
उम्र के अनुसार स्किनकेयर - आपकी ब्यूटी किट में क्या होना चाहिए?
डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा सुझाए आपकी उम्र के अनुसार स्किनकेयर के लिए आइडियल ब्यूटी रूटीन
दवाइयों की दुकान में सजे प्रोडक्ट्स हमारे मन को ऐसे मोह लेते हैं कि हर बार कुछ नए प्रोडक्ट हमारी स्किनकेयर कैबिनेट में बढ़ जाते हैं। नतीजा ये कि अब अलग-अलग तरह के सीरम, ऑइल्स और क्रीम्स से भरी हमारी कैबिनेट के चलते हम घर पर ही अपने साइंस एक्सपेरिमेंट्स करने के पूरी तरह तैयार हैं।
रेडनेस और इर्रिटेटेड स्किन के लिए एक एसओएस क्रीम (SOS cream), दिन में बार-बार लगाने के लिए एक हैंडी एसपीएफ क्रीम (SPF cream) और एक आई क्रीम का जार जिसकी कीमत कोहिनूर से कम नहीं थी, और भी ना जाने क्या-क्या है जिनके बारे में यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि हमें वाकई इनकी ज़रुरत है भी कि नहीं।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ मेधा गटकरे कहती हैं, “मार्केट में बहुत से ऑप्शंस उपलब्ध हैं, जिससे आपको भरपूर मौका मिलता है पता लगाने के लिए कि आपके लिए क्या बेहतर है। लेकिन ये एक्सपेरिमेंट्स फायदे से कहीं ज़्यादा आपको नुक्सान पहुंचा सकते हैं।”
यह पता लगाना कि किसी प्रोडक्ट का उपयोग कब और कैसे करना है, वास्तव में अंगारों पर चलने जैसा है – क्योंकि उसके बाद आपकी जलती त्वचा को ठंडा करने के लिए आपको एक फायरहोज़ की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
तो एक ऐसा स्किनकेयर रूटीन कैसे तैयार करें जो आपको आपकी उम्र के अनुसार स्किनकेयर दे सके – क्योंकि हो सकता है कि आप ऑइली और एक्ने ग्रस्त त्वचा के साथ बड़े हुए हों, लेकिन 30 साल की उम्र पार करने के बाद, एक दिन आपको आपकी त्वचा सूखी रोटी जैसे ड्राई महसूस होने लगे।
उम्र के अनुसार स्किनकेयर: प्रोडक्ट्स जो आपके डेली रूटीन के लिए आवश्यक हैं
20वे साल के दशक में स्किनकेयर
टीनेज में अपनी त्वचा को पहुंचाए गए नुक्सान की भरपाई करने के लिए यह समय बिलकुल उपयुक्त है। बिना सनब्लॉक लगाए घर से बाहर कदम रखना, काजल को पानी से धो लेना और मेकअप वाइप्स का केवल रात में ही इस्तेमाल करना – यह सब अब बंद करना होगा।
गटकरे कहती हैं, “20वे साल का दशक, आपकी त्वचा की सुरक्षा और आगे जाकर होने वाली दूसरी तकलीफों की रोकथाम करने के लिए है। इस दौर में आपकी त्वचा लचीली होती है और वह बहुत जल्द शॉर्ट-टर्म डैमेज से रिकवर कर सकती हैं, इसलिए जल्द से जल्द इसका ख्याल रखना शुरू कर देना चाहिए ताकि और अधिक नुक्सान होने से रोक सकें।”
20वे साल के दशक में, डॉ निकिता सोनवने आपको अपने रूटीन में टॉपिकल एंटीऑक्सिडेंट्स शामिल करने की सलाह देती हैं। विटामिन सी, विटामिन ई, फ्लेवोनॉइड्स, रेस्वेराट्रोल और ग्रीन टी एक्सट्रेक्ट से भरपूर सीरम या क्रीम के रूप में ये एंटीऑक्सिडेंट्स उपलब्ध हैं। ये आपके सन प्रोटेक्शन को और बेहतर बनाते हैं।
इस उम्र में हम मेकअप पर और भी ज़्यादा ध्यान देने लगते हैं – परफेक्ट विंग्ड आई लाइनर लुक पाने की कोशिश करना और हाइलाइटर लगा-लगाकर अपनी चीकबोन्स को किसी डिस्को बॉल से भी ज़्यादा चमकदार दिखाना।
