
"डेटिंग ऐप जॉइन करते ही मनचाहा पार्टनर मिल जाए, ऐसी उम्मीद ना लगाएं"
लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप से बाहर निकलने के बाद, डेटिंग ऐप जॉइन करने वाली महिलाओं की सलाह
यदि आप सिंगल हैं और 40 साल से ज्यादा उम्र की हैं तो इस बात की पूरी संभावना है कि आपकी मां, बेस्ट फ्रेंड और यहां तक कि ग्रॉसरी स्टोर पर बिलिंग लाइन में आपके आगे खड़ा व्यक्ति भी आपको बिन मांगे यह सलाह दे कि ‘‘अब शादी कर लो’’। भले ही आपका तलाक़ हुआ हो या आप अविवाहित हों, ये सलाह नहीं बदलने वाली। हर कोई आपको सात-फेरे नामक स्टेशन तक पहुंचाना चाहता है। और यदि डॉली चाची के पास आपके लिए पर्फ़ेक्ट दुबई वाला लड़का पहले ही मौजूद हो, तो हमारी सलाह है कि सीधे गहरे पानी में डाइव लगाने से पहले, डेटिंग ऐप के माध्यम से डेटिंग पूल में धीरे-धीरे उतरने में ज्यादा समझदारी है। आप भी यही सोचते होंगे, है ना?
जो लोग हाल ही में किसी लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप या मैरिज से बाहर निकले हों, उनके लिए ऑनलाइन डेटिंग थोड़ी मुश्क़िल हो सकती है। लेकिन यदि आप दोबारा इस खेल में शामिल होने की कोशिश ही नहीं करेंगे तो आपकी हार तो निश्चित ही है ना? इकॉनमिक टाइम्स के इस आर्टिकल के मुताबिक़, भारतीय लोगों के लिए काम कर रही किसी भी जानीमानी डेटिंग ऐप पर, 50 वर्ष से ज़्यादा उम्र का यूज़र बेस एक प्रतिशत से भी कम है। हालांकि ये आंकड़े बहुत उत्साहित करने वाले तो नहीं हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि यदि आप शादी या लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप से बाहर निकले हैं तो डेटिंग उतनी पेचीदा नहीं रह जाती, जैसी कि आपके ट्वेंटीज़ में होती है। यदि आप रिबाउन्ड की तलाश में हैं, तब तो यह और भी सरल है।
अल्पना गांधी, 46, विवाहित हैं, उनका घर है, बच्चे हैं और वे आर्थिक रूप से सशक्त भी हैं। उन्होंने डेटिंग ऐप इसलिए नहीं जॉइन किया कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत थी, जो उनकी देखभाल कर सके। वे एक हल्के-फुल्के रिश्ते की तलाश में थीं। वे कहती हैं, ‘‘मुझे ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है, जिसके साथ मैं हंस सकूं, ट्रिप्स पर जा सकूं और मनपसंद चीज़ें कर सकूं। मैंने अपनी शादी और बच्चों के लिए जो भी ज़रूरी था, सब किया। अब मैं एक ऐसी लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप चाहती हूं, जो सरल हो और सुकून दे।’’
शुरू में जब अल्पना ने डेटिंग ऐप जॉइन किया, तो उन्होंने बहुत ढूंढा। लेकिन कोई भी ऐसा नहीं मिला, जैसा उन्हें चाहिए था। काफी समय बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुंचीं कि आज की जेनरेशन में, मौजूदा डेटिंग ऐप्स ज्यादातर युवा पीढ़ी के लिए बनाए गए हैं जो हुकअप कल्चर में विश्वास रखती है और यह उनके बस की बात नहीं थी।
