
"बाल झड़ने की समस्या ने मेरे आत्मविश्वास को भंग कर दिया"
शमा पाटिल, 37 वर्षीय, अपनी बाल झड़ने की समस्या से जुड़े संघर्ष और उसके साथ आये इमोशनल उतार-चढ़ाव से जूझने के सफर को बयान करती हैं
याद है वो तेल में चुपड़ी चोटी जिसे रिबन लगा कर बर्थडे गिफ्ट की तरह सजा दिया जाता था। गरम तेल की चम्पी, ब्राह्मी, मेथी और एलो वेरा से भरपूर आयुर्वेदिक मास्क और पीढ़ियों से चले आ रहे, महिलाओं द्वारा आजमाए, ना जाने कितने घरेलू नुस्खे जिनका एक ही उद्देश्य होता था – भारतीय सुंदरता का प्रतीक – चमकदार लम्बे बाल।
खूबसूरत बालों के प्रति सदियों पुराने हमारे जुनून को देखते हुए, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बालों का झड़ना एक बेहद दर्दनाक अनुभव हो सकता है, जो आपके आत्म-विश्वास को भंग कर सकता है। 37 वर्षीय शमा पाटिल, जो करीब एक दशक से बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहीं थीं, कहती हैं, “बाल झड़ने के कारण मुझे ऐसा लगने लगा जैसे मैं खुद पर विश्वास खो रही हूं, और इस वजह से मुझे घर से बाहर निकलने में झिझक महसूस होने लगी। कई डॉक्टरों को कंसल्ट किया, गोलियां और औषधियां खाईं, फिर जाके उनका परिचय त्राया से हुआ, यह एक होलिस्टिक सर्विस थी, जो उनके लिए बिलकुल नई थी। इसने उन्हें अपने बालों के झड़ने के मूल कारणों को समझने और उपयुक्त रिज़ल्ट पाने में मदद की। यह उनकी बाल झड़ने की समस्या से जूझने और आशा के साथ आगे बढ़ने की कहानी है।
बचपन में, मेरे बाल काफी घने और लम्बे थे। आमतौर पर जैसे सबके बाल झड़ते हैं, वैसे ही मेरे भी झड़ते थे। जैसे ही मेरा 20वां दशक खत्म होने को आया, अचानक ही सबकुछ बदल गया। झुण्ड के झुण्ड बाल झड़ते देख मेरे रौंगटे खड़े हो गए। मैं बहुत घबरा गयी थी।
उस वक़्त, हमने घर बदला था तो मुझे लगा पानी बदलने की वजह से यह परिवर्तन आया है। मैंने कुछ स्किन स्पेशलिस्ट को कंसल्ट किया और दवाइयां लेना शुरू किया। इन ट्रीटमेंट से कुछ समय तक तो फायदा हुआ, पर बच्चे होने के बाद, मेरे बाल फिर से बुरी तरह झड़ने लगे। दोबारा ट्रीटमेंट शुरू किया, लेकिन जैसे ही दवाइयां बंद करती, फिर से बाल झड़ने की समस्या शुरू हो जाती। मैं बहुत असहाय महसूस करने लगी थी, ऐसा लगता था जैसे किसी गोलचक्कर में फंस गयी हूं।
एक समय था जब मैं सैलून में काम करते हुए, अपने बालों पर गर्व करते नहीं थकती थी और फिर उन्हें धीरे-धीरे खत्म होते देखना – यह बहुत दर्दनाक था। मैंने हेयर एक्सटेंशन भी लगाने शुरू किये लेकिन वे भी मेरे बालों के साथ हाथ में आने लगे। मैंने मान लिया था कि अब आगे की जिंदगी मुझे विग लगाकर ही गुजारनी पड़ेगी।
जब मेरा आगे का स्कैल्प दिखना शुरू हो गया, मुझे शादियों और फैमिली फंक्शन में जाने में झिझक महसूस होने लगी क्योंकि जो भी मुझसे मिलता, उसका पहला सवाल मेरे बालों के बारे में होता। मुझे लगता जैसे हर व्यक्ति मेरे बारे में ही बात कर रहा है। बाल झड़ने के साथ मेरा आत्मविश्वास भी गिरना शुरू हो गया और इस वजह से मैंने बाहर निकलना बंद कर दिया। ऐसा लगने लगा था जैसे मैंने जिंदगी जीना ही छोड़ दिया था।
कुछ और डॉक्टरों को कंसल्ट करने के बाद मैंने जाना कि मेरी बाल झड़ने की समस्या का मुख्य कारण एनीमिया है। मैं समझ गई कि इससे छुटकारा पाने के लिए मुझे एक होलिस्टिक दृष्टिकोण अपनाना पड़ेगा। फिर एक दिन ऐसे ही फेसबुक देखते हुए, मेरी नज़र त्राया की एक पोस्ट पर पड़ी। यह कंपनी हेयर फॉल के लिए आयुर्वेद, डर्मेटोलॉजी और न्युट्रिशन का उपयोग करती है और इसे डॉक्टरों का भी समर्थन प्राप्त है।
मैं पहले ही अपने बालों के ट्रीटमेंट पर बहुत पैसा खर्च कर चुकी थी और कुछ ख़ास फायदा भी नहीं हुआ था, इसलिए मेरे पति ने इस ट्रीटमेंट के लिए इंकार कर दिया। उनके अनुसार ऐसी दवाइयों पर पैसा खर्च करने में कोई समझदारी नहीं थी जो असर ही नहीं कर रही थी।
