
पोस्ट-प्रेग्नेंसी वज़न घटाना असंभव नहीं, ये हमारा वादा है
कुछ मांएं जिन्होंने इसे अनुभव किया, और इसे कम कर के भी दिखाया
यदि आप हाल ही में मां बनी हैं और आपको अभी से पोस्ट-प्रेग्नेंसी वज़न घटाना एक असंभव सा कार्य लगने लगा है, जिसमें शायद आपको पूरी उम्र लग जाएगी तो आप अकेली नहीं हैं, जो ऐसा सोचती हैं।
जब मैं प्रेग्नेंट हुई थी, मेरा वज़न 54 किलो था और रेयान की डिलीवरी के बाद 67 किलो था। इसके पहले जब मेरा वज़न इतना हुआ था, तब मैं दसवीं में पढ़ती थी और ऐसा कुछ हेल्थ प्रोब्लेम्स की वजह से हुआ था। वज़न से दोबारा एक जंग लड़ना मुझे बहुत परेशान कर रहा था।
मुझे लगा था कि डिलीवरी होते ही, स्केल पर वजन अपने-आप कम होता दिखने लगेगा। लेकिन, यह तो किसी दो साल के बच्चे की ज़िद की तरह, टस से मस ही नहीं हो रहा था।
एक्स्पर्ट्स मानते हैं कि औरतों में पोस्ट-प्रेग्नेंसी वज़न कम करना भी एंग्जायटी का एक मुख्य कारण है, जिससे उसके कम होने की प्रक्रिया और धीमी हो जाती है। काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट प्रिया रे चौधरी कहती हैं कि सेशन के दौरान, उनकी महिला मरीज़ ज़्यादातर अपने प्रेग्नेंसी से पहले के सुंदर और छरहरे शरीर का ज़िक्र करती रहती हैं, और वर्तमान स्थिति के प्रति निराश दिखती हैं।
“उनके लिए, वज़न का बढ़ना तो एक चर्चा का मुद्दा है ही, लेकिन क्योंकि वे अपने शरीर को लेकर आत्मविश्वास महसूस नहीं करतीं, इसके कारण उनकी सेक्स लाइफ़ पर भी ख़राब असर पड़ता है,” वे कहती हैं।
ख़ुद के प्रति थोड़ा दयाभाव रखें – आपने अभी-अभी एक नए जीवन को जन्म दिया है, जिससे आपके शरीर में ये बदलाव आया है। इसे स्वीकार कीजिए, और इस चिंता में अपनी नींद ख़राब मत कीजिए (यूं भी आपको केवल कुछ मिनटों की ही नींद मिल पाती होगी)- लगातार कोशिश करने से और सही सलाह को मानने से, प्रेग्नेंसी के बाद का वज़न धीरे-धीरे कम हो जाएगा।
इसे थोड़ा वक़्त दें
पल्लवी बर्मन, एचआरएक्स में मार्केटिंग और ऑपरेशन्स की हेड, कहती हैं, “शुरुआत में रात-रात भर जागने से औरतों को काफी तकलीफ़ होती है, लेकिन धीरे-धीरे शरीर इस रूटीन को एडजस्ट कर लेता है। मुझे नार्मल होने में 18 से 24 महीनें लगे थे। इस समय में, ख़ुद को मां की भूमिका में ढालने की कोशिश करें और अपने हॉर्मोन्स और अंदरूनी सिस्टम को फिर से ट्रैक पर आने दीजिए।”
नेहा सहाय वेलनेस की फ़ाउंडर नेहा सहाय, जिनकी पांच साल की एक बेटी है, ने अपनी डिलीवरी के नौ महीनों के भीतर ही 17 किलो वज़न कम कर लिया था। “अपने लाइफ़स्टाइल में थोड़े बदलाव के साथ पोस्ट-प्रेग्नेंसी वज़न घटाना शुरु करें और धीरज रखें। वज़न कम करने में, 80 फ़ीसदी भूमिका आपकी अपने शरीर के अनुकूल डाइट और 20 प्रतिशत भूमिका आपके वर्कआउट की होगी। इस कॉम्बिनेशन से आपको मनचाहे नतीजे मिल सकते हैं।”
अपने शरीर की बात सुनें
जब मेरे बेटा आठ महीने का हुआ था, तब तक मैंने केवल तीन किलो वज़न कम किया था। इतनी धीमी रफ़्तार से मुझे कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन लोग अकसर मुझे उन महिलाओं की कहानियां सुनाने लगते, जो डिलीवरी के एक महीने बाद से ही जिम जाने लगी थीं। मुझसे पूछा जाता था, “तुम इसके लिए कुछ क्यों नहीं करती?”
