
बालों का झड़ना कैसे रोकें
इस समस्या की जड़ तक पहुंची एक ट्राइकोलॉजिस्ट
हर औरत, अपने जीवन में कभी न कभी, अत्यधिक हेयर फॉल की समस्या से जूझते हुए अधमरी सी हो जाती है और उसे ऐसा प्रतीत होने लगता है जैसे सनसिल्क का हर कमर्शियल मानो उसे ही टारगेट कर रहा हो।
और इसका नतीजा तो अपेक्षित ही है – ढेर सारे घरेलू नुस्खे, इंफ्यूज़्ड ऑइल्स, ट्राइकोलॉजिस्ट का अपॉइंटमेंट, आंवला जूस पीना भी और लगाना भी, और भी ना जाने कितने तरह के 32 ट्रीटमेंट्स।
ज़रुरत से ज़्यादा उत्साह, स्कूल में हेड गर्ल बनने की दौड़ में या अपने बॉस को इम्प्रेस करने की चाह में, तो मदद कर सकता है लेकिन हेयर ट्रीटमेंट्स के मामलों में नहीं।
फ्रिज में रखी हर चीज़ बिना सोचे समझे अपने सिर पर खाली कर लेने से कहीं ज़्यादा बेहतर और मददगार होगा कि हम पूरी जानकारी के साथ एक-एक कदम आगे बढ़ाएं।
आपको इस झड़ते बालों की बढ़ती समस्या से बाहर निकालने के लिए, हमने डॉ रिग्विता यादव की मदद ली, जो जीन-क्लॉड बेगिन के ट्राइका हेयर क्लिनिक (Jean-Claude Biguine’s Trica hair clinic) में सीनियर कंसलटेंट ट्राइकोलॉजिस्ट हैं।
हेयर फॉल कब एक चिंता का विषय बन जाता है?
एक दिन में एवरेज 50 से 100 हेयर स्ट्रैंड्स का गिरना बहुत आम बात है।
यादव समझाती हैं, “हर स्ट्रैंड अपने आप में एक छोटे ऑर्गन जैसा है, उसकी अपनी एक लाइफ साईकल है जिसमें वह ग्रोथ स्टेज, ट्रांज़िशन स्टेज, रेस्टिंग स्टेज और अंत में शेडिंग स्टेज से गुजरता है।”
चिंता की बात तब होनी चाहिए, जब आपको लगे कि आपके बाल उम्मीद से ज़्यादा गिर रहे हैं – आपके तकिए पर, हेयर ब्रश, बाथरूम की नाली या रबर बैंड्स में अत्यधिक संख्या में बाल दिखने शुरू हो जाएं।
यादव कहती हैं, “अत्यधिक हेयर फॉल के लिए, टेलोजेन इफ्लूवियम (telogen effluvium) एक मेडिकल टर्म है। इस कंडीशन में आपके बाल थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर या निरंतर रूप से गिरते रहते हैं। अगर इसका इलाज ठीक से किया जाए तो इस पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है।”
समस्या की जड़ तक पहुंचें
शायद मां से मिला हो
जेनेटिक हेयर लॉस, हेयर फॉल का सबसे आम कारण, पैटर्न हेयर लॉस के नाम से भी जाना जाता है, और ये आदमियों और औरतों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है।
आदमियों को सिर के ऊपरी हिस्से में बाल पतले होने की वजह से घटती हेयरलाइन का अनुभव होता है, जबकि औरतों की हेयरलाइन में कमी नहीं होती पर उनके बाल क्राउन रीजन से समान रूप से घटने लग जाते हैं।
हेयर पार्टिंग धीरे-धीरे चौड़ी होने लगती है और स्कैल्प का दिखना शुरू हो जाता है।
मेडिटेशन क्लास में इन्वेस्ट करने का समय आ गया हो
बड़ी तेजी से, स्ट्रेस हेयर फॉल का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है – इमोशनल डिस्ट्रेस, फिजिकल एक्सरशन या बिगड़ती मेन्टल हेल्थ। ये बहुत से तनावों का मिला-जुला परिणाम भी हो सकता है।
क्या आपका हॉर्मोनल बैलेंस गड़बड़ा गया है?