यह जानने के लिए कि ये कितना कॉमन है, हमने ट्वीक रीडर्स से सवाल पूछा कि क्या आपने लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप या शादी के ख़त्म होने के बाद कोई डेटिंग ऐप जॉइन किया? वोट करने वाले 397 लोगों में से, 187 (यानी 47%) ने ‘हां’ का ऑप्शन चुना। हमने ऐसी छह महिलाओं से बात की, जिन्होंने हमें डेटिंग ऐप्स पर हुई अपनी गलतियों के बारे में बताया और उन्हें ठीक करने का तरीका भी बताया।
छह गलतियां जो महिलाएं डेटिंग ऐप पर करती हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है
‘‘अलग-अलग डेटिंग ऐप्स ट्राइ करें’’
कुछ साल पहले अपने पति के गुजर जाने के बाद से, सोनाली कामदार (आग्रह पर नाम बदला गया है) का जीवन ऑटो-पायलट पर चल रहा था। पर अब 43 साल की उम्र में, ये अपने जीवन को फ़र्स्ट गीयर में डालने को तैयार है। कई दिनों तक सोच-विचार करने के बाद, उन्होंने आखिरकार डेटिंग ऐप जॉइन करने का फ़ैसला किया।
वे कहती हैं, ‘‘इतनी चॉइस देखकर, मैं हैरान रह गई। मैं जानती थी कि मुझे दोबारा प्यार या शादी की तलाश नहीं है। पर मैं देखना चाहती थी कि आख़िर यह है क्या? हालांकि मेरे बच्चों ने मेरी इसमें बहुत मदद की, पर मुझे फिर भी हमेशा ऐसा महसूस होता, जैसे मैं अपने बेटे का कोई वीडियो गेम खेल रही हूं।’’
सोनाली के अनुसार यह किसी ‘हीरे की खोज’ करने जैसा है। कई हफ़्तों तक, ऐसे अजीबोगरीब लोगों से निपटने के बाद जो उन्हें रात में कभी-भी मैसेज कर देते थे, उन्होंने तय किया कि ऑनलाइन डेटिंग उनके बस का रोग नहीं है। वे कहती हैं, ‘‘मैं कंफ़र्टेबेल नहीं थी, मैंने इसे छोड़ने का मन बना लिया। ढेर सारी डरावनी कहानियां सुनने के बाद, मुझे नहीं लगा कि मुझे इन ऐप्स पर भरोसा करना चाहिए। ये ऐप मेरे लिए किसी काम के नहीं थे।’’
ऐसा तो हम सभी के साथ हुआ होगा। कभी अचानक ही कोई ऐसा मिल जाता है जो पहली बार में ही क्लिक कर जाए। लेकिन फिर जब बात नहीं बनती तो सारा गुस्सा ऐप पर निकल जाता है, निराश होकर आप ऐप ही डिलीट कर देते हैं। फिर जब दोबारा किसी संडे अकेलापन महसूस होने लगता है, हम फिर से इसे डाउनलोड कर लेते हैं और जुट जाते हैं किसी नए साथी की तलाश में।
लेकिन सोनाली के अनुसार, उनकी गलती ये थी कि उन्होंने सारे डेटिंग ऐप्स को एक जैसा माना। वे कहती हैं, ‘‘मुझे लगा कि यदि यह ऐप मेरे लिए सही नहीं है तो दूसरे भी मेरे लिए सही नहीं होंगे। मैंने दोबारा किसी दूसरे डेटिंग ऐप को डाउनलोड करने का ख्याल भी छोड़ दिया, लेकिन फिर मेरी दोस्त ने मेरी इस गलती को हाईलाइट किया।’’
मन में कई शंकाएं लिए, सोनाली ने दूसरा डेटिंग ऐप जॉइन किया। और अब, वे दो अलग-अलग ऐप्स को भी बड़ी कुशलता से हैंडल कर रहीं हैं। सोनाली कहती हैं, ‘‘केवल एक ही ऑनलाइन डेटिंग प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल कर के हार न मानें। जब तक आप अलग-अलग तरह के ऐप्स ट्राइ नहीं करेंगे, आपको ऑनलाइन डेटिंग का पूरा अनुभव नहीं मिलेगा, कुछ न कुछ छूट ही जाएगा।’’
‘‘आप जो चाहती हैं, उसे स्पष्ट रूप से व्यक्त करें’’
