
10 चीज़ें जो हर महिला के फाइनेंशियल ब्लैक बॉक्स में होनी ही चाहिए
एक एक्सपर्ट के अनुसार, आपको इसकी ज़रूरत क्यों है और इसे कैसे तैयार किया जाए
भारतीय पैरेंट्स तारीफ के काबिल हैं – एकदम पर्फ़ेक्ट इन्सान बनाने के चक्कर में, वे अपनी बेटियों को हर तरह के सर्वाइवल स्किल्स सिखाते हैं। पढ़ाई में सबसे आगे रहना और कम से कम एक एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में माहिर होना (जिससे करियर के ऑप्शन्स बढ़ेंगे), चाहे मन हो या न हो बेसिक कुकिंग स्किल सीखना, रिश्तों को निभाना और हर चीज़ में बैलेंस बनाए रखना, उतनी ही सावधानी और परफेक्शन के साथ जैसे कोई कलाबाज़ रस्सी पर चलता है।
महिलाएं यह सब करने की सिर्फ कोशिश ही नहीं कर रहीं – हम तो यह सब कुछ बैलेंस कर रही हैं।
हम अपने रिश्ते में भी बराबरी बना के चलते हैं। वो खाना पकाते हैं। आप सफ़ाई करती हैं। वो घर का किराया देते हैं तो आप बचे हुए सारे बिल चुका देती हैं।
लेकिन जब बैंक आपको केवाईसी अपडेट के लिए रिमाइंडर कॉल करता है, आपका जवाब हमेशा यही होता है: “फाइनेंस से जुड़े सारे मसले मेरे पति ही देखते हैं। क्या आप इस बारे में उनसे बात कर सकते हैं?”
आप अकेली ही ऐसी औरत नहीं हैं। 2017 में, इकनॉमिक टाइम्स में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के अनुसार, अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहीं, हर 100 पढ़ी-लिखी महिलाओं में से, 92% महिलाओं ने यह माना कि उनके फाइनेंशियल निर्णय उनके घर के पुरुष ही लेते हैं।
लेकिन, ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं, वह कभी भी अड़ंगा लगा सकती है। अचानक घटी कोई दुर्घटना या मौत, महिलाओं को ऐसी स्थिति में लाकर खड़ा कर देती है जहां उन्हें कोई अंदाज़ा ही नहीं होता कि पैसों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी या कागज़ात के लिए वो कहां, क्या खोजें।
मुंबई-बेस्ड एंटरप्रेन्योर समीक्षा सिंह के पति की, हार्ट अटैक की वजह से, महज़ 35 वर्ष की उम्र में ही मृत्यु हो गई थी। अपने पति को खोने के दुख के साथ-साथ, उन्हें फाइनेंस से जुड़ी कई अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ा।
वह बताती हैं, “उनकी कोई वसीयत नहीं थी और मुझे उनके इंवेस्टमेंट्स के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी। मुझे तो ये भी पता नहीं था कि हमारा इन्श्योरेंस भी है या नहीं। कुछ भी स्पष्ट नहीं था, यह एक बड़ा झमेला था।”
यही वजह है कि हर महिला को अपने लिए एक फाइनेंशियल ब्लैक बॉक्स तैयार करना बहुत ज़रूरी है – एक ऐसी फिज़िकल या डिजिटल रिप़ॉज़िटरी, जिसमें सारी आवश्यक जानकारियां और काग़ज़ात मौजूद हों। हमने खुद को दूसरी सभी निर्भरताओं से मुक्त कर लिया है, अब हमारा अगला लॉजिकल क़दम फाइनेंशियल लिबरेशन होना चाहिए।

आपको फाइनेंशियल ब्लैक बॉक्स की ज़रूरत क्यों है?
आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं अपने फाइनेंस का जिम्मा केवल तब उठाती हैं, जब उनके पास और कोई भी विकल्प न बचा हो।
स्पिन वेल्थ कंसल्टेंट्स की चीफ़ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, कनिका कपूर का कहना है, “ब्लैक बॉक्स यह सुनिश्चित करता है कि आपके फाइनेंस सम्बंधित पूरी जानकारी केवल एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाए। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि इमरजेंसी में महिलाओं को यहां-वहां भागना न पड़े।”
आप इसे कहां मेन्टेन कर सकते हैं?
इसके लिए आप एक साइबर लॉकर या बैंक लॉकर का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने परिवार के महत्वपूर्ण काग़ज़ात, जैसे – पैन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट वगैरह की जानकारी एक ऑनलाइन स्प्रेडशीट में लिस्ट करें और इसे साइबर लॉकर में रखें।
या फिर एक पेपर पर इसकी लिस्ट बनाएं और उसको बैंक लॉकर में रख दें।
लॉग इन डीटेल्स या नॉमिनेशन्स के ज़रिए ब्लैक बॉक्स को ऐक्सेस करना याद रखें।
कपूर कहती हैं, “इसके बारे में किसी भरोसेमंद व्यक्ति को भी जानकारी देकर रखें। अपने वक़ील को भी पहले से बता कर रखना मददगार साबित होगा।”
जहां भी हो सके, कांटेक्ट डीटेल्स दे कर रखें और ब्लैक बॉक्स में मौजूद इन्फॉर्मेशन को समय-समय पर अपडेट करती रहें।
इसमें क्या-क्या होना चाहिए?
