं जिसमें इनवेसिव सर्जरी की आवश्यकता हो।
इस जनरल टर्म के तहत टिशूज़ सम्बंधित ट्रीटमेंट भी शामिल हैं जैसे आपके प्राइवेट पार्ट्स में अत्यधिक ड्राइनेस होना, जेनिटोयूरिनरी सिंड्रोम ऑफ़ मेनोपॉज़ (जीएसएम), तनाव में यूरिन पर सयंम ना रख पाना (छींकने, हंसने, खांसने या कभी-कभी अचानक खड़े होने पर भी) और ऑर्गन प्रोलैप्स (अपने जगह से नीचे की और खिसक जाना) हो जाना।
ऐसे मामलों में, वेजाइनल रिजुवनेशन की मदद से औरतें एक बेहतर जीवन जी सकती हैं, बिना किसी तकलीफ के सेक्स का आनंद उठा सकती हैं, और पैंटी गीली करने की चिंता में नज़दीकी बाथरूम ढूंढने के बजाय बेख़ौफ़ दौड़ लगाने के लिए निकल सकती हैं।
ये शरीर आपका है और अपनी ख़ुशी के लिए किसी भी प्रक्रिया का चयन करने का हक़ भी आपको ही है, बस जो भी आप चुनने जा रही हैं, उसकी सही जानकारी और समझ होना बहुत ज़रूरी है।

प्लास्टिक सर्जरी की तरह, इसका भी एक एस्थेटिक और एक रिकंसट्रक्टिव पहलू है। आप क्या ट्रीटमेंट लेना चाहते हैं, ये आपकी ज़रुरत और नज़रिए पर निर्भर करता है। हमारे लिए पटेल इस ट्रीटमेंट के उपलब्ध ऑप्शंस को और बेहतर तरीके से विभाजित करती हैं:
रिकंस्ट्रक्टिव वेजाइनल रिजुवनेशन
पटेल कहती हैं, “इस प्रकार की प्रक्रिया में वो सभी सर्जरी शामिल हैं जिनका उद्देश्य शारीरिक तौर पर वेजाइनल संरचना की मरम्मत या उसमे सुधार करना होता है।”
वेजाइनल सर्जरी में सबसे आम हैं – पेल्विक ऑर्गन के प्रोलैप्स और इनकॉन्टिनेंस में सुधार लाने के लिए एंटीरियर और पोस्टीरियर कॉलपोरफी (colporrhaphy), हिस्टेरोपेक्सी (hysteropexy), यूरेथ्रल स्लिंग (urethral sling) और एनल इनकॉन्टिनेंस के लिए एनल स्फिंक्टरोप्लास्टी (anal sphincteroplasty)।
पेरिनिओप्लास्टी (perineoplasty) से, उम्र बढ़ने के साथ और कई वेजाइनल डिलीवरी होने के बाद, औरतों के चौड़े हो चुके वेजाइनल डायमीटर को फिर से कसा जा सकता है।
वैजिनोप्लास्टी (Vaginoplasty) की प्रक्रिया बर्थ डिफेक्ट्स और कंजेनिटल डिफ़ॉर्मेशन्स को रिपेयर करती है ताकि बेबी बड़ा होकर नॉर्मली यूरिनेट, मेंस्ट्रूएट और सेक्स कर सके।
फंक्शनल और कॉस्मेटिक वेजाइनल रिजुवनेशन
पटेल समझाती हैं कि फंक्शनल प्रक्रियाएं औरतों के सेक्शुअल अनुभव और संवेदनाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान देती हैं। कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट्स वेजाइनल ओपनिंग और वल्वा की दिखावट पर फोकस करते हैं।
इनमें सबसे आम हैं क्लिटरल अनहुडिंग (clitoral unhooding) या क्लिटरल हुड रिडक्शन (clitoral hood reduction) जिसमें एक्स्ट्रा टिशूज़ को सर्जिकली हटाकर क्लिटरल हुड के साइज़ को काम किया जाता है।
कुछ और भी हैं जिन्हें पटेल इंटिमेसी इंजेक्शन के नाम से बुलाती हैं। इसमें जी-स्पॉट, क्लिटरल कॉम्प्लेक्स या वल्वल एरिया में दिए जाने वाले ह्यल्यूरोनिक एसिड के शॉट्स या सेल्ल्युलर पीआरपी (प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा) के शॉट्स शामिल हैं जिनसे सेक्शुअल प्लेज़र को बढ़ाया और डिसफंक्शन को सुधारा जा सकता है।
वेजाइनल रिजुवनेशन प्रक्रियाओं में लैबियाप्लास्टी (Labiaplasty) सबसे आम है जिसमें “सिमिट्री में सुधार करना, अंदरूनी लैबिया को हटाना या कम करना, लैबिया मेजोरा (labia majora) के ऊपरी भाग और मोंस प्युबिस (mons pubis) से अनचाहे अतिरिक्त फैट को हटाना” शामिल है।
इसमें कई एनर्जी-बेस्ड नॉन-इनवेसिव प्रक्रियाएं भी शामिल हैं, जैसे – फ्रैक्शनल CO2 लेज़र और Er: YAG लेज़र, रेडियो फ्रीक्वेंसी-बेस्ड डिवाइस और हाई इंटेंसिटी फोकस्ड अल्ट्रासाउंड, जिनकी मदद से वेजाइनल कनाल को टाइटेन करके उसके लुक और फंक्शन को बेहतर बनाया जा सकता है।
डॉक्टर के ऑर्डर
जैसा कि हर सर्जरी से पहले होता है, आप इस प्रक्रिया के योग्य हैं कि नहीं, यह देखने के लिए एक प्रोफेशनल आपका पूरा चेकअप करेगा।
ट्रीटमेंट की डिटेल में काउंसलिंग के लिए साइन-अप करें, उसका खर्चा, फाइनल रिज़ल्ट और साइड इफ़ेक्ट होने की संभावना को अच्छे से समझें ताकि आप खुद को ट्रीटमेंट से पहले और बाद के लिए अच्छे से तैयार कर सकें।
आपको अपनी मेडिकल हिस्ट्री शेयर करनी होगी जिसमें आपकी पेल्विक और ऑब्सटेट्रिक्स रिपोर्ट भी शामिल होंगी और एक पेल्विक एग्जामिनेशन के साथ अल्ट्रासाउंड और पैप स्मीयर भी कराना होगा।
पटेल के अनुसार, एक्टिव HPV/HSV (STDs), एक्यूट वेजाइनिटिस, हाल ही में हुई कोई वेजाइनल चोट या ब्लीडिंग, आदि के मामले में आपको इस प्रक्रिया के लिए अयोग्य माना जा सकता है।
इसके अलावा, बॉडी डिस्मोर्फिक डिसऑर्डर से ग्रस्त पेशेंट्स को सही काउंसलिंग देकर, उचित ट्रीटमेंट के लिए दूसरे प्रोफेशनल्स के पास जाने की सलाह दी जाती है।