अपने डिवोर्स के कई महीनों बाद, अल्पना ने तय किया कि अब उन्हें लाइफ में आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन 12 साल के वैवाहिक जीवन के बाद, उन्हें इस बात का बिलकुलअंदाज़ा नहीं था कि ऑनलाइन डेटिंग कैसे की जाती है। उनकी दोस्त ने उनका अकाउंट बनाया।
अल्पना कहती हैं, ‘‘जब मैं यंग थी, तब डेटिंग काफ़ी आसान थी। अब तो यह जैसे कोई दूसरी ही दुनिया है। आप सारे ऑप्शन्स एक ही जगह पर देख सकते हैं, यह अद्भुत है।’’
अपनी दोस्तों से बातचीत के दौरान, अल्पना ने उन्हें बताया कि उन्हें उनकी चाहत के अनुसार सही मैच नहीं मिल रहा है। जो भी लोग उनसे मैच हो रहे हैं, वो केवल शॉर्ट-टर्म रिलेशनशिप चाहते हैं, जबकि उन्हें फ़्लिंग में क़तई रूचि नहीं है।
कई बार केवल हुकअप्स का ऑफर मिलने के बाद, वे काफी निराश हो चुकी थी। तब उनकी दोस्त ने उनसे कहा कि वे ऐप पर स्पष्ट तौर पर ये बताएं कि वे शॉर्ट-टर्म और कैज़ुअल रिलेशनशिप नहीं चाहती हैं। अल्पना कहती हैं, ‘‘उसने बताया कि जो मैं चाहती हूं यदि वह साफ़तौर पर लिखूंगी तो यह ऐप पर एक और लेयर की तरह काम करेगा। मैंने ऐसा किया और पाया कि यह वाकई काम करता है। इसके बाद जब भी मेरा मैच किसी के साथ बैठता, तो वे भले ही परफेक्ट न हों, पर कम से कम मेरे बनाए दायरे के भीतर तो होते थे।’’
अपने लिए एक रिलेशनशिप की चाह रखना और उसे पाने की कोशिश करना कोई शर्मिंदगी की बात नहीं है। यदि आप बेझिझक और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी चाहतों को ऐप पर स्पष्ट रूप से व्यक्त करेंगी, तो आप अपने जैसे लोग अपनी ओर आकर्षित करेंगी। या फिर कम से कम, आप ऐप की ऐल्गॉरिदम को यह समझा सकेंगी कि आपको कैसे लोगों की जानकारी भेजे।
अल्पना कहती हैं, ‘‘मैंने 12 वर्ष विवाहित जीवन बिताने के बाद डेटिंग शुरू की। मैंने कुछ लोगों को डेट किया, लेकिन ऐसा कोई नहीं मिला जिसके साथ मैं बात आगे बढ़ाती। मुझे अब भी नहीं लगता कि मैं डेटिंग से पूरी तरह अवगत हो चुकी हूं, लेकिन मैंने काफी कुछ सीखा ज़रूर है। यदि आप डेटिंग ऐप्स पर जा रहे हैं तो वहां अपनी बात स्पष्ट रूप से लिखने से न घबराएं।”
“डेटिंग ऐप जॉइन करते ही पार्टनर मिल जाए, ऐसी उम्मीद ना लगाएं”
फ़िल्मों और टीवी शो में दिखाया गया रोमांस वास्तविक जीवन से बहुत अलग होता है। किसी को भी अपने ब्रेकअप के दिन ही कोई दूसरा पार्टनर नहीं मिल जाता। इसमें समय लगता है, प्रयास करना पड़ता है और दोबारा डेटिंग के मैदान में उतरने के लिए बड़ी हिम्मत की ज़रूरत होती है।
दिशा सेठी (आग्रह पर नाम बदला गया है), 48, कहती हैं, ‘‘मेरे डिवोर्स के बाद जब मैंने डेटिंग ऐप जॉइन किया, मुझे पता भी नहीं था कि यह कैसे काम करता है। एक दिन, मैंने पहली बार कोशिश करके एक आदमी से बातचीत शुरू की। हालांकि शुरुआत में मुझे बहुत घबराहट हो रही थी, लेकिन धीरे-धीरे हमारी दोस्ती अपने आप ही गहरी होने लगी। वह स्मार्ट था और मजाकिया भी, मुझे उसका साथ बेहद अच्छा लगने लगा था। पर एक दिन अचानक वह ग़ायब हो गया। कोई जवाब नहीं, कोई टेक्स्ट नहीं बस चुप्पी। मेरे पास तो उसका कांटेक्ट नंबर भी नहीं था। तब मेरी दोस्त ने मुझे बताया कि डेटिंग ऐप जॉइन करते ही परफेक्ट मैच मिल जाए, ऐसी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। और मैंने तो अपनी सारी उम्मीदें केवल एक ही आदमी से बांध ली थी।”
