
इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग: वजन घटाने के 5 असरदार तरीके
‘फ़ास्ट’ करें पर ‘फ़्यूरीयस’ न हों
“मैंने 1 महीने में 5 किलो वजन घटाया,” मेरी एक मित्र ने कहा। “मैं भी बहुत एनर्जेटिक महसूस करती हूँ, और पूरा दिन बड़ी सरलता से काम में ध्यान लगा पाती हूँ,” दूसरी ने भी सुर में सुर मिलाया। वह किसी जादुई गोली के बारे में नहीं, बल्कि ऐसी किसी चीज के बारे में बात कर रही थीं जो उसी की तरह, फटाफट वजन घटाने का काम करती है – इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग! एक ऐसा डाइट ट्रेंड जो सबसे पहले 2018 में लोकप्रिय हुआ और जिसे जेनिफर लोपेज़ और कर्टनी कार्दशियन जैसी मशहूर हस्तियों ने बढ़ावा दिया।
इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग में दिन के एक निश्चित समय में अपने भोजन को खाना और बाकी समय खाली पेट रहकर, अपने डाइजेस्टिव सिस्टम को उस भोजन को डाइजेस्ट करने के लिए पर्याप्त ब्रेक देना शामिल है। तो जो कुछ भी मैंने सुना और पढ़ा था, उसके आधार पर मैं एक बार इसे आजमाने के लिए तैयार हो गई।
सुबह का नाश्ता ना करना और रात 8 बजे से पहले डिनर कर लेने का यह सिलसिला करीब दो हफ्ते तक चला, लेकिन उसके बाद, मुझे ब्लोटिंग और इतनी ज्यादा एसिडिटी होने लगी, जितनी तो शायद ‘कैग स्टैंड’ करने के बाद भी नहीं होती। साथ ही मुझे लगातार सिर दर्द भी बना रहने लगा। आखिरकार, मेरी गाडी पटरी से उतर ही गई और मुझे अहसास हुआ कि मेरा इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग का तरीका, मेरे शरीर और अव्यवस्थित लाइफ़स्टाइल के लिए ठीक नहीं है। हालाँकि यह एक बहुत ही असरदार वजन घटाने की प्रक्रिया है, लेकिन आपके शरीर को एक ऐसे इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग तरीके की ज़रूरत है जो आपको सूट करता हो। एक्सपर्ट्स ने अलग-अलग लाइफ़स्टाइल वालों के लिए ‘वेट-लॉस’ के अलग-अलग तरीके तैयार किये हैं। हमने उन में से 5 सबसे ज्यादा लोकप्रिय तरीके ढूंढ निकाले हैं जिनकी मदद से आप दावतें उड़ाने की राह छोड़कर, फ़ास्टिंग की राह पर बढ़ सकते हैं।
इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के 5 असरदार तरीके
16:8 — अगर आप आमतौर पर सुबह का नाश्ता नहीं करते, तो यह आपके लिए एक आदर्श तरीका है
आपको अलार्म का स्नूज़ बटन बहुत प्यारा है! जिसका अर्थ है कि ज़्यादातर आपके पास नाश्ते का समय ही नहीं रहता है — तो भले ही आपकी माँ आपकी इस आदत पर चिड़चिड़ाती हों, लेकिन इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग करने वालो के लिए यह आदत इतनी भी बुरी नहीं है। डॉ ल्यूक कुटिन्हो, जो इंटीग्रेटिव मेडिसिन में एक होलिस्टिक लाइफ़स्टाइल कोच हैं, उनका कहना है, “16:8 इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग के इस तरीके में, आप अपने शरीर को एक दिन में 16 घंटे फ़ास्टिंग पर रखते हो ताकि आपके शरीर के टॉक्सिंस निकल सकें और आपके सिस्टम की क्लींजिंग और रिपेयर हो सके, और बचे हुए 8 घंटे में ही आप खाना खा सकते हो।”
आदर्श स्थिति में, रात 8 बजे के बाद कुछ न खाएं और अगले दिन दोपहर में ही फिर से खाएं। वे कहते हैं, “इस फ़ास्टिंग के समय में, कुछ भी मिलाए बिना (चाय, कॉफ़ी, ग्रीन टी, एप्पल साइडर विनेगर, इत्यादि कुछ भी न लें), केवल सादा पानी पिएं। फिर अपना फ़ास्ट नींबू और पानी के मिश्रण से तोड़ें और इसके बाद एक पूरा फल खाएं। 20 मिनट बाद आप कुछ सूखे मेवे खा सकते हैं, और उसके 1 घंटे बाद घर का बना हल्का-फुल्का खाना, जैसे दाल, चावल, पकी हुई सब्जियां।” आप अपने बाकी ईटिंग पीरियड के दौरान एक हल्का सा नाश्ता और फिर रात का खाना खा सकते हैं, और फिर पुनः अपना फ़ास्ट शुरू कर सकते हैं।
