
लड़कों के भी ब्रेस्ट होते हैं
टेस्ट के लिए जल्दी मचाने से पहले, याद रखें की यह एक नार्मल चेस्ट है
“हे भगवान! आजकल की इस पीढ़ी को क्या हो गया है?” मिसेज़ चोपड़ा चिल्लाते हुये मेरे पीछे से आईं, और मुझे चौंका दिया। दरअसल, उस समय मैं क्लब में अपनी बेटी की स्विमथॉन जन्मदिन पार्टी के लिये मेज़ पर मेडल जमा रही थी।
मैंने अपने धूप के चश्मे के पीछे से आंखें तरेरते हुए कहा, “अब क्या हुआ, मिसेज़ चोपड़ा? अब यह नई पीढ़ी आपको कैसे सता रही है?”
उन्होंने मेरे व्यंग को नज़र अंदाज करते हुए पूल में जा रहे बच्चे की तरफ इशारा किया, “उसे देखो, कैसे चारों ओर लड़कों से भरे पूल में, बिना कुछ ऊपरी वस्त्र पहने, नंगी जा रही है और वह भी तब, जब उस के ब्रेस्ट दिखने चालू हो गए हैं।”
चिंतित होकर, मैंने भी उस ओर देखा जहाँ वह इशारा कर रहीं थी। सच्चाई का एहसास होते ही मेरी तो हंसी ही छूट गई। “अरे! मिसेज़ चोपड़ा, वह लड़की नहीं बल्कि लड़का है- विवान।”
आश्चर्य से उनकी आंखें लगभग बाहर निकल आई, “ब्रेस्ट वाला …लड़का!”
इस उम्मीद के साथ कि विवान ने यह सब न सुना हो, मैं उन्हें फटाफट वहां से दूर ले गई। नहीं तो बेचारा बच्चा बुरी तरह से डर जाता। मुझे तो बड़ी खुशी थी कि वह स्विमिंग पार्टी में आया, क्योंकि मैंने कई लड़कों को देखा है, जो ब्रेस्ट बढ़ने के कारण शर्मिंदगी महसूस करते हैं और कपड़े उतारने के डर से पूल में जाने से ही इंकार कर देते हैं।
जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना- लड़कों के भी ब्रेस्ट का विकास होता है और इससे पहले कि आपको मिनी हार्ट अटैक आ जाए, कृपया जान लें कि यह बहुत ही सामान्य और आम बात है।
बहुत से शिशुओं में, चाहे लड़का हो या लड़की, जन्म के समय ब्रेस्ट के आसपास थोड़ी सी सूजन दिखाई देती है। कभी-कभी ‘मालिश वाली औरतें’, शिशुओं के ब्रेस्ट को दबाती हैं और इस कारण से आपको वहां से दूध की कुछ बूंदें भी निकलती दिखी होंगी। ऐसा हरगिज़ नहीं करने देना चाहिए। शिशुओं में स्तन की सूजन, माँ से मिले हार्मोन के कारण पाई जाती है, जो समय के साथ कुछ हफ़्तों में प्राकृतिक रूप से अपने आप ख़त्म हो जाती है।
युवावस्था में कुछ लड़कों में यह फिर से उभर के आती है और इसका कारण भी हार्मोंन ही होते हैं। युवावस्था आने पर लड़कों में पुरूष हार्मोंन ‘एंड्रोजन’ तो बनता ही है, पर साथ ही कुछ मात्रा में महिलाओं का हार्मोंन ‘एस्ट्रोजन’ भी बनता है। इन हार्मोंन्स के स्तर में असंतुलन की वजह से कई लड़कों के ब्रेस्ट में थोड़ा विकास हो जाता है।
ना तो यह कुछ गलत होने का संकेत है, और ना ही ऐसा है की वह लड़की में तब्दील हो रहे हैं या दूसरे कोई निरर्थक विचार। यह सिर्फ कुछ वक़्त के लिए हार्मोंन का खेल है। बहुत कम मामलों में, कभी-कभी ब्रेस्ट अत्यधिक विकसित हो जाते हैं, इस स्थिति को गाईनेकोमास्टिया कहते हैं और ऐसे में सर्जरी द्वारा उन्हें ठीक किया जा सकता है। कभी-कभी मोटापे के कारण भी ब्रेस्ट टिशू बढ़ जाते हैं।
दरअसल, सभी पुरूषों के ब्रेस्ट होते हैं, लेकिन ये महिलाओं की तरह उभरे हुए नहीं होते, बल्कि सपाट होते हैं। इसलिये, युवावस्था के दौरान, अगर किसी लड़के के ब्रेस्ट टिशू बढ़ जाते हैं, तो यह उसके लिये बहुत ही अजीब और भयावह वक्त होता है। ऐसे समय में, अभिभावकों को आगे आना चाहिए। जितना जरूरी अपने बच्चों को यह समझाना है कि इस उम्र में उनके ब्रेस्ट का विकास होना सामान्य है, उतना ही जरूरी उन्हें यह समझाना भी है कि दूसरे बच्चे जो इस विकास के दौर में हैं, उन्हें भी बिलकुल नहीं सताना चाहिए।
अच्छी खबर यह है कि यह स्थिति अल्पकालिक है, और कुछ सालों में ब्रेस्ट टिशू की सूजन अधिकतर कम हो जाती है। कुछ लड़कों में यह उभार, युवावस्था के अंतिम चरण, यानि कि 20 साल की उम्र तक भी दिखाई देता है। अधिक वजन वाले लड़कों में, यह तब तक दिखाई दे सकता है, जब तक वह अपना वज़न कम नहीं कर लेते। कुछ लड़कों के ब्रेस्ट टिशू की सूजन, कभी-कभी ज्यादा समय तक रह जाती है। लेकिन, यह तय है कि उनके ब्रेस्ट लड़कियों की तरह अत्यधिक विकसित नहीं होंगे- इसलिये आप चैन की सांस ले सकते हैं।
अंजू किश एक सेक्स एड्युकेटर हैं और अनटैबू की संस्थापक भी हैं