
इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय महिलाओं को इन 5 बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए
और इसका उचित फायदा कैसे उठाएं
इंटरमिटेंट फास्टिंग को आप फिटनेस की दुनिया का तैमूर अली खान कह सकते हैं। जितना इसके बारे में लिखा गया है, और जिस तरह से यह आपकी फ्राइडे नाईट जूम गेट-टुगेदर्स पर एक हॉट टॉपिक बना हुआ है, हमें लगता है कि शायद अब तक तो आपको इस डाइट प्लान की इतनी जानकारी हो गयी होगी, जितनी आपको अपने उन बेस्ट फ्रेंड्स के बारे में भी नहीं होगी जिनके साथ आप इंटरमिटेंट फास्टिंग नोट्स की अदला-बदली कर रहे हैं।
आपने वजन घटाने के 5 असरदार तरीकों पर हमारी कहानी पढ़ी होगी, और शायद आप इंटरमिटेंट फास्टिंग के विभिन्न तरीकों पर अमल भी कर रहे होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है?
यह तो होना ही था, क्योंकि देखा जाए तो पुरुष और महिलाएं लगभग हर चीज पर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देते हैं – फिर चाहे वह टिकटोक बैलेंस चैलेंज हो या आपसी मतभेद से निपटने और बातचीत के तरीके हों।
इन विविध प्रभावों की वजह है – पुरुषों की तुलना में महिलाओं के शरीर का कैलोरी रेस्ट्रिक्शन के प्रति अधिक संवेदनशील होना। यदि फास्टिंग करते समय आपने उचित बातों का ध्यान नहीं रखा, तो इस फास्टिंग के कारण हार्मोन सीक्रिशन, ब्लड शुगर लेवल और मेंस्ट्रुअल हेल्थ पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है।
हाल ही में, न्यूट्रिशनिस्ट राशि चौधरी ने इस बारे में हमारे साथ कुछ मूल्यवान जानकारी शेयर की जिनकी मदद से महिलाएं इंटरमिटेंट फास्टिंग का अधिकतम लाभ उठा सकती हैं और साथ ही इसके हानिकारक प्रभावों से भी बच सकती हैं। इसे विस्तार से समझने के लिए, आइए नीचे की ओर स्क्रॉल करें।
5 बातें जिनका इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए
1. धीमी शुरुआत करें
शुरुआत में एकदम से पूरी तरह इसमें ना कूद पड़ें। साइक्लिकल फास्टिंग के साथ अपने शरीर को धीरे-धीरे इंटरमिटेंट फास्टिंग की दुनिया से परिचित कराएं। आप 5:2 डाइट का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें सप्ताह में दो दिन, आपको 500 कैलोरी प्रतिदिन तक खुद को सीमित रखना है, और बाकी के पांच दिन आप अपना सामान्य स्वस्थ और पौष्टिक भोजन कर सकते हैं। फास्टिंग के दिन एक के बाद एक लगातार नहीं होने चाहिए और एक दिन में केवल 2 बार खाएं जिसमें प्रति मील 250 कैलोरीज़ से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में कदम रखने का एक और तरीका है कि आप 12 घंटे की फास्टिंग से शुरुआत करें और धीरे-धीरे अपना समय बढ़ाएं। यह तरीका शरीर के अन्य फंक्शंस पर प्रहार किए बिना, इसे नए डाइटरी पैटर्न से अभ्यस्त होने में मदद करता है।
2. बहुत थका हुआ महसूस करने पर हेल्थी ब्रेकफास्ट करें
उन दिनों जब आपका शरीर अत्यधिक पस्त महसूस करता है, तो थोड़ी से ढील देकर, खुद के लिए ब्रेकफास्ट तैयार करने में कोई नुकसान नहीं है, लेकिन एक हेल्थी ट्विस्ट के साथ – चौधरी का सुझाव है, “कार्ब-लोडेड सीरियल्स के बजाय, अंडे या एवोकाडो लें।”
यह एवोकाडो स्मूदी बाउल एक संपूर्ण पौष्टिक ब्रेकफास्ट है जो आपके लिए अच्छा भी है और स्वादिष्ट भी है।

इंग्रीडिएंट्स:
- 1 पका हुआ एवोकाडो
- 1 कप 2% योगर्ट
- 2 कप बेबी पालक
- 2 टीस्पून हेम्प सीड्स
- 2 से 2 1/2 टेबल स्पून शहद
टॉपिंग के लिए:
- रास्पबेरी
- 1 टीस्पून हेम्प सीड्स