“अगर आप वेट-लॉस प्रोसेस में एक सम-स्थिति पर आकर अटक गए हों, तो उस से बाहर निकलने के लिए भी यह सबसे अच्छा तरीका है। साथ ही हार्मोनल असंतुलन, किडनी की प्रॉब्लम और कार्डियोवैस्कुलर प्रॉब्लम्स से निपटने के लिए भी यह बढ़िया उपाय है क्योंकि यह आपको एनर्जेटिक और हल्का महसूस करवाता है,” वह कहते हैं।
5:2 — यदि आप अपनी डाइट में थोड़ी ढील चाहते हों, तो यह आपके लिए एक आदर्श तरीका है
आजकल ज़्यादातर ‘मिलेनियल्स’ एक अनियमित दिनचर्या में जीते हैं। ‘चॉपस्टिक’ बोलने में जितना समय लगे, उससे भी तेज़ इनकी पब-नाइट्स, बेहिसाब मौज मस्ती वाली मिडनाइट पार्टी में बदल जाती हैं। दूसरी ओर, ऐसे भी दिन होते हैं जब हम काम में इतने फंसे हुए होते हैं कि दिन भर में मुश्किल से एक फल और एक सैंडविच ही खा पाते हैं। तो आप अपनी इस स्थिति का ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा उठा सकते हैं, क्योंकि 5:2 डाइट में आपको अपनी कैलोरीज़ को हफ़्ते में 2 दिन, केवल 500 कैलोरी प्रतिदिन तक सीमित करना होता है। यह दो फ़ास्ट वाले दिन एक के बाद एक लगातार नहीं होने चाहिए और एक दिन में केवल 2 बार 250 कैलोरीज के दो खाने शामिल होने चाहिएं। आप हफ़्ते के बाकी 5 दिन अपना सामान्य भोजन कर सकते हैं, लेकिन कोशिश कीजिए कि आपकी डाइट जितना हो सके, हेल्दी हो, ताकि आपको जल्द ही अच्छे परिणाम मिल सकें।

न्यूट्रिशनिस्ट अनुपमा मेनन कहती हैं, “विडंबना यह है कि जब आप अपना फ़ास्ट तोड़ते हैं, तब थोड़े से भोजन से भी आपका पेट बहुत जल्दी भर जाता है। और इस समय यह आवश्यक है कि आप अपने पेट की सुनें। भोजन की मात्रा से ज़्यादा महत्वपूर्ण भोजन की क्वालिटी है, जो आपकी न्यूट्रिशन सम्बंधित जरूरतों को पूरा करेगी। शरीर के इस समय एक उपवास की स्थिति में होने के कारण, जो भी आप उसे खिलाओगे, वह उसे पूरी तरह से अवशोषित कर लेगा। इसलिए ऐसे समय में, उचित होगा कि इसे प्रोटीन, अच्छी मात्रा में सब्जियां तथा थोड़ी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट दिया जाए।”
ईट-स्टॉप-ईट — अगर आप एक कठोर डाइट का पालन कर सकते हैं, तो आपके लिए यह एक आदर्श तरीका है— हफ्ते में एक या दो बार
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट और लेखक ब्रैड पिलोन द्वारा प्रस्तावित ‘ईट-स्टॉप-ईट’ का तरीका, परंपरागत रूप से आपकी दादी-नानी के उन धार्मिक उपवासों से मिलता-जुलता है, जो वह हफ्ते के कुछ निश्चित दिनों में करना पसंद करती थीं। हालाँकि, इसकी कोई गारंटी नहीं कि इस तरह से फ़ास्ट करके आपको भी सात जन्मों तक एक सुशील पति पाने का वरदान प्राप्त हों।

सप्ताह के कोई एक या दो दिन चुन लें जिसमें आप अपने डाइजेस्टिव सिस्टम को आराम देने के लिए 24 घंटे का फ़ास्ट करें। फर्क सिर्फ इतना है कि यह फ़ास्ट सुबह के नाश्ते से लेकर अगले दिन नाश्ते तक, या लंच से लंच तक, या डिनर से अगले डिनर तक किया जा सकता है। आप फ़ास्ट के दौरान पानी, कॉफ़ी अथवा कैलोरी-रहित पदार्थ ले सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह का ठोस भोजन नहीं करना है।
ऑल्टरनेट डे फ़ास्टिंग — यदि आप इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग करने में माहिर हैं और इससे और बेहतर करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक आदर्श तरीका है
