
5 बातें जो चाइल्ड बर्थ के बारे में आपको कोई नहीं बताता, ज़ुम्बा स्टार सुचेता पाल बता रही हैं
प्रेगनेंसी से जुड़ी कुछ अच्छी, बुरी और बदसूरत बातें
तो आपने सोचा कि आप चाइल्ड बर्थ के बाद हॉस्पिटल से अपनी प्री-प्रेगनेंसी जींस पहनकर घर लौटेंगी। इस अवास्तविक सी प्रतीत होती तमन्ना के लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
बच्चा बाहर निकला नहीं कि हमारी बॉडी फिर पहले जैसी हो जाए – यही तो पॉप कल्चर की मांग है।
फ़िल्मी दुनिया की मानें, तो एक या दो चीखों में ही बेबी डिलीवर हो जाएगा, और फिर आपकी दुनिया अपने आप ही एक गुलाबी खुशनुमा माहौल में तब्दील हो जाएगी, एक गहरी नींद के आगोश में सोता आपका बच्चा, चारों ओर एक ही सुर में “बधाई हो” गाते रिश्तेदार, और सब तरफ बिखरी हुई कोडेक मुस्कुराहटें।
पर सच्चाई इस सबसे कोसों दूर है।
लगभग दो महीने पहले ही, ज़ुम्बा मास्टर ट्रेनर सुचेता पाल ने एक पूरा दिन लेबर सहन करने के बाद अपने बच्चे को जन्म दिया।
वे कहती हैं, ‘‘इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह सबसे शक्तिशाली मानवीय प्रक्रिया है। लेकिन कितना अच्छा होता कि इन प्रेग्नेंट युवा मांओं को, पहले से ही चाइल्ड बर्थ के उस पहलू के बारे में थोड़ी जानकारी दी जाती, जिसके बारे में कोई ज़्यादा बात ही नहीं करता।”
पहली बार मां बन रही औरतें जान लें, आपके जेनिटल्स इतने दर्शको को आकर्षित करेंगे की लूव्र म्यूजियम में रखी मोनालिसा को टक्कर देने लगेंगे।
आपके दूर के रिश्तेदार भी ऐसे दिखावा करेंगे, जैसे वे आपके सबसे अच्छे दोस्त या फिर गायनाकोलॉजिस्ट ही हैं।
मां बनने के बाद, अपने बेबी के साथ ‘मॉम इज़ द बेस्ट’ लिखी हुई टी-शर्ट पहनना और इंटरनेट पर अनगिनत तस्वीरें डालना तो मातृत्व का एक अहम हिस्सा है लेकिन साथ ही अपने शरीर में आए बदलावों को स्वीकार करना और उसके प्रति नर्म रुख़ रखना भी बहुत ज़रूरी है।
पाल कहती हैं, ‘‘आपकी स्किनी जींस आपको तुरंत फ़िट नहीं आने वाली और ऐसा भी संभव है कि आप पहली नज़र में अपने बच्चे से कोई जुड़ाव ही ना महसूस करें, लेकिन ये बहुत ही नार्मल है। खुद को थोड़ा समय दें, अपने करीबी लोगों की मदद लें और अनचाही सलाहों को बेझिझक ठुकरा दें।’’
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चाइल्ड बर्थ से जुड़ी 5 बातें, जिनके लिए कोई सचेत नहीं करता
बहुत सा ख़ून होगा: बहुत सारा ख़ून देखने के लिए तैयार रहिए। कोई भी प्री-नेटल क्लास आपको इसके लिए तैयार नहीं करती, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ क्वेन्टिन टैरैन्टिनो की क्लासिक मूवीज़ शायद आपको इस खून-खराबे के लिए तैयार करने में मदद करें।
डॉक्टर्स और नर्सेस आपको हर थोड़ी देर में चेक करते हैं कि आपका डाइलेशन ठीक से हो रहा है या नहीं। आपकी क्लाइटोरिस से एक ट्यूब जोड़ी जाती है ताकि आपकी यूरिन एक बैग में इकट्ठा हो सके।