वसीयत: यह डॉक्यूमेंट सुनिश्चित करता है कि आपकी संपत्ति सही वारिस तक पहुंचे। ध्यान रखें कि वसीयत में सारी चल एवं अचल संपत्ति जिसमें प्रॉपर्टी, फ़िक्स्ड डिपॉज़िट्स, बॉन्ड्स और इन्श्योरेंस, वगैरह का पूरा ब्यौरा हो।
बैंक अकाउंट डिटेल्स: सभी बैंक अकाउंट्स की अपडेटेड पासबुक्स और उनको ऐक्सेस करने से जुड़ी जानकारियों की लिस्ट रखनी चाहिए और साथ ही फ़िक्स्ड व रेकरिंग डिपॉज़िट्स की जानकारी भी होनी चाहिए। यदि कोई बैंक लॉकर्स हैं तो उनकी भी डीटेल्स हों। यदि आप अपने अकाउंट से बिल्स का भुगतान करते हों तो उसकी जानकारी भी लिख कर रखें।
म्यूचुअल फंड्स: आपके ऑनलाइन अकाउंट्स के लॉगइन आईडीज़, पासवर्ड्स और अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी और लाइज़निंग ऑफिसर के कांटेक्ट डीटेल्स भी एक लिस्ट में लिख कर रखें। यदि आप किसी पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट सर्विस की मदद ले रहे हैं, तो उनसे जुड़ी जानकारी भी इसमें शामिल करें।
डायरेक्ट इक्विटी इन्वेस्टमेंट्स: अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी, उसमे किए इन्वेस्टमेंट्स का विवरण और लाइज़निंग ऑफिसर के कांटेक्ट डीटेल्स भी लिख कर रखें।
इन्श्योरेंस डॉक्युमेंट्स: इन्श्योरेंस पॉलिसीज़ की डिजिटल व फ़िज़िकल कॉपी के साथ पॉलिसी नंबर, बेनिफ़िशरी, रिन्यूअल की तारीख़, प्रीमियम का अमाउंट, मैच्योरिटी की तारीख़, नॉमिनी आदि सभी चीज़ों की जानकारी लिख कर रखी जानी चाहिए। इन्श्योरेंस एजेंट के कांटेक्ट डीटेल्स भी लिख कर रखें।
फ़ंड्स और बॉन्ड्स: यदि आपने पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, पोस्ट ऑफ़िस, सरकारी बॉन्ड्स या नेशनल पेंशन स्कीम वगैरह में निवेश किया है तो इनकी पासबुक्स की कॉपी स्कैन करके डिजिटल लॉकर में रखें। या फिर इनकी फ़िज़िकल कॉपी बैंक लॉकर में सुरक्षित रखें।
एम्प्लॉयर बेनेफ़िट्स: प्रॉविडेंट फंड आर्गेनाइज़ेशन से उनके मेंबर्स को दिया गया यूनीक अकाउंट नंबर (यूएएन) आपके ब्लैक बॉक्स का एक अहम हिस्सा होना चाहिए।
रियल एस्टेट/अन्य: आपकी रियल एस्टेट से जुड़े सभी क़ानूनी काग़ज़ात ब्लैक बॉक्स में रखे जाने चाहिए। गोल्ड इंवेस्टमेंट्स या चिट फंड इंवेस्टमेंट्स की जानकारी भी यहां रखें। अपनी ज्वैलरी और अन्य कीमती सामान की लिस्ट और वह कहां संभाल के रखा है, यह जानकारी भी आप इसमें रख सकती हैं।
लोन्स: यदि आपने कोई लोन लिया है तो उसके अपडेटेड डॉक्युमेंट्स की फ़िज़िकल और डिजिटल कॉपी को संभाल कर रखें, जिसमें ईएमआई, रीपेमेंट और ड्यू डेट्स की जानकारी भी हो।

कार्ड्स: अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स की लिस्ट बना कर तैयार रखें, जिसमें उनके नंबर और कंपनी के कांटेक्ट डीटेल्स हों।
फाइनेंशियल ब्लैक बॉक्स तैयार रखने का आईडिया सुनने में आपको भले ही निराशाजनक लगे, लेकिन इमरजेंसी के समय यह आपको बेकार के तनाव से बचा सकता है। इसे कोई दैनिक काम समझ कर टालने की बजाय, आप इसे अपनी मेन्टल हेल्थ की तरह तवज्जो दें, यह आपकी व्यस्क होने की राह में एक नया माइलस्टोन होना चाहिए।