- बादाम
विधि:
- एक ब्लेंडर में योगर्ट, पालक, हेम्प सीड्स और शहद के साथ एवोकाडो को स्मूथ पेस्ट में ब्लेंड कर लें। इस स्मूदी मिक्सचर को दो बाउल या ग्लास में निकाल लें।
- ऊपर से रास्पबेरी, बादाम और हेम्प सीड्स डाल कर सर्व करें।
रेसिपी: Chatelaine.com
3. एक स्ट्रेस और रिकवरी साइकल फॉलो करें
चौधरी कहती हैं, “एक स्ट्रेस और रिकवरी साइकल फॉलो करें ताकि आप अपने शरीर को रिकवर करने के लिए पर्याप्त समय दे सकें और आप हमेशा फ्लाइट या फाइट मोड में न रहें।”
ऐसा करने का एक सही तरीका यह है कि आप एक सप्ताह या थोड़े ज़्यादा समय के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग ट्राई करें और यदि आप बहुत ज़्यादा पस्त महसूस करते हैं, और आपका डाइजेस्टिव सिस्टम इससे एडजस्ट नहीं कर पा रहा है, तो अपनी 16-घंटे की फास्टिंग विंडो को वापस 14 घंटे में बदल दें। यदि तकलीफ बनी रहती है, तो फास्टिंग के समय को घटाकर 12 घंटे कर दें।
“यदि आप अपने शरीर को अच्छे से रिकवर नहीं होने देंगे, तो आप नोटिस करेंगे कि छह सप्ताह के बाद, आपका थायराइड, सेक्स हार्मोन्स और स्लीप पैटर्न गड़बड़ाने लगे हैं। यह पेरी-मेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए विशेष रूप से ध्यान रखने वाली बात है।”
4. अपने मील्स को अपनी सर्कैडियन रिदम के अनुरूप ढालें
चौधरी बताती हैं, “वास्तव में इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान, मैं सबसे अच्छा तब महसूस करती हूं, जब मैं सर्कैडियन रिदम या अपनी नेचुरल बॉडी क्लॉक के अनुसार अपने मील्स लेती हूं, जिसका मतलब है कि मैं अपनी प्रमुख मील शाम 6 बजे से पहले खत्म कर लेती हूं ताकि मेरा कोर्टिसोल लेवल गिरने लगे और मेलाटोनिन लेवल बढ़ना शुरू कर दे।”
इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय, हो सकता है कि आप रात में ज़्यादा मात्रा में खा रहे होंगे क्योंकि अगले दिन आप अपना फ़ास्ट सुबह देर से तोड़ते हैं, लेकिन यह सही तरीका नहीं है।
मेटाबॉलिज़्म जैसी बायोलॉजिकल एक्टिविटीज़ हमारे सर्कैडियन रिदम या स्लीप साइकल से जुड़ी होती हैं। फोर्ब्स के साथ एक इंटरव्यू में डायटीशियन जेसिका टोंग बताती हैं, “आपकी सर्कैडियन रिदम या नेचुरल बॉडी क्लॉक के कारण आपका मेटाबॉलिज़्म पूरे दिन बदलता रहता है। सुबह के वक़्त, रोशनी और भोजन के प्रभाव के कारण, शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ने लगती है और मेलाटोनिन कम होने लगता है, जिससे आप सतर्क और ऊर्जावान महसूस करते हैं। जबकि, शाम के समय मेलाटोनिन लेवल बढ़ने लगता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी घटने लगती है, जो आपके शरीर को विश्राम और सेल रिपेयर के लिए तैयार करता है।”
तो वास्तव में इसका मतलब यह है कि आप दिन के उजाले के दौरान अच्छे से खाएं और नाश्ते और दोपहर के भोजन को प्रमुख मानें और रात के खाने को छोटा और हल्का रखें।
5. यदि आपको हाइपोग्लाइकेमिया का खतरा है, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें
न्यूट्रिशनिस्ट चौधरी की सलाह है कि जिन लोगों को हाइपोग्लाइकेमिया होने का खतरा है, उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले मेडिकल प्रोफेशनल्स से परामर्श कर लेना चाहिए। रिसर्च के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में हाइपोग्लाइकेमिया का खतरा बढ़ा है, लेकिन इससे वजन घटाने में भी मदद मिली है। इसलिए, एक्सपर्ट की सलाह लेना सबसे अच्छा है।