
मानसून में स्किनकेयर, क्योंकि ढली हुई सूरत किसे पसंद है
इन एक्सपर्ट रेकमेंडेशन्स की मदद से अपनी चिकनी त्वचा को ग्लोइंग त्वचा में बदल दें
कोई भी चीज़ मानसून का वर्णन इनसे बेहतर नहीं कर सकती – एक कप गरमागरम मसाला चाय और ह्यूमिडिटी जो आपकी पूरी सनस्क्रीन को बहा कर ले जाए, इन दोनों का जिक्र किये बिना यह वर्णन अधूरा है। जब मानसून में स्किनकेयर की बात हो, तो अक्सर सबसे पहले हम मॉइस्चराइज़र से दूर भागने लगते हैं। हमारी गंदी त्वचा किसी झमेले जैसी लगने लगती है और चेहरे पर इतना तेल जमा होने लगता है कि उसमें 4 बजे के नाश्ते के लिए पकौड़े तल लें।
पर मौसम बदलते ही हमें अपने स्किनकेयर रूटीन को छोड़ना नहीं चाहिए। हमें बस नए मौसम के अनुकूल इसमें बदलाव लाने की आवश्यकता है।
आपका शरीर बहुत से परिवर्तनों से गुजर रहा है। अत्यधिक पसीना बहने के कारण आप डिहाइड्रेटेड महसूस कर रहे हैं। ह्यूमिडिटी की वजह से आपके चेहरे पर मुंहांसे निकलने शुरू हो गए हैं और इन्हें खुजलाने से खुद को रोकने के लिए बहुत सी इच्छाशक्ति की ज़रुरत महसूस हो रही है।
तो इस स्थिति में अपना माथा फोड़ने की बजाय, मानसून में स्किनकेयर के लिए हमने एक्सपर्ट्स से कुछ टिप्स और डेली रूटीन में लाए जाने वाले कुछ बदलाव शेयर करने के लिए कहा।
मानसून में स्किनकेयर रूटीन में लाए जाने वाले कुछ हेल्दी बदलाव
अपने क्लीन्ज़र में एसिड डालें
ह्यूमिडिटी के बढ़ते ही, किसी हैवी-ड्यूटी क्लीन्ज़र से अपने चेहरे को धोकर, अपनी त्वचा से उस अतिरिक्त तेल को बाहर निकाल फेंकना, हमारा स्वाभाविक प्रवृति होती है।
हमें यह सिखाया जाता है कि धोने के बाद ही चेहरा एकदम साफ-सुथरा होता है लेकिन हमारी त्वचा इस सुझाव से सहमत नहीं है।
आप दिन में दो बार अपने चेहरे को साफ़ कर सकते हैं लेकिन ऐसा प्रोडक्ट चुनें जो आपकी त्वचा के लिए कोमल है। ऐसा क्लीन्ज़र जिसमें बीटा-हाइड्रोक्सी एसिड मौजूद हो। काया स्किन क्लीनिक की सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट, डॉ फरीदा मोदी, सैलिसिलिक एसिड का सुझाव देती हैं।
सैलिसिलिक एसिड कोमलता से आपके छिद्रों में गहराई तक जाकर आपके चेहरे की त्वचा को एक्सफोलिएट करता है, जिससे छिद्रों का दिखना और चिकनाई के कारण त्वचा का चमकना कम होता है।
यह मुंहांसों के लिए एक बेहतरीन इंग्रीडिएंट है, जो इसे मानसून के लिए उपयुक्त बनाता है। ह्यूमिडिटी बैक्टीरिया को पनपने में मदद कर सकती है जिससे इस मौसम में हमारी त्वचा पर मुंहांसे निकलने की संभावना बढ़ जाती है।

अपने चेहरे से तेल को निचोड़ कर निकाल देने के बजाय उस पर नियंत्रण बनाएं
अपने चेहरे से तेल को पूरी तरह से हटाने के बजाय (जो एक हेल्दी स्किन बैरियर के रूप में आवश्यक है) हमें सीबम के अतिरिक्त उत्पादन पर रोक लगाने और अपने छिद्रों को साफ रखने पर ध्यान देना चाहिए।
नियासिनामाइड एक मल्टीटास्किंग इंग्रीडिएंट है जिसमें इन्वेस्ट करना समझदारी है। यह हमारे छिद्रों का दिखना कम करता है, तेल के अतिरिक्त उत्पादन पर रोक लगाता है और त्वचा की फिर से सरंचना करता है।
नियासिनामाइड का इस्तेमाल करते समय थोड़ा संयम बरतने की ज़रुरत है। शुरुआत में इसे हफ्ते में दो बार लगाएं और धीरे-धीरे सहनशीलता बढ़ाएं। और हमेशा पहले एक पैच टेस्ट करके सुनिश्चित करे कि आपकी स्किन इसके प्रति कैसे रिएक्ट करती है।
डर्मेटोलॉजिस्ट निकिता सोनवने का सुझाव है, “किसी भी एक्टिव इंग्रीडिएंट के इस्तेमाल से पहले, अपने हाथ या कलाई के बजाय, अपने कान के पीछे एक पैच टेस्ट कर के देखें क्योंकि वहां की त्वचा आपकी चेहरे की त्वचा से मेल खाती है। 48 घंटे तक प्रतीक्षा करें और देखें की वह कैसे रिएक्ट करता है।”

