
ब्लोटिंग, वजन बढ़ना, नींद की कमी जैसी कई समस्याओं से लड़ने के घरेलू नुस्खे
आपकी किचन में हमेशा मौजूद रहने वाले इंग्रीडिएंट्स में छिपे सुपरपॉवर्स का एक न्यूट्रिशनिस्ट ने किया खुलासा
यह एक सीक्रेट रिलेशनशिप है। दिन में की गई अनगिनत कोशिशों में फेल हो जाने के बाद, थक-हार के हम केवल रात के घने अंधेरे में मिलते हैं। अपनी लालसा के आगे घुटने टेक देने के बाद, मुझे किचन में – अपने यहां-वहां छुपाए चकली के भरे हुए पैकेट्स और पिज़्ज़ा के नरम पड़ चुके लेफ्टओवर स्लाइसेस – के पास जाकर ही शांति मिलती है।
एक तो मैं वैसे ही किसी होपलेस शेफ से कम नहीं, और खुशकिस्मती से दिन में आधे से ज़्यादा समय घर के बाहर रहती हूं, इसलिए कभी कुक करने की ज़रुरत (या इच्छा) ही नहीं हुई।
लेकिन अब जब इन 72 घंटो से भरे दिन, ग्रॉसरी की लिमिटेशन, स्नैक्स की शॉर्टेज और सिर पर मंडराती इस पेंडेमिक की छाया ने एंग्जायटी के मारे, मेरी रातों की नींदें उड़ा दी हैं, अपनी छोटी-मोटी तकलीफों और कमियों के लिए मैंने कुछ घरेलू नुस्खे आजमाने शुरू कर दिए हैं जैसे – हल्की खांसी के लिए हल्दी का दूध , बेहतर नींद के लिए गरम दूध, इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लहसुन, सुबह उठते ही सबसे पहले शहद-निम्बू का पानी (जबकि आजकल तो मैं…)।
जब मैंने बेंगलुरु बेस्ड न्यूट्रिशनिस्ट और एक्सपर्ट फ़ूड कोच अनुपमा मेनन से बात की, तब मुझे अहसास हुआ कि मैं तो केवल इस विशालकाय आइसबर्ग की चोटी पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
इस लॉकडाउन के समय में, जब हमारे पास चीज़ें सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं, उन्होंने हमें अपनी क्रेविंग्स को नियंत्रित करने, परफेक्ट घरेलू नुस्खे अपनाने और पूरी फैमिली के लिए एक बैलेंस्ड डाइट तैयार करने में मदद की।

एक बैलेंस्ड डाइट अपनाएं
जब दादी को थाइरोइड, पापा को हाई कोलेस्ट्रॉल, दादा को डायबिटीज हो, और आपके भाई को वीगन बनने का नया-नया जोश चढ़ा हो, तो ऐसा खाना तैयार करना जो किसी को कोई नुकसान भी ना पहुंचाए और सबको पसंद भी आए, अपने आप में एक बहुत ही कठिन काम है।
मेनन कहती हैं, “हेल्दी ईटिंग के मूल मंत्र पर नज़र डालें, इसके अनुसार बना हुआ 90 प्रतिशत खाना सबके लिए अच्छा होता है, और आपको केवल कुछ छोटे-मोटे एडजस्टमेंट ही करने हैं। कम शक्कर और कम तेल से बना साफ़-सुथरा, ताज़ा पका हुआ खाना बनाएं।”
- वेजिटेबल या रिफाइंड ऑइल से दूर रहें क्योंकि इसमें केमिकल्स होते हैं, इसके बजाय मूंगफली, तिल, सरसो और नारियल के तेल का उपयोग करें।
- यदि घर में किसी को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो खाना पकाते समय नमक कम डालें। जिसे ज़्यादा चाहिए, वह अपने खाने में स्वादानुसार ऊपर से बढ़ा सकता है।
- जिन्हें हाइपोथाइरोइड है, उन्हें पत्तेदार सब्ज़ियां नहीं खानी चाहिए, जैसे पत्ता गोभी, फूल गोभी।
- वन-पॉट मील्स जैसे सब्ज़ियों वाली खिचड़ी , अंडे और सब्ज़ियां, वेजिटेबल परांठा और दही, वगैरह बनाएं जिससे प्रोटीन्स, कार्ब्स और फाइबर एक-साथ एक ही खाने से मिल जाएं (वन-पॉट मील्स पानी भी बचाएंगी और आपको भी)।
- डायबिटिक लोगों के लिए (और बाकियों के लिए भी) व्होलग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस और व्होलव्हीट स्टेपल्स एक हेल्दी चॉइस माने जाते हैं।

स्नैक और शुगर क्रेविंग्स पर कंट्रोल करें
मेरे बाद दोहराएं – ‘मुझे भूख नहीं है, मैं बस बोर हो गई हूं।’ एक बार और, पूरे दिल से। हर थोड़ी-थोड़ी देर में चुटर-पुटर स्नैक्स पर हाथ साफ करना और बेहिसाब मीठा खाना, ये दोनों आदतें करण-अर्जुन के उस अटूट रिश्ते के समान हैं जो किसी भी डाइट को असफल कर देने के लिए काफी हैं।
ऐसे स्नैक मॉन्स्टर्स के लिए मेनन की एक सलाह है, “ज़्यादातर लोग प्यास को भूख समझने की गलती कर लेते हैं। तो कुछ भी उठाकर खाना शुरू करने से पहले, एक गिलास पानी पीएं, थोड़ा ठहरें, और फिर इस पर दोबारा गौर फरमाएं कि क्या वास्तव में आपको भूख लगी है।”