हमारे हॉर्मोन्स ये निर्धारित करते हैं कि हम कितने केंद्रित, शांतचित्त या बैचैन हैं। और ऐसे अवसरों पर, ये ही निर्धारित करते हैं कि हमने कितनी बार अपने बैडरूम के फर्श पर झाड़ू मारा (दिन में दो बार यदि आपके बाल आपकी बिल्ली से भी ज़्यादा झड़ रहे हों)।
यादव कहती हैं, “हेयर फॉल को ट्रिगर करने में हॉर्मोनल एब्नॉर्मलिटीज़ का बड़ा हाथ है।” थाइरोइड के लेवल में एब्नॉर्मलिटी हो या कुछ मामलों में पीसीओएस भी हेयर फॉल का संकेत हो सकता है। पोस्ट प्रेगनेंसी हॉर्मोनल इम्बैलेंस भी अत्यधिक हेयर लॉस का कारण बन सकता है।
याद रखें ये पेट से होकर आपके स्कैल्प तक पहुंचता है
एक ट्रेंडिंग सेलेब्रिटी डाइट को फॉलो करने से आप भले ही उनके जैसा महसूस करें, लेकिन उनकी सख्त डाइट के साथ दूसरी कई चीज़ें होती हैं, जो वजन कम करने वाले इन फैड्स के साइड इफेक्ट से उनके बचाव को सुनिश्चित करती हैं। आपके मामले में, ऐसा नहीं होता।
यादव कहती हैं, “लो-कार्ब डाइट, जंक फूड या प्रोसेस्ड फूड जिसमें शुगर और ट्रांस फैट्स की मात्रा काफी ज़्यादा हो, वे भी हेयर फॉल का कारण बन सकते हैं।” अपनी डाइट बदलने का सही तरीका है कि इसमें किसी अच्छे न्यूट्रिशनिस्ट की मदद ली जाए।
स्टेप्स बढ़ाएं ना की पेग्स
एक टीनेजर के रूप में, अपनी मां के वो सारे सवाल जिनके जवाब देते-देते आप थक जाते थे, उन्हें अब नियमित रूप से खुद से ही पूछने की आदत डाल लें। “क्या तुम पर्याप्त नींद ले रहे हो?”, “क्या पर्याप्त एक्सरसाइज कर रहे हो?”, “पक्का, तुम्हे दूसरी ड्रिंक चाहिए?”, और सबसे भयानक सवाल – “क्या तुम्हारे मुंह से सिगरेट की बू आ रही है, बेटा?”