मॉइस्चराइज़र से दूर भागने के बजाय, एक हल्का ऑप्शन चुनें
हर स्किन टाइप को अपने रूटीन में मॉइस्चराइजर की ज़रुरत होती है, ऑइली स्किन की भी। हम मानसून में स्किनकेयर के अपने रूटीन में से अक्सर मॉइस्चराइज़र को बाहर निकाल देते हैं, लेकिन बदले में, यह कदम हमारी त्वचा को और भी ज़्यादा तेल का उत्पादन करने के लिए ट्रिगर कर सकता है।
ऐसे मौसम में कोई भी फेशियल ऑइल्स और गाढ़ी क्रीमों की घुटन महसूस नहीं करना चाहता। उन्हें ठंडे मौसम के लिए संभालकर रख दें और अभी के लिए कोई हल्का, आसानी से फैलने वाला लोशन या जेल क्रीम चुनें।
डॉ मोदी कहती हैं, “अत्यधिक पसीना बहने से डिहाइड्रेशन होने लगता है। इसलिए, त्वचा में नमी बरक़रार रखने के लिए हमे ऐसे मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करना चाहिए जिसमें ह्यूमेक्टेंट्स (humectants) होते हैं।” वह लोगों को मैटीफाइंग मॉइस्चराइज़र इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं।
ह्यूमेक्टेंट्स (humectants) स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले जल-प्रेमी एजेंट्स होते हैं जो आपकी स्किन की ऊपरी परत को नमी प्रदान करते हैं। यह पर्यावरण से या त्वचा की गहरी परतों से प्राप्त हो सकता है। मॉइस्चराइज़र में पाए जाने वाले ह्यूमेक्टेंट्स में ग्लिसरीन, यूरिया, ब्यूटिलीन ग्लाइकॉल और लोकप्रिय हायल्यूरोनिक एसिड और सोडियम हायल्यूरोनेट सबसे आम हैं।

भले ही बादल छाए हुए हों लेकिन सनस्क्रीन फिर भी ज़रूरी है
ठीक है, ठीक है, आपने पहले भी सुना होगा लेकिन हम एक बार फिर दोहराते हैं। बारिश हो रही है इसका मतलब यह नहीं है कि आप सन प्रोटेक्शन लगाने से बच जाएंगे।
जैसे आपने अपने मॉइस्चराइज़र का हल्का विकल्प ढूंढ लिया है, वैसे ही मैटीफाइंग या फ्लूइड सनस्क्रीन चुनें। डॉ प्रेरणा तनेजा कहती हैं, “अगर सूरज की रोशनी है तो किरणें भी होंगी… भले ही मानसून में सूरज की किरणें नज़र ना आती हों पर वह आपकी त्वचा को प्रभावित ज़रूर करती हैं।”
दिन-ब-दिन फलफूल रही इस ब्यूटी इंडस्ट्री में कई प्रकार की सनस्क्रीन उपलब्ध है – लोशन, स्टिक्स और स्प्रे। तो, चारों ओर नज़र दौड़ाएं और अपने लिए इस मौसम के अनुकूल बेस्ट सनस्क्रीन ढूंढें और इसे अपने मानसून स्किनकेयर रूटीन में शामिल करें।

स्किनकेयर की कई परतों से बचने के लिए मल्टीटास्किंग प्रोडक्ट्स में इन्वेस्ट करें
हम अपने स्किनकेयर प्रोडक्ट्स को कई परतों में लगाना पसंद करते हैं। लेकिन मानसून के दौरान, हमारी त्वचा इन परतों को आसानी से सहन नहीं कर पाती है।
तो इसके बजाय, ऐसे प्रोडक्ट्स में इन्वेस्ट करें जो एक से ज्यादा काम करते हों ताकि आप अलग-अलग कई प्रोडक्ट्स लगाने से बच सकें।
जैसे, मॉइस्चराइज़िंग इंग्रीडिएंट्स युक्त सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से आप दिन के दौरान एक स्टैंडअलोन मॉइस्चराइज़र का उपयोग करने से बच जाएंगे (अगर स्किन ड्राई है तो बात और है)। एक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर मॉइस्चराइज़र लगाने का मतलब है कि आपको अलग से विटामिन सी सीरम लगाने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी। एक टिंटेड लिप बाम आपकी लिपस्टिक लगाने की आवश्यकता को कम कर सकता है।
मानसून स्किनकेयर में लाए जाने वाले ये छोटे-मोटे बदलाव आपकी त्वचा के भार को थोड़ा कम कर सकते हैं। ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से जो अच्छे इंग्रीडिएंट्स से भरपूर हों, आपको कम घुटन, चिड़चिड़ापन और चिपचिपाहट महसूस होगी।

एक क्ले मास्क की मदद से खुद की प्यार भरी देखभाल करें
मड मास्क हमारे चेहरे से अतिरिक्त तेल को सोखने का एक आसान तरीका है। अपनी त्वचा के छिद्रों को साफ़ रखने के लिए, हफ्ते में एक बार इनका इस्तेमाल करना पर्याप्त है।
आपको इसे पूरी तरह से सूखने नहीं देना चाहिए (प्रोडक्ट बॉक्स पर दी गई सलाह का पालन करना बेहतर है), केवल उतना सूखने दें जितना फायदा पहुंचाने के लिए काफी हो। फेस मास्क एक सौम्य, मैन्युअल एक्सफोलिएटर के रूप में शानदार काम करता है। कुछ मास्क केमिकल एक्सफोलिएटिंग इंग्रीडिएंट्स जैसे कि ग्लाइकोलिक एसिड और सैलिसिलिक एसिड के साथ आते हैं जिन्हें आप केवल 10 मिनट बाद भी धो सकते हैं।
