सेक्स के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले 9 अहम सवाल
यूट्यूबर और टीवी प्रेज़ेंटर लीज़ा मंगलदास ने बेझिझक हर सवाल का जवाब दिया
हंसी, उपेक्षा, ग़ुस्सा, शर्म और उत्सुकता- ‘सेक्स’ शब्द का ज़िक्र होते ही लोगों के मन में जितनी भावनाएं उमड़ती होंगी, उतनी तो ‘लव’ शब्द सुन कर भी नहीं उमड़ती होंगी। हालांकि यह हमारे यहां बहुतायत में किया जाता है (भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है), लेकिन फिर भी हमारी संस्कृति हमें यह सिखाती है कि इसे एक रहस्य की तरह कई परदों के पीछे छुपा कर रखना चाहिए। ख़ासतौर पर महिलाओं के लिए।
यूट्यूब पर सेक्स सम्बंधित एक शो होस्ट करने वाली टीवी प्रेज़ेन्टर, लेखिका और लाइव इवेंट्स मॉडरेटर लीज़ा मंगलदास, ने उन नौ सवालों का जवाब देने की चुनौती स्वीकार की, जो भारतीय लोग सेक्स के बारे में अक्सर पूछते हैं। कितना ज़रूरी है, क्या यह बहुत ज़्यादा है, क्या साइज़ वाक़ई मायने रखता है और क्यों अपनी मदद ख़ुद करना कभी-कभी सबसे अच्छा होता है, वे इन सभी बातों के जवाब दे रही हैं, क्योंकि वो ‘डर्टी टॉक’ से नहीं डरतीं।
मैं एक औरत हूँ और हालांकि मैं सेक्स एन्जॉय करती हूं, लेकिन हर बार ऑर्गेज़्म प्राप्त नहीं होता, क्या ये सामान्य है?
“सच कहूं तो, ऐसी बहुत सी औरतें हैं जो सेक्स के दौरान हर बार ऑर्गेज़्म तक नहीं पहुँच पाती, लेकिन ऐसी कई चीज़ें की जा सकती हैं जो ऑर्गेज़्म की संभावना को बढ़ा सकती हैं। अपने लिए ड्यूअल ऐक्शन वाइब्रेटर ख़रीदें और सेल्फ-प्लेज़र पाने की कोशिश कर के देखें – इसने तो मेरा जीवन ही बदल दिया। साथ ही, अपने पार्टनर को बताएं कि क्या करने से आपको आनंद मिलता है। ऐसा करने में शर्मिंदगी महसूस न करें, क्योंकि यदि आप अपने साथी को यह बताएंगी कि आपको कैसे संतुष्टि मिलती है तो यक़ीन मानिए, वे आपको ख़ुश करने के लिए उत्साहित ही होंगे।”
क्या पहली बार सेक्स करने में दर्द होता है?
“दरअसल, ऐसा ज़रूरी नहीं है, यदि आप और आपका पार्टनर बेझिझक बातचीत करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगे तो आप निश्चय ही सुरक्षित और सहज महसूस करेंगी, फ़ोरप्ले में ज़्यादा समय बिताएं और ख़ुद को ढीला छोड़ दें तो यह दर्दभरा बिल्कुल नहीं होगा। रोहन जोशी के शब्दों में, ‘वरना आपका पहला सेक्स अनुभव करन जौहर की तरह कम बल्कि अनुराग कश्यप की तरह ज़्यादा हो जाता है’।”
क्या पहली बार सेक्स के दौरान लड़कियों को ब्लीडिंग होती है?
“कई औरतों को ऐसा महसूस कराया जाता है कि यदि पहली बार सेक्स के दौरान उन्हें ब्लीडिंग नहीं हुई, तो उनके साथ कुछ गड़बड़ है – यह बकवास सोच है कि ब्लीडिंग होना ही कुंवारेपन यानी वर्जिनिटी का सबूत है। ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि हाइमन एक तरह का बैरियर (अवरोध) है, जो पहली बार सेक्स करने पर बड़ी ही नाटकीयता के साथ टूटेगा, जबकि सच तो यह है कि ये एक लचीला और आसानी से चटक जाने वाला टिश्यू है, तो कुछ औरतों को ब्लीडिंग होती है और कुछ को नहीं भी होती है। हो या न हो, दोनों ही स्थितयां बिल्कुल नॉर्मल हैं।”
क्या सेक्स की शुरूआत करने की कोई निश्चित उम्र है?