अपने लाइफ स्टाइल को अनुशासित करना बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रिस्क्रिप्शन पैड पर एक कड़ी नज़र रखें
यदि आप किसी तरह का मेडिकेशन ले रहे हैं तो अपने मेडिकल प्रोफेशनल से पता लगाएं कि कहीं वह तो आपके हेयर फॉल का कारण नहीं है। बिना डॉक्टर को पूछे, अपनी दवाइयों के विकल्प ढूंढने की कोशिश ना करें।
हेयर फॉल के सही कारण की पहचान करें
हेयर फॉल के कारण की सही पहचान करने के लिए कई टेस्ट मौजूद हैं।
यादव के अनुसार, “पहला स्टेप है एक ब्लड टेस्ट, जिससे विटामिन बी12, विटामिन डी3, हीमोग्लोबिन और फेरिटीन लेवल में किसी भी तरह की अनियमितता की जांच हो सके।”
यदि हॉर्मोनल इम्बैलेंस की संभावना लग रही हो, तो जांच कराएं कि कहीं थाइरोइड के लेवल में या पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं में एंड्रोजन जैसे डाईहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन की अनियमितता तो नहीं है।
क्लीनिकल डॉयग्नोसिस में फोलिस्कोप (छोटा माइक्रोस्कोप) की मदद से हर बाल की मोटाई, डेंसिटी और स्कैल्प की क्वालिटी का पता लगाया जाता है। यादव कहती हैं, “पैटर्न हेयर लॉस और हेयर फॉल में फर्क बताने के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूल है।”
खूबसूरत लम्बे बालों की देखभाल के लिए समय निकालें
बस पीते जाएं
वो बियर की बोतल छोड़ दो, शीतल। अगर हेयर फॉल से लड़ना है तो तुम्हें केवल पानी पीने पर ध्यान देना चाहिए।
यादव कहती हैं, “एक दिन में तीन से चार लीटर पानी का सेवन, हेल्दी हेयर की तरफ उठाया गया सबसे आसान कदम है।” एक हाइड्रेटेड स्कैल्प का परिणाम हेल्दी हेयर ग्रोथ होता है, जबकि एक ड्राई स्कैल्प क्यूटिकल डैमेज को प्रोत्साहन देता है, जो आपकी हेयर क्वालिटी को प्रभावित करता है।
संतुलित भोजन अपनाएं
एक संतुलित डाइट, जिसमें स्वस्थ बालों के विकास को बढ़ावा देने वाले फूड प्रोडक्ट्स शामिल हो, आपके बालों पर अद्भुत असर कर सकती हैं। हेयर फॉल रोकने में मदद के लिए, मेन्यू प्लान करते समय कुछ बातें दिमाग में रखनी बहुत ज़रूरी हैं:
- अपनी डेली डाइट में प्रोटीन के प्राकृतिक स्त्रोत जैसे सोया, एग वाइट, लीन मीट, दालें और स्प्राउट्स शामिल करें।
- आपके मील प्लान में विटामिन बी12 और ज़िंक से भरपूर भोजन ज़रूर होना चाहिए जैसे व्होल ग्रेन सीरियल्स, फिश और डेरी प्रोडक्ट्स। विटामिन बी12 हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करता है जो हेयर फॉलिकल्स तक ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स पहुंचाने का काम करते हैं, और आगे जाकर स्वस्थ बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं। और ज़िंक हेयर टिशूज़ की ग्रोथ और रिपेयर में मदद करता है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड्स को अपनी डाइट में शामिल करने से स्कैल्प और हेयर शाफ़्ट स्वस्थ होते हैं। ओमेगा-3 डैमेज्ड और ब्रिटल बालों से निपटता है और स्कैल्प की ड्राइनेस को कम करने में मदद करता है। फिश, फ्लैक्ससीड्स, एवोकाडो, अखरोट, बादाम, चिया सीड्स, सनफ्लॉवर सीड्स और सोयाबीन जैसे फ़ूड प्रोडक्ट्स ओमेगा-3 के अच्छे स्त्रोत हैं।