दिशा ने फिर ऐप ही डिलीट कर दिया, लेकिन महीनेभर बाद उसे फिर से डाउनलोड किया। इस बार वे चीज़ों को अलग तरीक़े से करना चाहती थीं। वे बताती हैं, ‘‘जब मैंने दोबारा ऐप जॉइन किया, थोड़ा समय गुज़र चुका था। मुझे सोचने के लिए वक़्त मिल गया था। मुझे पता था कि मैं नए लोगों से मिलना और नए अनुभव लेना चाहती हूं। मैं डेट्स पर जाना चाहती थी और लाइफ एंजॉय करना चाहती थी। यदि मुझे दोबारा प्यार होना होगा तो अपने समय पर होगा, अब मैं जबरदस्ती हर रिश्ते में प्यार ढूंढने की कोशिश बिल्कुल नहीं करूंगी।’’
हो सकता है कि आपका पहला, दूसरा, तीसरा या चौथा और पांचवा मैच भी वैसा न हो, जिसकी आपको तलाश है, लेकिन उनमें से हर एक का अपना अनुभव होगा। इन ऐप्स पर मिले पहले ही व्यक्ति में अपना प्यार तलाशना ऐसा है, जैसे आप किसी आम के पेड़ पर लगे पहले फल से पीला और मीठा होने की चाहत रख रही हों। तो यदि आप अपने दांत खट्टे नहीं करना चाहतीं तो धीरज रखें और इस रोलर-कोस्टर राइड का आनंद लें। जल्दी किस बात की है?
‘‘दिलचस्प प्रोफ़ाइल बनाएं और ऐप की भाषा सीखें’’
माया सिंह, (आग्रह पर नाम बदला गया है), 42, के लिए ऑनलाइन डेटिंग एक टास्क जैसी थी। लेकिन वो कहती हैं, ‘‘ये ऐप्स एक ज़रूरत बन जाते हैं यदि आप नए लोगों से मिलना चाहते हैं। मैंने कुछ महीने पहले ही जॉइन किया है। मैं और मेरे पति तलाक़ लेने की प्रक्रिया से गुज़र रहे हैं और मैं देखना चाहती थी कि आज का डेटिंग वर्ल्ड कैसा है।’’
माया ने एक अकाउंट बनाया और गेम (स्वाइपिंग) शुरू किया। लेकिन धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास गिरने लगा। उन्हें वैसे मैच नहीं मिल रहे थे, जैसे कि वे चाहती थीं। वे बताती हैं, ‘‘मुझे पता था कि मैं कुछ ग़लत कर रही हूं, लेकिन क्या, यह तब समझ आया जब एक आदमी ने मुझसे पूछा कि मेरा प्रोफ़ाइल इतना ब्लैंक क्यों हैं। तब मुझे लगा कि अब तक लोग सोच रहे होंगे कि मैं कोई 50 साल का बदसूरत दिखने वाला आदमी हूं, जो उन्हें बेवकूफ बना कर रिश्ते में फंसाने की कोशिश कर रहा है। पर मुझे अपनी तस्वीरें पोस्ट करने में डर लगता था और ये भी नहीं पता था कि अपने बारे में क्या लिखूं। क्या मुझे अपने डिवोर्स और सही उम्र का खुलासा करना चाहिए? मुझे इस गेम के नियम पता ही नहीं थे।”
ऑनलाइन डेटिंग ने डेटिंग के नियमों को बदल दिया है, यह अब उतना आसान नहीं है। अब तो यह जुमांजी के किसी ट्विस्टेड वर्ज़न जैसा रोमांचक खेल है। और इसके नियम हैं: आपका प्रोफ़ाइल अप-टू-डेट होना चाहिए, आपकी फ़ोटोज़ से सुसज्जित हों (ग्रुप फ़ोटो नहीं) और आपका बायोडेटा इंफॉर्मेटिव होने के साथ-साथ मज़ेदार भी होना चाहिए। आपका प्रोफाइल दिलचस्प होना चाहिए लेकिन साथ ही वह आपको विनम्र भी प्रदर्शित करना चाहिए।
