
शादी के पहले साल में उतार-चढ़ाव से कैसे निपटें
कुछ दिन तो ‘ब्रूनो मार्स के म्यूजिक ट्रैक’ की तरह मज़ेदार बीतते हैं, और कुछ सोमवार की तरह सामान्य, उदासीन!
“बेचारे का तलाक हो रहा है,” मेरी मां ने ऊंचे स्वर में, सहानुभूति-पूर्वक कहा। मेरे दूर के कज़िन की छह महीने पहले बड़े ही धूमधाम से, ‘पिंटरेस्ट’ पर डालने योग्य, समुद्र किनारे हुई शादी (जिसके लिए शायद कई फिक्स-डिपॉज़िट तोड़ी गई हों), अब परिवार के 12 सदस्यों का एक साथ दिल तोड़ने के लिए उत्तरदायी है।
‘वैवाहिक सुख’ के पिछले 16 महीने बिताने के बाद, मैं विश्वास के साथ कह सकती हूं कि जो भी यह कहता है कि शादी का पहला साल केक-वॉक जितना ही आसान काम है, उसकी नेटफ्लिक्स की सदस्यता जीवन भर के लिए समाप्त कर देनी चाहिए। लेखिका मारला ताविआनो अपनी किताब फ्रोम बल्शिंग ब्राइड टू वेडिड वाइफ में वर्णन करती हैं, “शादी करना किसी विदेश में जा बसने जैसा ही है। आपको एक सांस्कृतिक झटका लगेगा। आपकी और आपके पति की सोच हमेशा अलग ही रहेगी।” सुनने में सही भी लगता है।
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अपने-आप को इस अटल प्रश्न के लिए तैयार कर लो- “शादी-शुदा जिंदगी कैसी चल रही है?” दोस्त, परिवार के लोग, किराने वाला, पार्लर वाली दीदी से लेकर 8 साल पुराने सहयोगी तक यह प्रश्न पूछ सकते हैं। एक बार बस जैसे ही शादी के रस्मो-रिवाज खत्म हुए, और तुम्हारे शानदार वीडियो वायरल हो गए, कि तुम वास्तविकता के धरातल पर आ जाते हो। ऐसी वास्तविकता, जो कि इंस्टाग्राम पर शेयर नहीं की जा सकती। शादी-शुदा जिंदगी के कुछ दिन ‘ब्रूनो मार्स के म्यूजिक ट्रैक’ की तरह मज़ेदार बीतते हैं और कुछ दिन सोमवार की तरह सामान्य, उदासीन!
मुझे हैरानी होती है कि कोई भी इस बात को नहीं स्वीकारता कि कभी-कभी एक नया घर, नए सामाजिक संबंध, और जीवन का नया अध्याय, उतने ही पीड़ा-दायक हो सकते हैं जितना कि बिना एनेस्थीसिया दिए हुए दांत उखाड़ना। दो अलग-अलग परिवारों, विचारों, अलग परिस्थितियों और नियमों में पले बढ़े, निजी आदतों वाले व्यक्तियों को- जीवन, घर, धन, भविष्य और बच्चों सम्बन्धी कई निर्णय एक साथ लेने पड़ते हैं और ऐसे में आपकी शादी एक बुरी रण-नीति से सजाया हुआ युद्ध का मैदान नहीं बननी चाहिए। बस ज़रूरत है, तो एक दूसरे के मूल्यों को सम्मान देने की। गीला तौलिया हमेशा बिस्तर पर से उठाया जाना चाहिए लेकिन यह जरूरी नहीं कि किताबें हमेशा सही तरीके में जमा कर रखी गई हों। आप और आपका पार्टनर इस तरह के नियमों को तोड़ सकते हैं।
इंस्टाग्राम पर कपल्स के प्यार भरे फीड्स जैसे (‘मैं कितनी खुश-नसीब हूं कि मेरी अपने सबसे अच्छे दोस्त से शादी हुई’), एक महीना पूरी हो जाने की वर्षगांठ, फोटोज़ आदि देख़कर आपको ऐसा लगता होगा कि केवल एक आप ही अपनी शादी में खुश नहीं हो। आप यह भी सोचती होंगी कि कैसे कुछ जोड़े, सोशल मीडिया पर एकदम परफेक्ट दिखना मैनेज कर लेते हैं। लेकिन वास्तव में क्या कोई भी सोशल मीडिया पर अपने रिश्ते की सच्चाई का खुलासा करता है?
हाल ही में, मेरी सहकर्मी मित्र ने यह स्वीकारा कि उसके पति (जिसे वह शादी से पहले करीब एक दशक से जानती थी) और उसके बीच, शादी के शुरुआती 3 महीने अत्यधिक उतार-चढ़ाव वाले रहे थे। उसने माना, “किसी को सालों तक डेट करना और उससे शादी करने में ज़मीन-आसमान का फर्क होता है।”
अच्छी बात यह है कि यह स्थिति धीरे-धीरे बेहतर हो जाती है। जब मैंने और मेरे पति ने शादी के दूसरे साल में कदम रखा, हम दोनों ने यह बात सीख ली कि शादी खुद को बेहतर बनाने का जरिया है (भला किसी को विपासना की क्या ज़रुरत, जब आप ख़ुद तीन दिन के मौन-व्रत जैसे हथियार का इस्तेमाल कर सकते हों)। यह एक दूसरे के बीच सम्मान का कूटनीतिक आदान-प्रदान है, जहाँ संवाद, धैर्य और एक दूसरे को अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि हमने भी कुछ मुश्किल दिन देखे हैं, लेकिन मैं यह जानती हूं कि किसी और के मुकाबले में, मेरा पति मेरे लिए निश्चय ही बेहतर है।

जब हम एक दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं, तो खुद-ब-खुद ही दिल में सुकून महसूस होने लगता है। यह एक तरह की आपसी समझ है, जिसे शब्दों में बयान करने की अथवा इंस्टाग्राम पर घोषित करने की जरूरत नहीं है। यह सिर्फ़ इस बात को समझना और स्वीकारना है कि ‘परफेक्ट-मैरिज’ जैसा कुछ नहीं होता और ऐसा बिलकुल ठीक है।
स्टाइलिस्ट: दिव्या गुरसाहनी; हेयर: क्रिसन फिगरेडो; मेक-अप: रिद्धिमा शर्मा