- फल जैसे अनार और स्ट्रॉबेरी या अन्य बेरीज़, एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं और बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
यादव सलाह देती हैं, “अगर आपकी डाइट से आपको ये सभी न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पा रहे हों, तो आप किसी मेडिकल प्रोफेशनल को कंसल्ट करके इनके लिए ओरल सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।”
हेयर फॉल की समस्या से पीड़ित लोगों को आम तौर से बायोटिन, एसेंशियल अमीनो एसिड्स, एसेंशियल फैटी एसिड्स, कैल्शियम पेंटोथेनेट, विटामिन बी6, बी12, ज़िंक और एंटीऑक्सीडेंट जैसे सप्लीमेंट्स प्रिस्क्राइब किए जाते हैं।
खुद के लिए थोड़ा समय निकालें
यादव की सलाह है, “खूब मुस्कुराएं और चिंता कम करें। हर दिन कम से कम 30 से 40 मिनट के लिए एक्सरसाइज़ करें। और अपने स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए योग और मेडिटेशन का सहारा लें।”
स्ट्रेस को जितना कम करेंगे, हेयर फॉल से लड़ने में उतनी ही ज़्यादा मदद मिलेगी। अगर जिम जाने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं, तो ऐसे कई मोबाइल ऐप्स हैं जो आपके फिटनेस गोल्स को पाने में और स्ट्रेस से लड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं।
आपका हेयर केयर रूटीन कैसे होना चाहिए

- हफ्ते में दो से तीन बार बालों को धोना चाहिए।
- बाल धोते समय उन्हें जोर-जोर से नहीं रगड़ना चाहिए। ज्यादा फ्रिक्शन हेयर फॉलिकल्स को डैमेज करके उन्हें नाजुक बनाता है और वे टूटने लगते हैं।
- अपने बालों के अनुसार सही शैम्पू का इस्तेमाल करें। यादव कहती हैं, “शैम्पू बाल झड़ने से नहीं रोक सकते, लेकिन वे आपके बालों और स्कैल्प का पीएच बैलेंस बनाए रखते हैं, जिससे बाल स्वस्थ रहते हैं।” ड्राई बालों के लिए, कोको-बीटेन युक्त शैम्पू का उपयोग करें। ऑइली बालों के लिए, आप ऐसा शैम्पू चुन सकते हैं जिसमे सैलिसिलिक एसिड या ज़िंक पाइरिथियोन हो, जो अत्यधिक ऑइल प्रोडक्शन को कंट्रोल करने में मदद करता है।
- अगर आपके बालों में डैंड्रफ है, तो एक मेडिकेटिड एंटी-डैंड्रफ शैम्पू इस्तेमाल करें। शैम्पू को तीन से चार मिनट के लिए स्कैल्प पर लगा कर छोड़ दें और फिर पानी से धो लें। इससे शैम्पू को असर करने में मदद मिलती है। ऐसा एंटी-डैंड्रफ शैम्पू इस्तेमाल करें जिसमें ज़िंक पाइरिथियोन, सेलेनियम सल्फाइड या केटोकॉन्ज़ोल, और एंटीफंगल इंग्रीडिएंट्स हों।
- हफ्ते में एक बार पोषक फ्रूट-बेस्ड हेयर मास्क लगाएं।
- बालों को गर्म पानी से ना धोएं।
- डायरेक्ट सनलाइट से बालों को बचाएं। सूरज की गर्मी उतनी ही हानिकारक है जितनी हीटिंग टूल्स की गर्मी, जो आपके बालों को रूखा और स्कैल्प को ऑइली बना सकती है। अगर धूप में निकलना बहुत ही आवश्यक हो तो अपने बालों पर एसपीएफ युक्त सीरम लगा कर घर से बाहर निकलें।
- केमिकल ट्रीटमेंट्स और हीटिंग टूल्स से स्टाइलिंग करने से बचें। अगर आपने बाल कलर कराएं हैं तो एक पोस्ट-कलर हेयर केयर रूटीन फॉलो करें।