आखिरकार माया ने अपने प्रोफ़ाइल को और दिलचस्प बनाने का निर्णय लिया। अपने प्रोफाइल को अच्छा दिखाने के लिए उन्होंने अपनी कुछ अच्छी फ़ोटोज़ डालीं; एक बायो तैयार किया जिसमें अपनी पसंदीदा फ़िल्मों का ज़िक्र किया और कई सवालों के जवाब भी दिए। जब से उन्होंने प्रोफ़ाइल मेकओवर किया, उनके पास ढेरों मैच आने लगे। लेकिन माया कहती हैं, ‘‘मैं बहुत सोच-समझ कर स्वाइप करती हूं। उनके प्रोफ़इल अच्छे से पढ़ती हूं और फ़ोटोज़ भी स्कैन करती हूं। इस बार मैं सबकुछ ठीक से करना चाहती हूं।’’
एक और ज़रूरी सलाह जो माया ने दी, वो यह कि ऑनलाइन डेटिंग की भाषा को सीखने की कोशिश करें। ‘घोस्टिंग’, ‘ब्रैडक्रंबिंग’ या ‘हुकअप्स’ जैसे शब्दों के बारे में आपको मालूम होना चाहिए। उन्होंने बताया, “एक बार किसी ने मुझसे पूछा कि क्या मैं उनकी ‘fwb’ बनना चाहूंगी। मुझे इसका मतलब नहीं पता था, फिर मैंने गूगल किया। यदि आपको कुछ समझ नहीं आता तो पहले उसका सही अर्थ पता लगाएं, फिर आगे बढ़ें। आजकल की भाषा बिलकुल अलग है, लेकिन इसकी बेसिक जानकारी रखना ज़रूरी है।’’
‘‘कुछ डेट्स पर जाने के बाद, उन्हें अपनी दोस्तों से मिलवाएं और नए अनुभव लेने से बिल्कुल न डरें’’
पैन्डेमिक के दौरान, श्वेता चावला का अपने आठ वर्षों के लिव-इन पार्टनर से ब्रेकअप हो गया। तब से, वे कई ऑनलाइन डेटिंग प्लैटफ़ॉर्म्स पर हैं। वो बताती हैं, ‘‘इन प्लैटफ़ॉर्म्स के माध्यम से मैं बहुत से दिलचस्प लोगों से मिली, लेकिन उनमें से किसी के भी साथ घर बसाने का मन नहीं हुआ। मैं बिना किसी उलझन या ड्रामा के ख़ुद को ख़ुश रखने की कोशिश करती हूं।’’
डेटिंग ऐप पर नए लोगों से बातचीत करते समय, श्वेता कुछ नियमों का पालन करती हैं। वे कहती हैं, ‘‘शुरुआत में, मैं अपनी निजी जानकारी शेयर नहीं करती। ऐसा नहीं है कि मैं पहल करने से डरती हूं, और अगर मैं बातचीत की शुरुआत कर रही हूं, तो वह सामान्यत: की जाने वाली बातें जैसे ‘‘हाय, तुम कैसे हो’’ से नहीं करती। और कुछ डेट्स के बाद ही मैं उसे, फ्राइडे नाइट ड्रिंक्स या लंच के दौरान, अपनी गर्लफ्रेंड्स से मिलवा देती हूं। मेरी फ्रेंड्स मेरे हर संघर्ष से वाकिफ हैं और मैं उन पर पूरी तरह भरोसा करती हूं। यदि मैं असमंजस में हूं कि किसी के साथ मुझे रिश्ता आगे बढ़ाना चाहिए या नहीं तो मैं उनकी राय लेती हूं। वे उससे हल्के-फुल्के तरीक़े से पूछताछ कर लेती हैं। वह भी एक देखने लायक नज़ारा होता है।’’
श्वेता के अनुसार, यहां बात आपके लिए सच्चा प्यार ढूंढने की नहीं है बल्कि एंजॉय करने के बारे में हैं। वे सारी चीज़ें करने के बारे में है, जो आपने पहले कभी नहीं कीं। वो कहती हैं, ‘‘पहले मैं इन ऐप्स पर मिले लोगों को अपना फ़ोन नंबर देने से बहुत डरती थी। मैं सोचती थी- साइको किलर निकला तो? लेकिन अब जब सबकुछ नार्मल होने लगा है, मैं अक्सर डेट्स पर जाती हूं। मुझे यह अहसास हो चुका है कि नए अनुभवों से बचने में कोई समझदारी नहीं है। पिछले कुछ महीनों में, ऐप्स पर मिले कुछ लोगों के साथ मैं कैम्पिंग, ट्रेकिंग और यहां तक कि वॉटर राफ़्टिंग ट्रिप्स पर भी गई। ये ऐप्स केवल रोमांटिक पार्टनर पाने के लिए ही नहीं बने हैं।’’
