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breast talk
फोटो: COTK / अनस्प्लैश
by Anju Kish एक्सपर्ट
जनवरी 31, 2020

अपनी बेटी से ब्रेस्ट के बारे में बात करना बहुत ज़रूरी है

लड़कियों को भी अपने उभरते ब्रेस्ट के बारे में बहुत से सवाल होते हैं

नई-नवेली दुल्हन की ओर तिरस्कार भरी नज़रों से देखते हुए, मिसेज शर्मा धीरे से फुसफुसाई, “क्या इसके मां-बाप ने इसे अच्छे से खिलाया-पिलाया नहीं? इसके तो लगता है ब्रेस्ट ही नहीं हैं, यह अपने बच्चे को दूध कैसे पिलाएगी?”

“मिसेज शर्मा, माँ-बाप के ठीक से खिलाने-पिलाने पर ब्रेस्ट का साइज़ निर्भर नहीं करता। और हां, आपको अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए बड़े ब्रेस्ट की जरूरत नहीं होती है।” मैंने उनका मज़ाक बनाते हुए कहा।

“अरे, कैसे जरूरत नहीं है, बिल्कुल है! भला इतने छोटे ब्रेस्ट कैसे एक बच्चे का पेट भर पाएंगे?” मिसेज शर्मा ने पलट कर जवाब दिया और बुदबुदाते हुए बोलीं, “मुझे तो आश्चर्य होता है कि लड़के ने आखिर इसमें ऐसा क्या देखा…”

गुस्से से मेरे नथुने फड़कने लगे, लेकिन मैंने तुरंत अपना होंठ दांतों से दबा कर, समय रहते खुद को उन पर बरसने से रोक लिया।

‘आवश्यकता है: गोरी, सुंदर लड़की की’ विवाह के विज्ञापनों में यह शब्द सामान्य रूप से प्रयोग किए जाते हैं, लेकिन अगर मिसेज शर्मा का बस चलता तो वह इसके आगे, ‘बड़े साइज़ के ब्रेस्ट वाली’ भी जोड़ देतीं।

ब्रेस्ट – मैंने सिर्फ आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए इस शब्द को बोल्ड अक्षरों में लिखा है, क्योंकि यही तो ब्रेस्ट करते हैं – वे अपने उभार द्वारा लोगों की नज़रें अपनी ओर आकृष्ट करते हैं।

लेकिन एक ऐसी किशोरी के लिए, जिसने अभी-अभी प्यूबर्टी में कदम रखा हो, यह कोई बहुत अच्छी बात नहीं है। वह पहले से ही अपने शरीर में हो रहे परिवर्तनों को लेकर काफ़ी परेशान और शायद घबराई हुई भी होती है। ऐसे समय में, यदि किसी तरह से उसे कुछ जवां और फूहड़ लड़कों की भेदती नजरों का सामना ना करना पड़े, तो निश्चय ही वह आसानी से अपने उम्र के इस पड़ाव को पार कर लेगी।

हमारी वर्कशॉप्स में, 12 से 13 साल के लड़के खुलेआम ब्रेस्ट को दिए जाने वाले अलग-अलग नामों का ज़िक्र करते हैं – बूब्स, बू-बू, बूबीस, बाउंसी और कुछ नाम तो ऐसे भी हैं जो मैं यहाँ नहीं लिख सकती।

बड़े ब्रेस्ट वाली महिलाओं को देख कर, वह आपस में गुपचुप हंसी-मजाक तो करते ही हैं, पर साथ ही यह जानने को बड़े उत्सुक रहते हैं कि अगर उन्हें दबाया जाए, तो क्या उनमें से दूध निकलेगा?

दिलचस्प बात यह है, कि लड़कियों के मन में भी इस तरह के कई सवाल उठते हैं। एक बार, एक 11 साल की बच्ची ने आंसू भरी आंखों के साथ, मुझे बताया कि शायद उसके साथ कुछ गड़बड़ है – क्योंकि जब वह अपने ब्रेस्ट दबाती है तो उनमें से दूध ही नहीं निकलता। क्या आप कल्पना भी सकते हैं कि इस बारे में फ़िक्र करते हुए, वह किस मानसिक यातना से गुज़र रही होगी?

