
बेडरूम में बेलन: किंक के लिए शुरूआती गाइड
अपने बेडरूम में बेलन का इस्तेमाल करें – आप शायद डेटिंग के लिए ऐसी सलाह पहली बार सुन रही होंगी। लेकिन क्या करें, ‘किंक (सामान्य से कुछ हटकर नया करना) के लिए शुरूआती गाइड’ जैसी कोई किताब भी तो कहीं उपलब्ध नहीं है, जिसे आप किसी की टेढ़ी नज़रों का सामना किए बिना किसी दुकान से ख़रीद सकें। टैबू और चलन से अलग होने के बंधनों को तोड़ते हुए, भारत में भी बीडीएसएम जैसे कामुक चलन के प्रति उत्साहित और इसका प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।
किंक का अर्थ है- कोई भी ऐसी चीज़ जो अलहदा हो या नई हो, कुछ ऐसा जो आपने पहले कभी न किया हो, जहां आप अपने दायरे से बाहर कुछ कर रहे हों। अंजुम* को शुरुआत में अपने पति का सुझाव सुनकर झटका लगा, क्योंकि उनकी पुरानी धारणाओं के अनुसार, बेडरूम में कुछ किंकी करना विकृति है या सेक्शुअल मानकों के विरुद्ध है। काफ़ी बहस और आखिरकार कुछ सीमाएं तय कर लेने के बाद वे पहला प्रयोग करने के लिए तैयार हुईं। उन्होंने मुझे बताया कि इस नई सेक्सुअली प्रबल भूमिका का उन्होंने पूरा आनंद उठाया और उन्हें ख़ुद पर बहुत आश्चर्य हुआ।
शालिनी* को बीडीएसएम, रोल-प्लेइंग और सेक्स टॉएज़ के बारे में पोर्नोग्राफ़ी देखकर पता चला। इससे मिला आनंद उनकी उत्सुकता तो बढ़ाता था, लेकिन अपने पार्टनर के साथ ऐसा करने में वह सहज महसूस नहीं करती थी। “जब बात महिलाओं की सेक्शुएलिटी की होती है तो ना जाने कितने टैबू प्रचलित हैं। इसके बीच यदि किंकी सेक्स और बॉन्डेज की बात करें तो लोग पागल ही हो जाएंगे। मैं अपने किसी भी बॉयफ्रेंड से इस बारे में बात करने का आत्मविश्वास नहीं जूटा पाई। मुझे थोड़ा संकोच महसूस होता था, मैं उनकी नकारात्मक प्रतिक्रिया से निपटने के लिए तैयार नहीं थी और डरती थी कि कहीं वह मेरे बारे में ऐसा ना सोचें की मेरे साथ कुछ गड़बड़ है इसलिए मैं इन चीजों को आजमाना चाहती हूं।” बैंगलोर में रहने वाली इस 32 वर्षीय बैंकर ने अपनी सेक्शुएलिटी का यह पहलू ऑनलाइन कम्यूनिटीज़ जैसे फ़ेटलाइफ़ पर खोजा, जहां वह बीडीएसएम के प्रति उत्साहित लोगों के साथ जुड़ीं। ख़ासतौर पर अपनी जैसी दूसरी महिलाओं से, जो ऐसे विकल्प खोजना तो चाहती थीं, लेकिन अनिश्चित थीं कि आख़िर इस पर अमल कैसे किया जाए।
“शुरू में यह डरावना लग सकता है। ज़ाहिर है, मैं हर वो चीज़ नहीं करना चाहती थी, जो वे पोर्न में दिखाते हैं, वो तो बहुत ज़्यादा ही होता है। लेकिन मुझे तो यह भी नहीं पता था कि शुरुआत कहां से करनी चाहिए। फिर मेरी मिशिगन की एक महिला से दोस्ती हुई, जिसने मुझे डॉमिनेशन (प्रभुत्व) और सब्मिशन (आत्मसमर्पण) पर बेहतरीन सलाह दी। फ़िलहाल मैं किसी ऐसे व्यक्ति को डेट कर रही हूं, जो मुझे समझता है और ख़ुद भी मेरे साथ नए प्रयोगों को करने के लिए उतना ही उत्साहित रहता है जितना की मैं,” वो बताती हैं।
प्राची एस वैश कपल्स को ‘वैकल्पिक’ यौन जीवनशैली अपनाने में मदद करती हैं, जिसमें बीडीएसएम, पॉलीमोरी, स्विंगिंग और बहुत कुछ शामिल हैं। एक क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, कपल थेरेपिस्ट और रिलेशनशिप कोच, वैश ने एक ऑनलाइन साइकोथेरेपी पोर्टल की स्थापना की, जिसके माध्यम से उनके बहुत सारे किंक-इच्छुक क्लाइंट्स उन तक पहुंच पाते हैं। “भारत वास्तव में अपने बेडरूम के दरवाजे खोल रहा है और वह भी अच्छे के लिए,” वह कहती हैं। बहुत सारे कपल्स जो वैश के पास जाते हैं, वह कहती हैं, कि रिश्ते टूटने की कगार पर हैं। वे इन यौन प्रयोगों में बॉन्डिंग, अंतरंगता और बुझी हुई आग को फिर से हवा देने के नए-नए तरीके तलाशते हैं, चाहे यह सुनने में कितना भी अजीब लगे।