‘‘अपनी लाइफ के बारे में पूरी ईमानदारी से बताएं’’
जब 38 वर्षीय, श्रद्धा गुजराल की शादी टूटी तो उन्हें खुद की और अपनी छोटी सी बेटी की जिम्मेदारी अकेले ही उठानी पड़ी। वे कहती हैं, ‘‘लगभग सालभर बाद, मैंने तय किया कि मैं एक नए रिश्ते की शुरुआत करने के लिए तैयार हूं। मैं और दुखी नहीं रहना चाहती थी।’’ श्रद्धा ने ऐप डाउनलोड किया और अपना प्रोफ़ाइल बनाया। कुछ कोशिशों के बाद उन्हें एक अच्छा मैच मिला। वे दिनभर एक दूसरे को टेक्स्ट करने लगे। उसका जॉब फ़ायनांस से जुड़ा था और वह काफी हंसमुख किस्म का इंसान था।
श्रद्धा बताती हैं, ‘‘उसके साथ बातचीत के दौरान, मैं अक्सर खिलखिलाती रहती थी। मुझे एक टीनेज गर्ल जैसा महसूस होता था, जो हर वक़्त फ़ोन देखकर मुस्कुराती रहती है। लगभग दो सप्ताह तक फ़ोन पर बात करने के बाद हमने मिलने का फैसला किया। मैं काफी घबराई हुई थी क्योंकि पिछले दस सालों में कभी डेट पर नहीं गई थी। लेकिन हम कॉफ़ी पर मिले और हमने बढ़िया समय बिताया। फिर यह जैसे रोज़ की बात हो गई। वह मुझे ऑफ़िस के बाद मिलता, हम साथ में चाट खाते और बातें करते। आखिरकार मैंने तय किया कि अब मैं उस पर भरोसा कर सकती हूं, पर शायद यह जल्दबाज़ी थी, लेकिन मैं इस रिश्ते को पूरी ईमानदारी से निभाना चाहती थी।’’
जब श्रद्धा ने उसे अपनी बेटी के बारे में बताया, तो वह भड़क गया। वे कहती हैं, ‘‘उसका कहना था कि मुझे यह बात उसे तभी बता देनी चाहिए थी, जब हमने मैच मिलने के बाद पहली बार बात की थी। वह मेरे बच्चे का पिता बनने के लिए तैयार नहीं था। मैंने उसे समझाना चाहा कि मैं उससे यह उम्मीद नहीं कर रही हूं। लेकिन वह तो कुछ भी सुनने और समझने के लिए तैयार ही नहीं था। वह फ़ोन पर ही मुझ पर चिल्लाने लगा। मुझे भी बहुत बुरा लग रहा था, पर मैं क्या कर सकती थी?’’
इस अनुभव के बाद, श्रद्धा ने तय किया कि ऐप पर मैच मिलते ही, वे उस व्यक्ति को सबसे पहले अपने डिवोर्स और बेटी के बारे में बताएंगी। वे कहती हैं, ‘‘मैं ऐसी घटना को दोहराना नहीं चाहती थी। फिर जब भी मुझे कोई मैच अपनी पसंद के अनुसार लगता, मैं उन्हें सबसे पहले बता देती कि मेरी एक बेटी है। मेरी मां का मानना था कि अगर वह व्यक्ति मेरे लिए सही होगा तो उसे इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। और वो बिलकुल सही थीं। हाल ही में जो मेरा पार्टनर है, जब मैं उससे मिली तो उसे इस बात से कोई फ़र्क़ ही नहीं पड़ा। मैंने उसे अपनी बेटी से भी मिलवाया। यदि आप ईमानदारी के साथ किसी रिश्ते की शुरुआत करते हैं तो चीज़ें आपके पक्ष में ही होती हैं।’’
इन सभी महिलाओं के अनुभवों में दोहराई गयी एक कॉमन बात यह है: डेटिंग ख़ुद को जानने और ख़ुद की ख़ुशियां पाने के बारे में है, इसका उद्देश्य केवल अपने लिए एक सही पार्टनर की तलाश नहीं है। और यदि यह ऑनलाइन की जाए, तो भी यह बात नहीं बदलने वाली है।