आपके ब्लश ब्रश या ब्यूटी ब्लेंडर पर बचे-कूचे मेकअप की वह खिचड़ी बैक्टीरिया का घर बन सकती है। हर दूसरे या तीसरे इस्तेमाल के बाद, अपने टूल्स को भिगोएं और अच्छे से धोएं। आप सिलिकॉन ब्रश क्लीनर भी आज़मा सकते हैं।
आपका रूटीन: मेकअप हटाने के लिए मिसलर वाटर बहुत अच्छा है, या लॉन्ग-स्टे फाउंडेशन और वाटरप्रूफ आईलाइनर के लिए ऑइल-क्लींजिंग ट्राई करें।
गटकरे के अनुसार, आप डेड स्किन से छुटकारा पाने के लिए, हफ्ते में एक या दो बार ग्लाइकोलिक एसिड (glycolic acid) या सैलिसिलिक एसिड (salicylic acid) या दोनों से एक्सफोलिएट कर सकते हैं। हाइड्रेटेड रहने के लिए उपयुक्त मात्रा में पानी पीने से लेकर टॉपिकल हाइड्रेशन और मॉइस्चराइज़िंग इंग्रीडिएंट्स का उपयोग करना आवश्यक है। आपका मॉइस्चराइज़र सादा भी हो सकता है – जिसकी इंग्रीडिएंट लिस्ट में ग्लिसरीन, फैटी अल्कोहल जैसे सेटिल अल्कोहल (cetyl alcohol) और स्टीयरल अल्कोहल (stearyl alcohol), और ह्यल्यूरोनिक एसिड (hyaluronic acid) या सोडियम ह्यल्यूरोनेट (sodium hyaluronate) होने चाहिए ताकि आपकी त्वचा का बैरियर हेल्दी रहे।
छोटी उम्र से ही सन प्रोटेक्शन का सही इस्तेमाल झुर्रियों को कम करने और पहले से हो चुके स्किन डैमेज को सुधारने में मदद करता है। अगर आप धूप में बाहर जा रहे हों तो डॉ गीतिका मित्तल गुप्ता चेहरे पर कम से कम एक टीस्पून प्रोडक्ट लगाने और हर दो या तीन घंटों में इसे फिर से लगाने की सलाह देती हैं।

स्टॉक करके रखें: आपकी त्वचा के छिद्रों की गहराई में दबे ब्लैकहेड्स और वाइटहेड्स को टारगेट करके, उन्हें साफ़ करने में सैलिसिलिक एसिड आपका बेस्ट फ्रेंड हो सकता है। वाश-ऑफ ट्रीटमेंट हो या सीरम, आप इसे किसी भी रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं (लो परसेंटेज से शुरू करें और ज़रूरत पड़ने पर बढ़ाएं)।
जब बात उम्र के अनुसार स्किनकेयर की हो, तो याद रखें कि सांवली त्वचा ज़्यादा आसानी से हाइपरपिगमेंटेशन का शिकार हो सकती है। इसलिए स्किन को चमकदार बनाए रखने के लिए सनस्क्रीन, कुछ आरब्यूटिन (Arbutin) प्रोडक्ट्स और अपना विटामिन सी का डेली डोज़ हमेशा स्टॉक करके रखें।
नियासिनमाइड (Niacinamide) एक मल्टीटास्किंग इंग्रीडिएंट है जिस पर पैसा ज़रूर खर्चना चाहिए। ये आपके त्वचा के छिद्रों को कसने, अत्यधिक ऑइल प्रोडक्शन को रोकने में मदद करता है और स्किन को फिर से एक बेहतर टेक्सचर प्रदान करता है।
इससे बचें: ज़रुरत से ज़्यादा एक्सफोलिएशन। अगर आप केमिकल एक्सफोलिएटर्स को लेकर उलझन में हैं, तो लैक्टिक एसिड (lactic acid) या मेंडेलिक एसिड (mandelic acid) से शुरुआत करें, ये त्वचा पर ज़्यादा कोमल हैं।
सोनवने पॉलीहाइड्रोक्सी एसिड्स (polyhydroxy acids, PHAs) इस्तेमाल करने की भी सलाह देती हैं। ये हमारे फेवरेट ‘एएचए’ (AHAs) और ‘बीएचए’ (BHAs) की तरह ही काम करते हैं लेकिन अपने बड़े मॉलिक्यूल साइज़ के कारण उनसे ज़्यादा सौम्य हैं। ये दूसरों की तरह स्किन में बहुत गहराई तक नहीं घुसते, लेकिन फिर भी कम इर्रिटेशन के साथ एक्सफोलिएशन और रि-टेक्सचराइज़िंग के फायदे देते हैं।