एक ऐसे ही शर्मा* दंपति, जिनसे शालिनी ने मुझे मिलवाया, उन्होंने शालिनी और अंजुम की तरह अपने प्रयोगों पर आधारित कई ऐसे सुझाव मुझसे साझा किए, जो उन लोगों के लिए काम के साबित होंगे, जो अपनी किंकी साइड को खोजना चाहते हैं।
तैयारी करें
इस बारे में बातचीत करें → शर्मा दम्पति के लिए, यह पूर्णतया अच्छे कम्युनिकेशन पर निर्भर है। “पहले-पहल जब मेरे पति ने पूछा कि क्या वे मेरे हाथों को नीचे की ओर पकड़े रह सकते हैं, मैं थोड़ी आशंकित थी। मुझे पता नहीं था कि यह कितनी देर तक चलेगा या वे मुझ पर कितना दबाव डालेंगे। इसे आज़माने से पहले मैंने उनसे हर तरह के सवाल पूछे, जैसे- क्या, कैसे, कब, क्यों,” मिसेज़ शर्मा बताती हैं।

यदि आप ख़ुद पर या आप क्या कर रहे हैं, इस बात पर बहुत ज़्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे तो आप अपने साथी को असहज महसूस कराएंगे। “ये इस हाथ दो, उस हाथ लो वाली बात है,” अंजुम कहती हैं। वे कहती हैं कि कुछ भी आज़माने से पहले उसके बारे में दोनों को पूरी जानकारी होनी चाहिए। दोनों को साथ बैठकर ये तय करना चाहिए कि आख़िर वे क्या आज़माना चाहते हैं और इसे कैसे अंजाम तक पहुंचाएंगे। आपको आगे तभी बढ़ना चाहिए, जब आप दोनों ही इसके लिए तैयार हों। “नहीं तो चीज़ें बहुत जल्दी, बहुत ग़लत हो सकती हैं।”
इस प्ले के दौरान भी आप बातचीत करते रहें, ताकि आप दोनों को पता रहे कि आपका साथी कैसा महसूस कर रहा है। अंजुम कुछ सामान्य सवाल पूछने का सुझाव देती हैं, जिससे दोनों का अनुभव आनंददायक रहे और मूड भी बना रहे; “क्या तुम्हें ये अच्छा लग रहा है?” “क्या मैं दूसरी पोज़िशन ट्राइ करूं?” “क्या मैं तुम्हारे बाल को थोड़ा खींच सकता हूँ?”
सीमाएं तय कीजिए → शुरुआत से ही आपको अपनी सीमाएं स्पष्ट रखनी होंगी। “आप दोनों के बीच आपसी समझ और एक-दूसरे द्वारा व्यक्त की गईं सीमाओं के प्रति सम्मान की भावना होनी ही चाहिए,” अंजुम कहती हैं।
शालिनी दोनों को आपस में एक सरल सा शब्द तय कर लेने की राय देती हैं – कुछ ऐसा जो आपके साथी को ये समझा सके कि जो भी आप कर रहे हों उसे पूरी तरह रोक दें। “इस तरह यदि आप इस नए प्रयोग से असहज हैं, नाख़ुश हैं या नापसंद कर रहे हैं तो आप इसे वहीं रोक सकेंगे।”
आफ़्टर-केयर → “आफ़्टर-केयर शब्द से मैं ऑनलाइन रूबरू हुई, जब मैंने बीडएसएम गतिविधियों के बारे में पढ़ना शुरू किया और ये मुझे बहुत सही बात लगी,” अंजुम कहती हैं। यौन क्रिया के बाद यह एक-दूसरे के साथ समय बिताने, बातें करने, एक-दूसरे के आलिंगन में समाने और अंतरंग होने के बारे में हैं। यहां आप इस बारे में बात करते हैं कि आपको इस नए प्रयोग में क्या पसंद आया, क्या नहीं आया, ताकि आप दोनों एक ही जैसा महसूस कर सकें। “दरअसल, ये थोड़ा-सा इस बारे में भी है कि आप दोनों एक-दूसरे को इस बात का आश्वासन दें कि आपने जो भी किया वो कुछ गलत नहीं था। भारत में वैसे ही सेक्स को लेकर इतना बड़ा टैबू है, बीडीएसएम तो और भी बुरा है। इसे विकृत माना जाता है और यह बात हमारे अंदर तक घुसी हुई होती है। ऐसे में यदि हम कुछ नया आज़माना चाहते हैं और आज़मा लेते हैं तो इसके बाद हम ग्लानि और शर्मिन्दगी से भर उठते हैं। आपके साथी के साथ ऐसा ना हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए आफ़्टर-केयर ज़रूरी है। ये कोई लक्ष्य पा लेने के बाद की चर्चा की तरह है,” वे कहती हैं।