- अपने नियमित समय पर खाना खाएं (अगर आप घर पर हैं, तो भी भरपेट खाना खाएं, यह मान कर चलें कि अगले तीन घंटे तक आपको कुछ खाने को नहीं मिलेगा)।
- अगर क्रेविंग को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल लग रहा हो, तो कुछ हेल्दी स्नैक खाएं – एक गिलास छाछ, ककड़ी और टमाटर का फटाफट तैयार होने वाला सलाद, दही के डिप के साथ, उबले हुए अंडे।
- शुगर क्रेविंग होना एक आम बात है, खासकर संकट के इस समय में, जब पूरे दिन घर में बैठे-बैठे एंग्जायटी, डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगे। मेनन किसी भी चीज़ से खुद को वंचित रखने में विश्वास नहीं करती, लेकिन उन्हें हेल्दी चीज़ों से बदलने की सलाह देती हैं – एक दिन में दो-तीन टीस्पून मीठा खाएं, लेकिन गुड़, खजूर या डार्क चॉकलेट के रूप में खाएं। गर्म चाय या कॉफ़ी में शक्कर डालना बंद कर दें। मेनन के अनुसार, “शुगर क्रेविंग एक आदत है और जितना ज़्यादा आप उसे सिर चढ़ाएंगे, उतना ही वह आपको और लुभाएगी। थोड़ा-बहुत तो ठीक है, लेकिन इसे ज़्यादा आगे ना बढ़ने दें।”
इन्डाइजेशन का खात्मा: कॉन्स्टिपेशन, ब्लोटिंग और एसिडिटी के लिए घरेलू नुस्खे
अपने इन्डाइजेशन का सारा दोष उस चमकते ऑरेंज रंग के शेजवान फ्राइड राइस और ऊपर से लबालब भरे गोभी मंचूरियन पर मढ़ देना बहुत आसान है, या फिर यह कह देना कि आज ‘हेल्दी दिखने वाली’ ग्रेनोला बार खाने के चक्कर में लंच नहीं खाया, लेकिन आपके भोजन के साथ-साथ, यह आपका मन भी है जो आपके पेट को उतना ही प्रभावित करता है।
मेनन का एक ही सिद्धांत है, “हमारी सबसे लम्बी क्रेनियल नर्व है – वैगस नर्व, जो ब्रेन से शुरू होकर हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम तक पहुंचती है। हम जो भी करते हैं या खाते हैं, उसका सीधा असर हमारे मन पर होता है और हमारी मनःस्थिति का असर हमारे पेट पर। अगर आप तनावग्रस्त हैं, एसिडिटी का होना तो लाज़मी है, और अगर आपका पेट ठीक है तो आपका मन भी शांत रहता है।”
- जिन लोगों को एसिडिटी या ब्लोटिंग जैसी समस्याएं हैं, उन्हें प्रोबायोटिक ज़्यादा खाने चाहिए (जैसे दही )। तीन-चार दिनों तक, फल और सब्ज़ियों को फिल्टर्ड पानी में रॉक साल्ट के साथ फरमेंट करके, अपने खाने के साथ खाएं। बीट क्वास, लैक्टो-फर्मेन्टेड सालसा जैसी चीज़े भी ब्लोटिंग और एसिडिटी से बचाव करने में सहायक हैं।
- उफ़! ये कॉन्स्टिपेशन, लगातार पीछे पड़ी रहने वाली, कॉलोनी की उस मैचमैकेर आंटी की तरह है जो हर वक़्त परेशान करती रहती हैं। मेनन का सुझाव है – दो टीस्पून वर्जिन ओलिव ऑइल (या कोकोनट ऑइल) को एक निम्बू के रस के साथ मिलाकर – सात दिन तक, रोज़ सोने से ठीक पहले पीएं।
- कॉन्स्टिपेशन का दूसरा समाधान है दालचीनी – हर ब्रेकफास्ट, लंच एवं डिनर से 20 मिनट पहले, एक गिलास पानी उबाल कर, उसमें आधा टीस्पून दालचीनी घोल कर पीएं, इससे आपको डाइजेशन में मदद मिलेगी। अगर यह आपको अच्छा लगे तो ऐसा एक महीने तक करते रहें।
- लहसुन, अदरक, दालचीनी, हल्दी और निम्बू, ये सभी इम्युनिटी बूस्टर हैं। इनका अपनी कुकिंग में पर्याप्त मात्रा में इस्तेमाल करें। अदरक-हल्दी का जूस पीने के बहुत से फायदे हैं, यह एंटी-इंफ्लेमेटरी है और इम्युनिटी बढ़ाता है।
अच्छी नींद का आनंद उठाएं
हर समय टेक्नोलॉजी में घुसे रहना, ब्लू लाइट्स, तनावपूर्ण जीवन, परेशान करते बच्चे, खर्राटें लेता पार्टनर, कॉन्स्टिपेशन (सबसे हानिकारक), इन सब के साथ नींद आना नामुमकिन है। इनसे बचने के लिए एक भारी रजाई ढूंढने के बजाय, मेनन के घरेलू नुस्खे ज़्यादा आसान और असरदार हैं।
- पानी और हल्दी को मिलाकर हल्का उबाल लें, फिर इसमें दो-तीन चम्मच नारियल का तेल डालें, और कांच के जार में स्टोर कर के रख लें। हर रात अपने गर्म दूध में एक टीस्पून मिलाकर पीएं। यह गोल्डन पेस्ट दूध में मिलाकर पीने से आपका मन शांत होगा और आपको अच्छी नींद आएगी। हल्दी में करक्यूमिन होता है जो आपके सिस्टम से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करता है।