30वे साल के दशक में स्किनकेयर

30वे साल का दशक, रिफ्लेक्शन का समय होता है और यदि आप सही तरीके से अपनी उम्र के अनुसार स्किनकेयर कर रहे हैं, तो गटकरे कहती हैं कि भले ही आपने एक दशक पार कर लिया हो, फिर भी आपका रूटीन काफी हद तक पहले जैसा ही रह सकता है (खासकर एसपीएफ़, सच में)।
इस समय के दौरान आप अपनी त्वचा में कई गहरे बदलाव महसूस करेंगे। वे कहती हैं, “हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण, कई लोग इस उम्र में अपनी त्वचा में भीषण बदलाव देखते हैं। त्वचा रूखी और सेंसिटिव होने लगती है, इसकी वजह या तो टीनेज से ही गलत प्रोडक्ट्स का उपयोग हो सकता है या अनुचित सन प्रोटेक्शन।”
अब रोकथाम और सुधार करने का समय है। एजिंग की प्रक्रिया को झुठलाया नहीं जा सकता, इसलिए आपको अपने रूटीन को लेकर और भी ज़्यादा प्रोएक्टिव होना पड़ेगा।
आपका रूटीन: गटकरे के अनुसार, अब एक बेसिक क्लीन्ज़र को छोड़ और ज़्यादा योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ने का समय है। अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो एक मिल्की क्रीम क्लीन्ज़र ट्राई करके देखें; ऑइली स्किन वाले लोग जेल और फोमिंग फेस वाश का उपयोग कर सकते हैं।
आप देखेंगे कि आपकी त्वचा अब उतनी लचीली नहीं रही जितनी पहले हुआ करती थी। उम्र बढ़ने के साथ, हमारी त्वचा के इलास्टिन और कोलेजन का धीरे-धीरे ब्रेकडाउन होना शुरू हो जाता है। त्वचा की ऊपरी सतह को स्ट्रांग बनाने के लिए, हमें रात में बहुत सारा सेरैमाइड से भरपूर मॉइस्चराइज़र और दिन के लिए हल्की जेल-क्रीम का उपयोग करना चाहिए। एंटीऑक्सिडेंट्स को अपनी डाइट में भी शामिल करके उनकी मात्रा बढ़ाएं। एसपीएफ के साथ कोई समझौता नहीं करना है।

स्टॉक करके रखें: एजिंग के संकेत दिखने शुरू हो जाएंगे। 30वे साल के दशक में, एहतियात के तौर पर आप लो डोज़ में कॉस्मेटिक रेटिनॉल (सीरम और क्रीम में) का इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं।
सोनवने समझाती हैं कि रेटिनॉल एक धीमा और लम्बा चलने वाला खेल है। कुछ दिनों में या हो सकता है कि कुछ महीनों में भी, आपको बदलाव नज़र ना आए, लेकिन यदि आप इसका सावधानीपूर्वक और नियमित रूप से प्रयोग करते रहें, तो निश्चित ही मन चाहे परिणाम मिलेंगे।
इससे बचें: अत्यधिक मात्रा में डी-नेचरड अल्कोहल (denatured alcohol), प्रोडक्ट्स जो हमारी स्किन से मॉइस्चर खींच लें। रेटिनॉल एक अस्थिर इंग्रीडिएंट है। हफ्ते में एक बार, हल्के डोज़ से शुरुआत करें। ध्यान रखें कि आपकी स्किन इसे कैसे सहन कर पा रही है और फिर आने वाले दिनों में इसके प्रति सहनशक्ति बढ़ने पर, धीरे-धीरे इसकी डोज़ और दिन बढ़ाएं।
रेटिनॉल का ज़रुरत से ज़्यादा इस्तेमाल त्वचा को गंभीर नुक्सान पहुंचा सकता है, इससे होने वाली इर्रिटेशन और रेडनेस को ठीक होने में कई महीने भी लग सकते हैं। आप अपनी स्किन पर बहुत ज़्यादा प्रयोग नहीं करना चाहेंगे। अगर आप रेटिनॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो एक्सफोलिएशन कम कर दें और इस इंग्रीडिएंट को अपने रूटीन का स्टार प्रोडक्ट रहने दें।