नौसिखियों के लिए किंक गतिविधियाँ
गंदी बातें
“रोले प्ले के दौरान की गयी गंदी बातें, माहौल बनाने के लिए बहुत अच्छी साबित होती हैं। और यह जरूरी नहीं की ऐसी बातें सिर्फ उसी वक़्त की जाएं। एक बार मैं और मेरे पति अलग-अलग जगहों पर थे और मैं उन्हें वहीं से रात की तैयारी के लिए छोटे-छोटे मैसेजेस लिख कर भेज रही थी,” मिसेज़ शर्मा ने खुलासा किया।

ये गुदगुदाती बातें फ़ोरप्ले के दौरान की जाएं तो और भी अच्छा हैं। फिर चाहे आप अपने साथी के आनंद का स्तर आंकना चाहते हों या फिर सेक्स के खेल की दिशा तय करना चाहते हों। “फ़ोरप्ले के दौरान ये बातें आपका सेक्शुअल उत्साह तो बढ़ाती ही हैं, साथ ही शारीरिक और मानसिक रूप से आपको उसके लिए तैयार भी करती हैं, जो आप आगे करने वाले हैं। ये पार्टनर्स के बीच बातचीत का एक नया सेक्सी पहलू बन जाता है,” शालिनी कहती हैं।
रिस्ट-टाइज़, ब्लाइंडफ़ोल्डस, पैडल्स और भी बहुत कुछ
शुरुआत में ही शून्य से सीधे पचास पर पहुंचने की कोशिश डरावनी साबित हो सकती है। शालिनी कहती हैं, कि यदि आप शुरुआत कर रहे हैं और चीज़ों को सिर्फ आज़मा कर देखना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कोई ख़ास टूल्स ख़रीदने की ज़रूरत नहीं है। आपके घर में ही बहुत-सी ऐसी चीज़ें मौजूद हैं, जिनसे शुरुआत की जा सकती है – नेकटाइ और यहां तक कि टी-शर्ट का भी इस्तेमाल आंखों पर पट्टी बांधने या किसी के हाथ बांधने के काम आ सकता है।
अगर दिखाई देने वाली उत्तेजक चीज़ से किसी को वंचित किया जाए, तो वह स्पर्श के प्रति और भी ज़्यादा संवेदनशील हो जाता है। ये सबमिस्सिव पार्टनर पर नियंत्रण करने का एक तरीक़ा हो सकता है। आपकी अगली चाल से अनजान आपके साथी का छूना-रिझाना मज़ेदार हो सकता है।
यदि आप कुछ हल्की (या तेज़) छेड़छाड़ या पिटाई आज़माना चाहते हैं तो लकड़ी की चम्मच का इस्तेमाल किया जा सकता है। “सामान्य वुडन स्पून, पलटा या रूलर इनमें से किसी का भी इस्तेमाल इस प्ले में पैडल की तरह किया जा सकता है। मैं हल्की-सी थपथपाहट से शुरुआत करने की सलाह दूंगी। आप फ़ेदर डस्टर्स, बर्फ़ के टुकड़ों आदि का इस्तेमाल अपने साथी के उकसाने वाले हिस्सों पर कर सकते हैं। और यदि आप कुछ ज्यादा ही चंचल महसूस कर रहे हैं तो अपने बेडरूम में बेलन तो लाया ही जा सकता है,” वे खिलखिलाते हुए कहती हैं।
काटना, खरोंचना और भी बहुत कुछ
कान के निचले हिस्से को मुंह में दबाना, छाती पर हाथों से खरोंचना, नितंबों और गालों पर चुटकी ले लेना या फिर गले के चारों ओर बांहों का हार पहना देना – बहुत से जोड़े जिनसे हमने बात की, उन्होंने माना कि शुरुआत करने वाले ऐसी हरकतों के प्रति सचेत रहते हैं, लेकिन इन हरक़तों का उद्देश्य दर्द पहुंचाना नहीं होना चाहिए – इनकी गंभीरता पर पहले ही चर्चा कर लेनी चाहिए और इसे नियंत्रण में रखना चाहिए – लेकिन इसकी अनुभूति में बदलाव लाते रहना चाहिए। सौम्य आनंद से लेकर तीखी अनुभूति के बीच से गुज़रते हुए, हल्का-सा दर्द, आपके शरीर को एक आनंदायक और संवेदनात्मक झटका देता है।
अपने साथी की दर्द सहने की क्षमता को समझें और अलग-अलग पोज़िशन्स और तरीकों के साथ प्रयोग करें। जब आप दोनों इसके लिए तैयार हो जाएं तो धीरे-धीरे इस यौन सुख की खोज में एक साथ और गहराई तक जाने के लिए सेक्स टॉएज़ और टूल्स को शामिल करें।
*सहयोगियों की पहचान छुपाने के लिए उनके नाम बदल दिए गए हैं।