“यह बात ध्यान में रखिए कि भारत में कानूनी तौर पर सहमति से सेक्स की उम्र 18 वर्ष है – ये जानते हुए, आपको कभी-भी किसी भी तरह के दबाव में आकर ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे आप सहमत न हों और ना ही आपको किसी दूसरे पर बिना सहमति के कुछ भी करने के लिए दबाव बनाना चाहिए। जब आप सेक्स की शुरुआत करें तो सबसे ज़रूरी चीज़ है – आपके पार्टनर की सहमति। इस बात पर जितना ज़ोर दिया जाये उतना कम है।”
पुरुषों को महिलाओं के शरीर पर मौजूद बाल अच्छे लगते हैं या नहीं?
“व्यक्तिगत तौर पर, मुझे लगता है कि हमें शरीर के बालों को लेकर इतना परेशान नहीं होना चाहिए – कई लोग ख़ुद को दर्दनाक हेयर रिमूवल प्रक्रियाओं में झोंक देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है बिना बालों के ही वह आकर्षक दिखेंगे। यदि यह आप खुद अपनी पसंद से करा रही हैं क्योंकि आपको साफ़-सुथरा दिखना अच्छा लगता है, तो बिल्कुल करवाइए। लेकिन यदि आप ये इसलिए करवा रही हैं क्योंकि आपको लगता है कि इन बालों के साथ आपका पार्टनर आपको प्यार नहीं करेगा, तो या तो आपको एक बेहतर साथी की तलाश करनी चाहिए या फिर अपनी सोच को बदलना चाहिए। इस बात की संभावना ना के बराबर है कि आपका पार्टनर आपको इसलिए छोड़ देगा कि आपके शरीर पर बाल हैं।”
कितनी बार सेक्स किया जाना चाहिए?
“इस सवाल का तो कोई सही जवाब नहीं है। पार्टनर राज़ी हो तो आप जितनी बार चाहें सेक्स कर सकती हैं। हां, जब तक यह आपकी ज़िम्मेदारियों और काम के आड़े नहीं आ रहा और आपको तकलीफ नहीं दे रहा, तब तक जितना मन चाहे सेक्स कीजिए।”
क्या पेनिस का साइज़ मायने रखता है?
“यह ज़्यादा मायने रखता है कि आप कितने उत्साहित हैं। यदि आप अपने पार्टनर के प्लेज़र को प्राथमिकता देते हुए उसे ढेर सारा प्यार करने में सक्षम हैं तो साइज़ कुछ भी हो, यह अनुभव निश्चय ही बेहतरीन हो सकता हैं।”
स्लट शेमिंग क्या होता है?
“स्लट शेमिंग का मतलब है किसी महिला को – उसकी सेक्स की चाहतों के लिए, सेक्स करने के लिए, अपनी सेक्शुऐलिटी को चुनने के लिए – शर्मसार महसूस कराना। खासकर भारतीय समाज में, महिलाओं और सेक्स से जुड़ी हर चीज़ को किसी कलंक की तरह माना जाता है और उन्हें इन भावनाओं को दबा के रखने के लिए मजबूर किया जाता रहा हैं। मैं इन सभी बातों को स्लट शेमिंग की केटेगरी में ही रखती हूँ। हमें इस बात की इतनी आदत हो गई है कि हम ख़ुद भी अपनी इच्छाओं को जताने और उन्हें पूरा करने के लिए किसी भी तरह का कदम उठाने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं। महिलाएं हों या पुरुष, सभी को ही स्लट शेमिंग बंद करनी होगी।”
सेक्शुअल हेल्थ या एसटीडी के बारे में कैसे बात की जाए?
“यदि आपके एक से ज़्यादा पार्टनर हैं, तो भले ही आप किसी भी तरह के बर्थ-कंट्रोल या आईयूडी का इस्तेमाल कर रही हों, आपको फिर भी कंडोम का इस्तेमाल करना ही चाहिए। केवल यही एक तरीका एसटीडी से बचाव करने में सहायक है। यदि आप एक ही पार्टनर के साथ रिश्ते में हैं और कंडोम की जगह कोई और बर्थ-कंट्रोल पिल या आईयूडी का विकल्प अपनाना चाहती हैं, तो यह आपको डॉक्टर से जांच कराने के बाद ही करना चाहिए, इसे भी दूसरे हेल्थ प्रॉब्लम्स की तरह उतना ही महत्व दिया जाना चाहिए। यह एक बेसिक मेडिकल प्रोसीजर है।”
देखिए: बच्चों से सेक्शुएलिटी के बारे में कैसे बात करें