बच्चे को पुश करते-करते आपकी पॉटी निकल सकती है और आपके दोनों पैरों के बीच में बहुत से सिर झांकते रहते हैं। सच तो ये है कि इस समय आपकी लाज-शर्म ना जाने किस खिड़की से निकलकर उड़ जाती है।
चाइल्ड बर्थ के बाद भी, लगभग महीनेभर तक ब्लीडिंग होती है। फूले हुए पेट और मेश पैंटीज़ से छुटकारा पाने का कोई रास्ता नहीं दिखता।
“प्रेग्नेंसी का यह सफर आपको सेक्सी महसूस कराने से शुरू होकर आपको लगभग बिस्तर में जकड़ा हुआ छोड़ जाता है। और यह कोई बहुत सुकून पहुंचाने वाला एहसास नहीं होता, ख़ासतौर पर तब, जबकि आपके काम की यह मांग हो कि आप फ़िज़िकली फ़िट रहें। ये सारे बदलाव महिलाओं को कई तरह से प्रभावित करते हैं, जिनके बारे में कोई बात भी नहीं करता,” पाल कहती हैं, जिन्होंने अपनी डिलीवरी से चार दिन पहले तक ज़ुम्बा सेशन लिया और चाइल्ड बर्थ के 6 हफ़्ते बाद ही उन्होंने दोबारा ट्रेनिंग शुरु कर दी।
बेहतर होगा कि प्रेग्नेंट महिलाएं अपने पतियों को पहले से ही साहस बढ़ाने वाली कुछ क्लासेस लेने के लिए प्रेरित करें। क्योंकि एपिड्यूरल के दौरान जब आपको छेदा जा रहा हो तो आप कभी नहीं चाहेंगी कि आपकी हिम्मत बढ़ाने के लिए बगल में खड़ा एक बड़ा सा आदमी आपके सामने ही बेहोश हो जाए।
चौथा ट्राइमेस्टर: इसके बारे में ज़्यादा चर्चा नहीं की जाती, लेकिन चाइल्ड बर्थ के बाद के तीन महीने वाला यह ट्राइमेस्टर भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
ये भावनात्मक उतार-चढ़ाव वाला दौर है। आपका बच्चा अपने सर्वाइवल के लिए पूरी तरह आप पर निर्भर है और आप अपने शरीर पर लगे टांकों से परेशान हैं।
मिलने-जुलने वाले लोग हर समय मुफ़्त की सलाह रुपी गोला-बारूद बरसाने के लिए तैयार रहते हैं। नींद की कमी आपके जीवन की एक कहानी सी बन गयी है।
सुचेता कहती हैं, “इस सारे झमेले के बीच, कई बार, आप अपने बच्चे से तुरंत ही जुड़ाव महसूस नहीं कर पाते। लेकिन इसमें आपकी कोई ग़लती नहीं है और ना ही आप वो पहली महिला हैं, जिसने ऐसा महसूस किया होगा। इसलिए जब भी ज़रूरत हो तो मदद मांगने से बिल्कुल न हिचकिचाएं और इस बारे में कोई शर्मिंदगी न महसूस करें।”
ब्रेस्टफ़ीडिंग दर्दनाक हो सकती है: यदि आप ब्रेस्टफ़ीड नहीं कराएंगी तो सोसाइटी और आपके रिश्तेदार आपको एक बुरी मां का ख़िताब दे देंगे। लेकिन आपको इस तरह की बातों का आदी बनना होगा।
याद रखिए कि यदि आप ख़ुश रहेंगी तो आपका बच्चा भी ख़ुश रहेगा। पीडिअट्रिशन और गायनाकोलॉजिस्ट डॉ रुथ लॉरेंस का कहना है, “जब बात बच्चे को दूध पिलाने के तरीके की हो तो एक मां को सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि उसके बच्चे के लिए क्या बेस्ट है और उसके बाद यह कि उसके ख़ुद के लिए क्या अच्छा रहेगा।”
पाल अपने बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क और फ़ॉर्मूला मिल्क दोनों ही पिलाती हैं, पर उनकी सलाह है कि हर महिला को यह निर्णय लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