- गर्म तेल की मसाज करने से बचें। इससे आपके हेयर फॉलिकल को नुक्सान पहुंचता है। ऑइल मसाज से हेयर फॉल के इलाज में कोई मदद नहीं मिलती, वे केवल हेयर शाफ़्ट की कंडीशनिंग करने में मदद करते हैं।
इन-क्लिनिक, नॉन-इनवेसिव हेयर फॉल ट्रीटमेंट्स को चुनें
यादव समझाती हैं, “इन-क्लिनिक ट्रीटमेंट्स पूरी तरह से सुरक्षित और दर्दरहित होते हैं। वे आपके हेयर फॉलिकल के बायो-स्टिम्युलेशन को टारगेट करते हैं, जिससे हेयर फॉलिकल के आसपास सर्क्युलेशन बढ़ता है और हेयर फॉलिकल को पोषण भी मिलता है।”
अगर आपका हेयर फॉलिकल रेस्टिंग स्टेज या प्रीमेच्योर रेस्टिंग स्टेज में है, तो नए बाल उगाने के लिए सेल्स मल्टीप्लाई नहीं करते हैं। ऐसे मामलों में, नए स्वस्थ बालों के उत्पादन के लिए हेयर फॉलिकल का बायो-स्टिम्युलेशन आवश्यक होता है।
इलेक्ट्रोपोरेशन (Electroporation)
इलेक्ट्रोपोरेशन एक ऐसा सिस्टम है, जो स्किन की स्ट्रेटम कोर्नियम लेयर (सबसे बाहरी परत) में इलेक्ट्रिक पल्स की मदद से जगह बनाकर, कस्टमाइज़्ड नेचुरल मेडिसिन्स को स्कैल्प की डर्मल लेयर के अंदर तक पहुंचाता है।
ये हेयर फॉलिकल के आसपास की बेसल और डर्मिस लेयर के अंदर तक हेयर ग्रोथ फैक्टर्स और अन्य मेडिकेशन को ले कर जाता है। यह ट्रीटमेंट जीन-क्लॉड बेगिन के ट्राइका हेयर क्लिनिक में उपलब्ध है ।
लो-लेवल लेज़र लाइट थेरेपी (Low level laser light therapy)
जैसे कि रेड लाइट थेरेपी, कोल्ड लेज़र, सॉफ्ट लेज़र, बायो-स्टिम्युलेशन और फोटोबायोमॉड्यूलेशन।
लो-लेवल लेज़र थेरेपी हेयर फॉलिकल के आसपास खून का प्रवाह बढ़ाने में मदद करती हैं, जिससे हेयर फॉलिकल सेल्स का बायो-स्टिम्युलेशन होता है और नए बाल उगते हैं। यह ट्रीटमेंट यूजीनिक्स हेयर साइंसेज (Eugenix Hair Sciences) और जीन-क्लॉड बेगिन के ट्राइका हेयर क्लिनिक में उपलब्ध है ।
मेसोथेरपी (Mesotherapy)
ये कॉस्मेटिक हेयर रेस्टोरेशन के लिए एक नॉन-इनवेसिव और नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें प्रभावित क्षेत्र की मिडिल लेयर के भीतर कई माइक्रो-इंजेक्शन दिए जाते हैं।
कोलेजन, विटामिन्स, मिनरल्स, एन्ज़ाइम्स और एसिड्स युक्त ये इंजेक्शंस बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं। यह ट्रीटमेंट डॉ बत्रा के क्लिनिक (Dr. Batra’s), वीएलसीसी (VLCC), यूजीनिक्स हेयर साइंसेज (Eugenix Hair Sciences) और जीन-क्लॉड बेगिन के ट्राइका हेयर क्लिनिक में उपलब्ध है ।
पीआरपी (प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा) थेरेपी
आपके ब्लड में से पीआरपी (PRP) को निकालकर आपके स्कैल्प में इंजेक्ट किया जाता है। ये माना जाता है कि इससे बॉडी टिशूज़ को स्वस्थ होने में मदद मिलती है, जिसमें हेयर फॉलिकल्स भी शामिल हैं।
एक सेंट्रीफ्यूज-नुमा मैकेनिज्म की मदद से हमारे ब्लड में से पीआरपी (PRP) को निकालकर अलग किया जाता है। ये कई विशिष्ट ग्रोथ फैक्टर्स के कॉन्सेंट्रेशन को भी बढ़ाने में मदद करते हैं। यह ट्रीटमेंट वीएलसीसी (VLCC), यूजीनिक्स हेयर साइंसेज (Eugenix Hair Sciences) और काया स्किन क्लिनिक में उपलब्ध है ।
देखिए: कैसे हेयर फॉल का इलाज करें और कुछ हेयर केयर टिप्स