प्रैक्टिकल हो कर सोंचें, तो शायद वह सही थे। लेकिन मुझे डर था कि अगर मैंने अपने इलाज में और देरी की, तो शायद मैं कभी भी अपनी घटती हेयरलाइन और पैची स्कैल्प को बहाल नहीं कर पाउंगी। इस दुविधा में, मेरे दोस्तों ने मेरा बड़ा साथ दिया और मुझे प्रेरित किया। उनके प्रोत्साहन के साथ, मैंने त्राया का ट्रीटमेंट लेने का और इसके लिए अपनी सेविंग्स का उपयोग करने का निर्णय लिया।
भले ही मैं अपनी बाल झड़ने की समस्या का इलाज पाने के लिए बेताब थी, फिर भी इस ऑनलाइन प्रक्रिया को लेकर मुझे कुछ आशंकाएं थी। इसलिए मैंने सोचा कि मैं पहले एक किट के साथ शुरुआत करूंगी। एक हेयर टेस्ट के बाद, जहां उन्होंने मुझसे मेरी डाइट और दवाओं के बारे में पूछा, उन्होंने मुझे एक किट और डाइट प्लान दिया जिसमें हेयर रस, हेल्थ तत्व, विटामिन कैप्सूल, हेयर सीरम, तेल और बहुत कुछ शामिल था।
यह करीब नौ महीने का ट्रीटमेंट था और इस दौरान उन्होंने मुझे ज्यादा पानी, सब्जियां और जूस का सेवन करने के लिए प्रेरित किया।
मेरी आशंकाओं को दूर करने के लिए, त्राया के एक हेयर कोच से मेरी बात कराई गई। उसके बाद, मैं इस ट्रीटमेंट को लेकर काफी पॉजिटिव महसूस करने लगी। बहुत समय बाद मुझे आशा की एक किरण दिखाई दी।
आगे के महीनों में, जब भी मुझे कुछ संशय होता, मैं त्राया हेयर कोच को मैसेज करके सलाह ले लेती। पुराने सभी ट्रीटमेंट की तुलना में त्राया के साथ मेरा यह अनुभव इन्हें सबसे अलग करता है। यहां, मेरा हेयर कोच समय-समय पर मुझसे खुद अपडेट लेता था और मेरा मार्गदर्शन करता था।
मैं झूठ नहीं बोलूंगी, शुरुआत में मुझे भी पूरा विश्वास नहीं था कि यह ट्रीटमेंट काम करेगा, लेकिन मैंने फिर भी चलने दिया। यहां तक कि जब मैंने किट का उपयोग करना शुरू किया, तब भी मेरे बहुत सारे बाल झड़ते थे। मुझे डर था कि मैं अपने बचे-कुचे बाल भी खो दूंगी। लेकिन मेरे कोच ने मुझे इलाज जारी रखने के लिए प्रेरित किया। दो महीने के भीतर, मैंने महसूस किया कि बाल धोने के बाद मुझे अपने स्कैल्प पर थोड़ा खुरदरापन लगता और खुजली होती थी। और चौथा महीना खत्म होने तक, मुझे नए बाल उगते हुए दिखाई देने लगे थे।
हेयर कोच के साथ मेरे कंसल्टेशन, मेरे इस पूरे सफर का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा थे। मैं अपनी सभी चिंताएं उनके साथ शेयर करती थी। जब मुझे अपना स्कैल्प खुरदुरा महसूस होने लगा और बहुत खुजली होती थी, मुझे लगा कि यह डैंड्रफ के कारण हो रहा है। लेकिन उन्होंने मुझे समझाया कि यह ट्रीटमेंट के प्रति मेरे स्कैल्प का रिएक्शन है। जब मैंने परिणाम देखा, तब जाकर मुझे आश्वासन मिला। मैंने उन्हें यह भी बताया कि मैं उनके दिए हुए डाइट प्लान का ठीक से पालन नहीं कर पा रही थी, तो उन्होंने उसमें मेरी लाइफस्टाइल के अनुरूप बदलाव किया।
हर किसी ने कहा कि उन्हें अंतर दिख रहा था, यहां तक कि मेरे पति ने भी मुझे फिर से सपोर्ट करना शुरू कर दिया। पहले बाल हल्के और कम होने के कारण मैं पोनीटेल भी नहीं बांध पाती थी, लेकिन अब मैं अपने बालों को कई स्टाइल में बना पाती हूं। मैं आपको बता नहीं सकती कि यह कितना संतोषजनक अहसास है।
अब मेरा स्कैल्प बिल्कुल दिखाई नहीं देता, इसलिए मेरा आत्मविश्वास फिर से बढ़ गया है और अब मुझे घर से बाहर निकलने में और लोगों से मेलजोल करने में बिलकुल झिझक नहीं होती। अब मैं अपना जीवन खुलकर जी पा रही हूं। भले ही कुछ लोगों को ऐसा लग सकता है कि बाल झड़ने की समस्या कोई बहुत बड़ी बात नहीं है, लेकिन केवल इससे जूझ रहे लोग ही यह समझ सकते हैं कि यह किसी के मनोबल को किस हद तक प्रभावित कर सकता है।
साक्षी शर्मा के साथ शेयर किये हुए अनुभवों पर आधारित