प्रश्न जो आपको ज़रूर पूछने चाहिए
एक अच्छे डॉक्टर की निशानी ये है कि वह बेझिझक किसी भी प्रक्रिया को कराने के लिए मना कर दे, भले ही ये उसके लिए पैसों के नुक्सान की बात हो। मुलाकात के पहले ही दिन सर्जरी के लिए सहमति देने के बजाय, वे पेशेंट्स के साथ खुलकर चर्चा करने, सवाल-जवाब और बार-बार कंसल्टेशन के लिए भी तैयार रहते हैं।
कुछ ज़रूरी प्रश्न जो आपको अपने सर्जन से पूछने चाहिए:
- सर्जरी की शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म रिस्क और संभावित कॉम्प्लीकेशन्स क्या हैं?
- हर कंसल्टेशन से लेकर सर्जरी तक का खर्चा, एनेस्थीसिया, रिकवरी के लिए ज़रूरी आइटम (अगर कोई हों तो) और फॉलो-अप को मिलाकर सर्जरी का पूरा फाइनेंशियल खर्चा क्या होगा?
- क्या आप संभावित कॉम्प्लीकेशन्स को हैंडल करके उन्हें ट्रीट कर सकते हैं?
- सर्जरी के बाद, सेनेटरी प्रोडक्ट्स जैसे टेम्पोंस और मेंस्ट्रुअल कप्स के उपयोग पर किस तरह के प्रतिबंध हैं?
- क्या सर्जरी की वजह से भविष्य में प्रेगनेंसी या चाइल्ड बर्थ में किसी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती हैं?
- क्या इस ट्रीटमेंट का कोई नॉन-सर्जिकल ऑप्शन भी है?
- क्या सर्जरी के बाद मुझे अपने वजाइना या क्लिटोरिस में सुन्नता या सेंसेशन की कमी महसूस हो सकती है?
- क्या इस सर्जरी से मेरी ऑर्गास्म प्राप्त करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है?

इसमें रिस्क भी हो सकता है
2018 में, अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग की एक फेडरल एजेंसी, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए), ने वेजाइनल कॉस्मेटिक प्रोसीज़र्स के लिए एनर्जी-बेस्ड डिवाइसेस के उपयोग पर कई सुरक्षा प्रश्न उठाए थे।
ये कदम पब्लिक को आगाह करने के लिए उठाया गया था कि एफडीए के द्वारा इस तरह के उपयोग के लिए किसी भी डिवाइस को मंजूरी नहीं दी गयी है और पेशेंट्स को लॉन्ग-टर्म में इससे होने वाली संभावित कॉम्प्लीकेशन्स के प्रति सचेत रहना चाहिए।
हाल ही में, बहुत सी अटकलों के बाद, एफडीए ने अपनी 510(के) प्रक्रिया के तहत, टिश्यू एबलेशन, रिसर्फेसिंग और एस्थेटिक गायनोकोलॉजी के लिए लेज़र और अन्य एनर्जी-बेस्ड डिवाइसेस के उपयोग को मंजूरी दे दी है।
पटेल कहती हैं, “ये निष्कर्ष लेज़र और रेडियोफ्रीक्वेंसी डिवाइसेस का उपयोग करने से पहले उनके ज़्यादा संख्या में क्लीनिकल ट्रायल्स पर जोर देते हैं।” उनका ये भी कहना है कि काफी संख्या में पुरानी और आज भी हो रही इन सफल प्रक्रियाओं की तुलना में कुछ असफलताओं की वजह से लोगों को सर्जिकल या नॉन-सर्जिकल प्रक्रियाओं से डर कर पीछे नहीं हटना चाहिए।
वो कहती हैं, “आप अपने शरीर के एक बहुत ही सेंसिटिव और प्राइवेट पार्ट को ट्रीट करने के लिए किसी पर भरोसा करने जा रहे हैं। इसके लिए आपको एक एस्थेटिक गायनोकोलॉजिस्ट जैसे स्पेशलिस्ट के पास जाना चाहिए।”
उनसे पूछें कि उन्होंने कितनी बार ऐसी प्रक्रियाओं को परफॉर्म किया है, कितने फॉलो-अप अटेंड किये हैं (कम संख्या में फॉलो-अप का मतलब है कि पेशेंट्स ने बाद में डॉक्टर को बदल दिया है)।
आपको एक ऐसे अनुभवी प्रोफेशनल की ज़रुरत है जो सुरक्षा के दायरें में रहते हुए अपने पेशेंट को पूरी तरह से संतुष्ट करना जानता हो।