वयस्क अक्सर यह मानकर चलते हैं कि बच्चे सब जानते होंगे, लेकिन अगर आप अपने बच्चों को इन चीजों के बारे में बताएंगे ही नहीं, तो भला वे यह सब कैसे जानेंगे? इसमें बात क्या करनी है, आमतौर पर माँ-बाप यही पूछते हैं। यह तो नेचुरल है, और जब भी मेरी बेटी ब्रा पहनने लायक होगी, मैं उसे अवश्य दिलवाऊँगी।

कई दशकों से, सभी माएँ यही तरीका अपनाती आई हैं। जब मैं बड़ी हो रही थी (लगता है जैसे ना जाने कितनी पुरानी बात हो), मुझे याद है कि अचानक एक दिन मेरी मां मुझे दुकान पर ले गईं और कहा कि अब से मुझे ब्रा पहनना शुरू करना है।

मुझे आज भी अच्छे से याद है, जब सेल्स-लेडी मेरा नाप ले रही थी और सेल्समेन आस-पास ही मंडरा रहा था, तो मुझे कितना संकोच हो रहा था।

यह तो सिर्फ शुरुआत थी। आने वाले दिनों मे, हर समय ताक-झांक करते अपने भाइयों से इन नए कपड़ों को छुपाना भी अपने आप में एक बहुत बड़ा काम बन गया। मुझे ऐसा लगने लगा जैसे सब लोग मेरे ब्रेस्ट को ही घूर रहे हैं, और उनकी निगाहों से बचने के लिए मैंने झुक कर चलना शुरू कर दिया।

फिर जब कुछ फ्रेंड्स ने अपने ब्रा पहनने का बखान करना शुरू किया, और बाकियों ने इसे लेकर ओह्हो, आह् हा किया, तब जाकर मेरा आत्मविश्वास लौटा और मैंने फिर से सीधा चलना शुरू किया।

कुछ लड़कियों का शारीरिक विकास दूसरों की तुलना में जल्दी शुरू हो जाता है, जो उन्हें अत्यधिक संकोची बना देता है। अपने विकसित हो रहे हो ब्रेस्ट को छुपाने के लिए उनका झुक कर चलना, कभी-कभी दुर्भाग्य से उनका परमानेंट पोस्चर भी बन सकता है। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि हर माँ अपनी युवा हो रही लड़की को, उसके शारीरिक परिवर्तन विशेषकर उसके उभरते ब्रेस्ट, के बारे में आश्वस्त करे।

कुछ लड़कियां जिनके ब्रेस्ट जल्दी विकसित नहीं हो पाते या आकार में छोटे होते हैं, वे उनके साइज़ को लेकर चिंतित रहती हैं, तो कुछ लड़कियां जिनके ब्रेस्ट बहुत जल्दी या बहुत ज्यादा विकसित हो जाते हैं, वे उनके साइज़ को लेकर झुँझलाती दिखाई देती हैं – कोई भी उसमें खुश नहीं, जो उसके पास है।

पर अब ज़माना बदल रहा है – अगर आपके ब्रेस्ट जरूरत से ज़्यादा भरे-पूरे हैं तो आप मिनिमाइजर ब्रा पहन सकती हैं और अगर इसका उल्टा है, तो आपके लिए बाजार में पुश-अप या डबल पुश-अप ब्रा भी उपलब्ध हैं।

चलिए मज़ाक एक तरफ, इन युवा हो रही लड़कियों और साथ ही मिसेज शर्मा को भी यह समझाना बहुत ही महत्वपूर्ण है कि ब्रेस्ट का साइज़ कोई मायने नहीं रखता। साथ ही यह समझाना भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, कि हर लड़की अपने आप में निराली है और सबका विकास अलग-अलग तरह से और अपने-अपने समय पर होता है, अतः किसी को भी उसकी तुलना करने का कोई अधिकार नहीं है।

इस तरह के वार्तालाप यह सुनिश्चित करेंगे कि आपकी बेटी अपने शरीर के प्रति एक स्वस्थ नज़रिए के साथ बड़ी हो सके।

देखिए : वो हर सवाल जो आप एक गायनोकोलॉजिस्ट से करना चाहेंगी

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