यदि आप इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग की दुनिया में नए हैं, या इसे बहुत लंबे समय तक निभा नहीं सकते, तो हम आपको इस तरह की फ़ास्टिंग करने की सलाह नहीं देंगे। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस तरीके में हर दूसरे दिन फ़ास्ट किया जाता है। एक दिन आप सामान्य भोजन करते हो, फिर अगले दिन अपने खान-पान को दिन भर में 500 कैलोरी तक सीमित रखते हो, फिर अगले दिन सामान्य भोजन, यही प्रक्रिया चलती रहती है।

फ़ास्ट के दिनों में, इस बात का खास ख्याल रखें कि आप प्रोटीन, सब्जियां और हैल्दी फैट से भरपूर पदार्थ खाएं लेकिन चीनी और स्टार्च से बचें। शीघ्र वजन कम करने तथा हृदय के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जिस दिन आप फ़ास्ट न कर रहे हों, उस दिन ओवर-ईटिंग से बचें।
हाल ही में हुई एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों ने ‘ऑल्टरनेट डे फ़ास्टिंग’ का पालन किया, उन्होंने 4 हफ्ते में सामान्यतः 3 किलो वजन घटाया। उनके पेट की चर्बी और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी कमी हुई। प्रोफेसर फ्रैंक मदेओ के अनुसार, “मोटे लोगों के लिए, कुछ शुरूआती महीनों में, वजन कम करने का यह तरीका काफी मददगार है। साथ ही इन्फ्लमेशन के कारण होने वाली बीमारियों के इलाज़ में भी यह उपयोगी हो सकता है, लेकिन रोज़मर्रा में इसे नियमित रूप से अपनाने से पहले इसे अच्छे से समझ लेना चाहिए।”
ड्राई फ़ास्टिंग
यदि आपको एक संपूर्ण शारीरिक क्लींजिंग की आवश्यकता है, तो यह आपके लिए एक आदर्श तरीका है
यदि आप ड्राई फ़ास्टिंग के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं, तो यकीन मानिए कि एक ‘हरक्यूलिन टास्क’ से आपका सामना होने वाला है। कुटीन्हो कहते हैं, “ड्राई फ़ास्टिंग इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग से एक कदम आगे है, और यह बहुत कठिन भी है क्योंकि इसमें आपको फ़ास्टिंग के 10 से 12 घंटे तक के पीरियड में पानी पीने की अनुमति भी नहीं होती।” यह क्लींजिंग का एक बेहतरीन तरीका है जिसमें आप का डाइजेस्टिव सिस्टम पूरी तरह से अपना काम करना बंद कर देता है और शरीर केवल अंदरूनी तौर से रिपेयर करने में ही अपना संपूर्ण ध्यान केंद्रित कर लेता है।
वह बताते हैं, “इसके कई लाभों में से, इन्फ्लेमेशन का कम होना, स्टेम और इम्यून सेल्स में वृद्धि तथा पेट के अंगों की हीलिंग, आदि प्रमुख हैं।” यह एक बहुत ही कठिन तरीका है, इसलिए यह ज़रूरी है कि आप अपने शरीर की सुनें और ध्यान दें कि उस पर क्या प्रतिक्रिया हो रही है – खास तौर से यदि आप गर्म, नम मौसम में रहते हों, और ऊंट की तरह आपके पास पानी सहेज कर रखने के लिए कूबड़ भी न हो!
डॉक्टर कुटिन्हो सलाह देते हैं, “इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग वास्तव में हमारे शरीर के लिए काफी प्राकृतिक है, इसलिए इसके कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं हैं। लेकिन इसे अपनाते समय यह आवश्यक है कि हम अपने शरीर की सुनें तथा उस पर ज़रुरत से ज़्यादा दबाव न डालें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि यह फ़ास्टिंग अन्य लोगों की जानकारी में करें, मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह से ही करें – खासकर वह लोग जिन्हें डायबिटीज़, कैंसर अथवा किडनी की बीमारी जैसी मेडिकल कंडीशन हों।”
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