40वे साल के दशक में स्किनकेयर

40 साल की उम्र पार कर चुकी किसी भी महिला से पूछेंगे तो वह यही कहेगी कि बहुत से प्रयासों और समय के बाद अब वे सफल हो रही हैं। मानसिक रूप से, इस उम्र में आप पहले से कहीं ज़्यादा स्ट्रांग और स्मार्ट हैं, और अब आपके स्किनकेयर को और भी बेहतर बनाने की ज़रुरत है।
गटकरे समझाती हैं, “अब आपकी स्किन मेच्योर स्टेज में प्रवेश कर रही है। आपके कोलेजन को एक्स्ट्रा बूस्ट की आवश्यकता है, और आप अत्यधिक ड्राइनेस की शिकार भी हो सकते हैं। आपको लगेगा कि आपकी स्किन थोड़ी लटकने लगी है।”
“एस्ट्रोजन की मात्रा कम होने की वजह से त्वचा का पतला होना, लटकना और झुर्रियों का दिखना शुरू हो जाता है,” वे समझाते हुए बताती हैं कि 40 की उम्र के अनुसार स्किनकेयर के लिए किन चीज़ों पर निर्भर करना चाहिए।
आपका रूटीन: क्रीमी क्लीन्ज़र का उपयोग करते रहें, पर साथ ही हाइड्रेशन को बढ़ाने के लिए अपने रूटीन में ह्यल्यूरोनिक एसिड सीरम या एक हाइड्रेटिंग टोनर को भी शामिल करें।
अपने रूटीन में प्रभावशाली एंटीऑक्सिडेंट्स भी शामिल करें, ऐसे प्रोडक्ट्स जो एक से ज़्यादा फायदा पहुंचाएं – जैसे, एक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सनस्क्रीन या एक्टिव्स-युक्त एक नाईट क्रीम।
फेशियल ऑइल्स जैसे मारुला, स्क्वालेन, जोजोबा और रोज़शिप सीड ऑइल की एक्स्ट्रा मॉइस्चर प्रॉपर्टीज की तो गटकरे फैन हैं।
“अपने रूटीन के अंत में इनका इस्तेमाल करने से, आपने अभी तक अपनी त्वचा पर जो भी लगाया होगा, उसे आप एक तरह से अपनी त्वचा में लॉक कर सकते हैं।”

स्टॉक करके रखें: हाई-स्ट्रेंथ रेटिनॉल प्रोडक्ट्स आंखों के पास की झुर्रियों, त्वचा पर झुर्रियों और बारीक रेखाओं से लड़ने में मदद करते हैं। अब तक आपकी त्वचा इसकी कम मात्रा की आदी हो चुकी होगी, तो एक हायर-ग्रेड रेटिनॉल अपनाने का समय आ गया है – हर दूसरी रात इसका उपयोग करें और अगले दिन एक स्ट्रांग एसपीएफ लगाएं।
हालांकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक समर्थन नहीं है, लेकिन माना जाता है कि आपके सीरम या मॉइस्चराइज़र में मौजूद पेप्टाइड्स आपकी त्वचा में इलास्टिन और कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं।
अपनी इनऑर्गेनिक सनस्क्रीन को एक ऐसी सनस्क्रीन के साथ बदलें जिसमें जिंक और टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे आर्गेनिक फिल्टर्स हों, जो सेंसिटिव और रिएक्टिव स्किन के लिए ज़्यादा फायदेमंद हैं।
इससे बचें: 40 की उम्र के अनुसार स्किनकेयर की प्लानिंग करते समय आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि उम्र के साथ आपकी स्किन बहुत जल्द इर्रिटेट हो सकती है, इसलिए आपको केमिकल एक्सफोलिएशन पर थोड़ा कंट्रोल करना चाहिए। ग्लाइकोलिक एसिड की जगह, उसका ही कोई हल्का विकल्प चुनें। वैसे भी रेटिनॉल आपके स्किन सेल्स के टर्नओवर को बढ़ाता है, तो आपको नियमित रूप से एक्सफोलिएशन मिल ही रहा है।