मैं नहीं कर सकी क्योंकि उस समय मैं ‘पोस्टपार्टम डिप्रेशन’ से जूझ रही थी और मेरी मेंटल हेल्थ मेरे लिए ज़्यादा मायने रखती थी। ख़ुशनुमा मां और ख़ुशनुमा बच्चा – उस वक़्त मेरे लिए यह वर्कआउट करना ज़्यादा ज़रूरी था।
इशाना बत्रा, ब्लॉगर और दो बच्चों की मां, जिनके दोनों बच्चे नॉर्मल डिलीवरी के ज़रिए हुए थे, उनको दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान एडीमा की समस्या हो गई थी। दूसरी डिलीवरी के बाद उनका वज़न 24 किलो बढ़ गया था।
“डिलीवरी के 15 दिनों बाद, जैसे ही मेरे डॉक्टर ने मुझे इजाज़त दी, मैंने वॉक पर जाना शुरू कर दिया। इक्कीस दिनों बाद मैंने योग शुरू किया। मैंने अपने शरीर के साथ ज़्यादती करने की बजाय, उसकी ज़रूरत को समझा।”
उन्होंने एक्सरसाइज़ के साथ, एक अच्छे न्यूट्रिशनिस्ट को कंसल्ट किया और छह महीने में ही 10 किलो वज़न कम कर लिया।

ब्रेस्टफ़ीड कराते समय अपनी डाइट पर विशेष ध्यान दें
“जब आप प्रेग्नेंट होती हैं तो आपकी जांघों और कूल्हों पर फ़ैट जमा हो जाता है, डिलीवरी के बाद इस फ़ैट का इस्तेमाल लैक्टेशन (दूध बनाने में) में होता है। अत: ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने से फ़ैट कम करने में मदद मिलती है,” पल्लवी कहती हैं।
जसप्रीत आहूजा कहती हैं, “मैंने अपने बेटे को ढाई साल तक ब्रेस्टफ़ीड किया। मैंने हर वो चीज़ खाई, जिसकी सलाह मेरे माता-पिता, दादी-नानी और ससुराल वालों ने दी- बहुत सारी शक्कर और घी से भरे लड्डू। मुझे कहा गया था कि यह दूध बनाने में अच्छा होता है।” इस प्रक्रिया में, उन्होंने 28 किलो वज़न बढ़ा लिया।
नेहा बताती हैं कि ब्रेस्टफ़ीड कराने वाली महिला को एक दिन में 1800 कैलरीज़ लेने की ज़रूरत होती है, लेकिन ये सेहतमंद तरीके से ली जानी चाहिए।
“ब्रेस्टफ़ीडिंग से बहुत सारी कैलरीज़ बर्न होती हैं और क्योंकि इस समय आप बहुत सख़्त वेट-लॉस डाइट पर नहीं जा सकतीं इसलिए सेहतमंद खाने का चुनाव करिए। लस्सी की जगह छाछ पीजिए। आप जो भी खाएं उसमें न्यूट्रिएंट्स की मात्रा ज़्यादा होनी चाहिए न कि कैलरीज़ की।”

पहला क़दम बढ़ाए
हर किसी के पास ऐसा सर्पोर्ट सिस्टम नहीं होता जिनके भरोसे वह अपने बच्चे को छोड़कर अपनी वॉक के लिए 20 मिनट भी निकाल सके। दिए गए इन बदलावों की मदद से आपके पोस्ट-प्रेग्नेंसी वज़न घटाने के सफर की शुरुआत तो हो ही जाएगी, बर्मन कहती हैं:
- सुबह उठते ही दो ग्लास पानी पीएं।
- अपनी डाइट में से किसी भी तरह की शक्कर को बाहर कर दें।
- ख़ाली पेट चाय या कॉफ़ी न पीएं।
- सुबह-सुबह अपने पेट में कुछ सेहतमंद फ़ैट्स को जगह दें, जैसे- बादाम, अखरोट, नारियल, ऐवोकाडो, घी, वगैरह।
- अपनी डाइट में हरी सब्ज़ियां, चिकन, अंडे, मछलियां और अंकुरित अनाज शामिल करें।/span>
- जब आपका बच्चा आपके बगल में सो रहा हो या मैट पर खेल रहा हो तो उसके पास बैठे-बैठे आधे घंटे तक एक्सरसाइज़ करें।
मैं खाना खाने के बाद अपने बच्चे को डकार दिलवाते समय 15 मिनट तक वॉक करती थी और मैंने लिफ़्ट का इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर दिया था।
हालांकि हम इस बात की कामना करते हैं कि हमारे पास भी थैनोस के इन्फ़िनिटी स्टोन्स वाले दस्ताने होते और हमारा पोस्ट-प्रेग्नेंसी वज़न चुटकियों में कम हो जाता, पर कोई नहीं, हमें उन जेम्स का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमारे पास हैं – धीरज, इच्छा और लगन।