वो बताती हैं, “जो महिलाएं अपने बच्चे को ब्रेस्टफ़ीड नहीं करा पातीं, वे ख़ुद पर ही सवाल उठाने लगती हैं। इससे भावनात्मक और मानसिक आघात पहुंचता है। इसके अलावा, यह माना जाता है कि आपका दूध पर्याप्त मात्रा में बनना चाहिए, लेकिन ज़रूरी नहीं कि यह हमेशा सच हो। मैंने कई ऑप्शंस को तोल-मोल कर अपना फ़ैसला लिया था।”
ब्रेस्टफ़ीड कराने के दौरान आपकी बहुत सारी कैलरीज़ नष्ट होती हैं।
अच्छे फ़ैट और प्रोटीन युक्त चीज़ें खाकर इनकी भरपाई कीजिए। सेलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ब्रेस्टफ़ीड कराने वाली मांओं को घी, ऐवोकाडो, बादाम और नारियल का तेल खाने के साथ सौंफ, जीरा और मेथी खाने की भी सलाह देती हैं।
पाल अपने पैरों की सूजन कम करने के लिए जौ का पानी पीती थी। वे कहती हैं, “मेरा विश्वास कीजिए, टोंड लेग्स सिर्फ कुछ गैलन बारले वाटर (जौ का पानी) की दूरी पर ही हैं।”
आपका शरीर हमेशा के लिए बदल जाता है: अक्सर परफेक्ट #मॉम बॉडी को लेकर बहुत सी चर्चाएं की जाती हैं। लेकिन बहुत से लोग अपनी प्रेग्नेंसी के सफर को प्री-प्रेगनेंसी शेप में आने के बाद डॉक्यूमेंट करते हैं, जिनमें करीना कपूर और मलाइका अरोरा जैसी अभिनेत्रियां भी शामिल हैं।
हालांकि, ये नतीजे आपको रातोंरात नहीं मिलने वाले, पाल जोर देते हुए कहती हैं कि आप अपनी रफ़्तार से इस काम में लगी रहें।
वर्कआउट शुरू करने से पहले किसी पोस्ट-नेटल स्पेशलिस्ट को ज़रूर कंसल्ट कर लें।
लेबर के दौरान, आपके एब्स की मांसपेशियां अलग-अलग हो जाती हैं, इस स्थित को डाइएस्टसिस रेक्टि कहते हैं। कई बार ये खुद ही अपनी पहले वाली शेप में आ जाती हैं, लेकिन कुछ लोगों को, इसे अपने वास्तविक रूप में लाने के लिए समय और मेहनत दोनों लगते हैं।
अपनी कोर मसल्स पर काम करें और अलग-अलग ब्रीदिंग टेक्नीक्स आज़माएं, ताकि चोट लगने और पीठ दर्द होने की संभावना कम से कम हो।
खुद से प्यार करें: आप अगली मदर इंडिया की भूमिका नहीं करने जा नहीं रही हैं तो बच्चे की पैदाइश के बाद ख़ुद को न भूल जाएं।
हां, आपका शरीर बिलकुल वैसा तो कभी नहीं होगा जैसा पहले हुआ करता था। लेकिन ये याद रखिए कि बच्चे को जन्म देने में आपने कितनी शक्ति और ऊर्जा लगाई है।
अपने शरीर को फिर से मज़बूत और ताकतवर बनाने के लिए आपको उसी ऊर्जा की आवश्यकता है। हमेशा याद रखिए कि चाइल्ड बर्थ का अनुभव आपका अपना है, आपके पति उस दर्द को कभी महसूस नहीं कर सकते, जो लेबर के दौरान आपने सहा होगा।
अपने शरीर के प्रति स्नेह रखें और अपने #मीटाइम से कभी समझौता न करें।
‘‘मैं ब्रेस्ट मिल्क निकालते समय नेटफ़्लिक्स देखती थी। वो समय पूरी तरह से मेरा अपना होता था,’’ पाल बताती हैं।
‘‘अपने लिए टाइम ज़रूर निकालें। आपके पति बच्चे को लोरी सुना कर सुला भी सकते हैं और डाइपर्स भी बदल सकते हैं। समय के अनुसार कुछ काम दूसरों के भरोसे छोड़ दीजिए। आख़िर ख़ुद से प्यार करना भी तो बहुत ज़रूरी है,’’ वो कहती हैं।