
क्या ‘वेजाइनल वॉश’ वास्तव में आवश्यक है?
मैं नहीं चाहती कि मेरा वेजाइना गुलाब या लैवेंडर सा महके
मुझे आज भी याद है, जब मैं अपनी स्कूलमेट के साथ उस गलियारे में खड़ी थी जहां ‘फेमिनिन हाइजीन’ प्रोडक्ट्स प्रदर्शित किए गए थे। हम दोनों भारत के पहले खुशबूदार वेजाइनल वॉश, जो नया-नया बाज़ार में आया था, उसके बारे में बात करके मुंह दबा कर हॅंस रहे थे। यह हमारी समझ से बाहर था कि क्यों हमारा वेजाइना किसी सफ़ेद चमेली की तरह महकना चाहिए, और क्यों वे फीमेल जेनिटेलिआ का वर्णन करने के लिए ‘लंबे समय तक बनी रहने वाली ताज़गी’ जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे थे, मानो कि यह कोई लॉन्ड्री का ढेर हो।
वापसी के समय, कार में बैठते ही जब हमने उसकी मम्मी से इस बारे में पूछताछ शुरू की तो किसी तरह की जानकारी या ज्ञान के बदले हमें सिर्फ डांट मिली।
अधिकांश भारतीय लड़कियों की तरह, मेरे अपने शरीर के बारे में मेरा ज्ञान इतना सीमित था कि इसके बारे में ‘ताज़गी’ और ‘स्वच्छता’ जैसे वायदों से मैं आश्वस्त हो गई कि इसमें कुछ-न-कुछ अस्वच्छ अवश्य है, विशेषकर मेंस्ट्रुएशन के समय। हमारे मुंबई चले आने के बाद, मेरी मम्मी सदैव इस बात का ध्यान रखती थीं कि मैं विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और इंफेक्शन्स से बचने के लिए, अपने टॉयलेटरीज़ बैग में लैक्टेसिड वाश अवश्य रखूं। लेकिन मैंने इस हल्के गुलाबी रंग के तरल पदार्थ और सामान्य पानी के प्रयोग करने पर दोनों में बहुत मामूली सा अंतर पाया। आखिर मैं इसमें इतना पैसा क्यों व्यर्थ खर्च कर रही हूँ?
वेजाइनल वॉश क्या काम करता है?
दिल्ली-स्थित गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन, डॉ तृप्ति शरन के अनुसार, प्राकृतिक औषधि के रूप से फीमेल वेजाइना किसी भी इंफेक्शन को दूर रखने के लिए पीएच 3.5-4.5 के साथ थोड़ा अम्लीय वातावरण बनाए रखते हैं। चिकित्सकों द्वारा महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) जैसी बार-बार होने वाली बीमारियों की स्थिति में वेजाइनल वॉश इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। दुर्भाग्यवश, अधिकतर महिलाएं जीवन में कम से कम एक बार यूरिन इंफेक्शन से पीड़ित होती ही हैं, जिसका संबंध यूरेथ्रा का छोटा होना अथवा गलत तरीके से पौंछने से हो सकता है (सदैव आगे से पीछे की तरफ सुखाना चाहिए)। गलत तरीके से पौंछने से ई. कोली नामक बैक्टीरिया, जो कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में पाया जाता है, वह एनस द्वारा वल्वा से होते हुए, आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में प्रवेश करके बीमारियों को बढ़ा सकता है।

प्रत्येक महिला के प्राकृतिक जीवन-चक्र में कुछ ऐसे दौर आते हैं जब उनमें हार्मोन संबंधी बदलाव होते हैं, जैसे प्यूबर्टी और मेनोपॉज़ के दौरान, और तब उनका स्वाभाविक पीएच संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसी स्थिति में उन्हें चिकित्सक द्वारा प्रतिपूरक के रूप में वेजाइनल वॉश इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। एक इंटरव्यू में, डॉक्टर फेलिस गेर्श ने कहा, “यूटीआई होने की अधिक संभावना पीरियड्स के समय होती है। एस्ट्रोजन सूजन को रोकने का काम करता है और यह हार्मोन मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग के समय अपने निम्नतम स्तर पर होता है, अतः आप यूटीआई की पकड़ में आसानी से आ सकते हैं।” इसीलिए मुंबई-स्थित गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन, डॉ गंधाली देउरुखकर पिल्लई, मेंस्ट्रुएशन के समय रोगी को एक अच्छे फॉर्मूले वाला माइल्ड वेजाइनल वॉश इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं।
अगर आप सेक्सुअली एक्टिव हैं, तो आपके यूटीआई से ग्रसित होने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। यूरोलॉजिस्ट सॉवरिन एम शाह, एमडी, के अनुसार, “अंगुलियां, सेक्स टॉयज, अथवा कोई भी ऐसी वस्तु जो अंदर बैक्टीरिया का संचलन करती है, उनका इस्तेमाल ब्लैडर में इंफेक्शन को बढ़ा सकता है। यही कारण है कि सेक्स के बाद यूरिन करना महत्वपूर्ण हो जाता है, ताकि बैक्टीरिया के शरीर में जगह बनाने से पहले ही उसे बाहर निकाल दिया जाए। यही बात शरीर में जल की उचित मात्रा बनाए रखने पर भी लागू होती है। इंफेक्शन से ग्रसित स्त्रियों के वेजाइना से एक बदबूदार डिस्चार्ज होता है, अतः उनके लिए वेजाइनल वॉश का प्रयोग करना और भी उपयोगी है। वेजाइनल वॉश के नियमित प्रयोग से, बार-बार होने वाले बैक्टीरियल वेजाइनोसिस की रिस्क को कम किया जा सकता है।
आपका वेजाइना आपकी सोच से कहीं अधिक होशियार है

लेकिन आम तौर पर, वेजाइना अपने अपने-आप में एक ‘सेल्फ क्लीनिंग ओवन’ की तरह है, जिसमें लैक्टोबैसिली के रूप में अच्छे बैक्टीरिया (हमारी आंतों की ही तरह) विद्यमान हैं, साथ ही ऐसे ग्लैंड्स भी जो आंतरिक अंगों की सफाई, डेड सेल्स तथा अवांछित कणों को, आवश्यकतानुसार शरीर से बाहर निकालने के लिए म्यूकस उत्सर्जित करते हैं। वास्तव में, कुछ वेजाइनल वॉश में प्रेज़रवेटिवस और सुगंध के रूप में हानिकारक रसायन भी हो सकते हैं जो शरीर की अत्यधिक प्रभावी इम्यून सिस्टम को बाधित कर, पहले से विद्यमान किसी भी तरह की सूजन या दुर्गंध को और बढ़ा सकते हैं। सबसे बुरी स्थिति में, अगर किसी को पहले से ही कोई इंफेक्शन है, वह यदि वॉश का उपयोग वेजाइना को तीव्रता से धोने या खंगालने में करता है, तो यह प्रक्रिया बैक्टीरिया को और अंदर रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट तक धकेल सकती है जहां वह अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है।
अब आप चाहे तो अपने इस अंग पर पूरा भरोसा रखें कि वह जैविक रूप से अपने लिए नियत काम कुशलता से करेगा, अथवा यदा-कदा आवश्यकतानुसार कुछ दवाओं की सहायता चुनें, किंतु प्रोफेसर रोनी लेमोंट के यह शब्द सदैव याद रखिए: “यदि प्रकृति ने वेजाइना को गुलाब और लैवेंडर की तरह महकने के लिए बनाया होता तो यह अवश्य गुलाब और लैवेंडर की तरह महकता।”