50वे साल के दशक में स्किनकेयर

आपने अपनी प्रोफेशनल बकेट लिस्ट के अधिकतम गोल्स हासिल कर लिए होंगे और अब जब आपके बच्चे खुद कमाने लगे हैं और अपना ख्याल खुद रख सकते हैं, आपको खुद के साथ बिताने के लिए ज़्यादा समय मिलता होगा।
इस समय आप साइंस और नेचर से मिलने वाले बेस्ट प्रोडक्ट्स की मदद से अपनी स्किन और बॉडी में आने वाले बदलावों का पूरी ताकत से सामना कर सकते हैं।
मेनोपॉज़ से गुजर रही कुछ महिलाएं स्किन स्केलिंग और ड्राइनेस की शिकायत महसूस करती होंगी, तो कुछ कांटेक्ट डर्मेटाइटिस और एक्ने ब्रेकआउट से जूझ रही होंगी।
गटकरे कहती हैं कि आप अपने मेनोपॉज़ को कैसे ट्रीट कर रहे हैं, क्या आपने हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी चुनी है या नहीं, यह निर्धारित करता है कि आप अपनी स्किन की देखभाल कैसे कर रहे हैं। खुद को मॉइस्चर और एंटी-एजिंग इंग्रीडिएंट्स से पैक करें और जितना हो सके खुद को धूप से बचाएं।
यह एक डर्मेटोलॉजिस्ट चेकअप के लिए बिलकुल सही समय हो सकता है जिससे आपको आपकी विशिष्ट ज़रूरतों के अनुसार अपने लिए एक रूटीन पाने में मदद मिल सकती है।
आपका रूटीन: अपने चेहरे के लिए एक माइल्ड क्लीन्ज़र चुनें और अपनी स्किन के साथ कोमलता से पेश आएं। एक लिपिड-रिच मॉइस्चराइज़र बहुत फायदेमंद साबित होगा और साथ ही टार्गेटेड आई क्रीम्स जिनमें पेप्टाइड्स, निआसिनामाइड और रेटिनॉल जैसे एक्टिव इंग्रीडिएंट्स हों, जो डार्क सर्कल्स, बारीक रेखाओं और झुर्रियों को ट्रीट कर सकें।
रात का समय आपका खुद को ट्रीट देने वाले समय है। घर-पर-ही स्पा के लिए, अपनी डेली रेटिनॉल डोज़ के साथ एक सौम्य फेस मास्क, कुछ ऑइल्स के साथ फेस मसाज या केवल शीट मास्क का भी उपयोग कर सकते हैं।

स्टॉक करके रखें: ऐंप्यूल (Ampoule) आपके आम सीरम के मुकाबले में काफी गाढ़े और त्वचा पर थोड़ा भारी महसूस होते हैं। हाइड्रेटिंग इंग्रीडिएंट्स जैसे गहराई तक जाने वाले सोडियम ह्यल्यूरोनेट, ग्लिसरॉल और यूरिया से युक्त एक ऐंप्यूल आपको चिकनी, सौम्य और कोमल त्वचा प्रदान करेगा।
रात में त्वचा की नमी को सूखने से बचाने के लिए, आप स्किनकेयर के फाइनल स्टेप में ऑक्स्लूसिव फेशियल ऑइल्स (Occlusive facial oils) को एक बैरियर के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
हॉट फ्लैशेस के लिए आप एक सूदिंग फेस मिस्ट को भी अपने रूटीन में शामिल करें। हॉट फ्लैशेस, मेनोपॉज़ के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव का एक आम लक्षण हैं और एक हल्की सी बौछार आपके चेहरे को एकदम ठंडक दे सकती हैं।
इससे बचें: गटकरे कहती हैं, “उम्र के अनुसार स्किनकेयर के नियमों के तहत, यह एक्सपेरिमेंट करने का समय नहीं है। अगर आप मार्केट में आये किसी नए प्रोडक्ट या ट्रेंड को लेकर उत्सुक हैं तो पहले अपने डर्मेटोलॉजिस्ट को कंसल्ट करें। खासकर, घर-पर-ही डर्मा रोलिंग जैसे इनवेसिव टूल्स जो सिर्फ प्रोफेशनल्स के द्वारा ही करवाए जाने चाहिए।”