
ऐसे सनटैन से कैसे उबरें जिसने आपकी त्वचा को झुलसा कर रख दिया है
नींबू के रस का इस्तेमाल नींबू पानी बनाने के लिए करें, फेसपैक के लिए नहीं
यह पुराना चुटकुला – ‘वो क्या है जो सफ़ेद है, काला है और लाल भी है?’ ‘एक सनबर्न्ट ज़ेबरा’ – न केवल सुनने में फूहड़ लगता है बल्कि वास्तव में गलत भी है। रिसर्चर्स को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि ज़ेबरा का प्रसिद्ध कोट ना केवल उन्हें हानिकारक यूवी किरणों से बचाता है बल्कि उन्हें गर्म मौसम में ठंडा रखने के भी काम आता है। ज़ेबरा अपनी त्वचा की रक्षा करना जानते हैं। दुर्भाग्य से, उनके दो पैरों वाले स्तनधारी भाई-बंधुओं को – यानि की हमें – अभी भी पूरी तरह यह बात समझ में नहीं आई है। गर्मियों की कड़ी धूप में पूरा दिन बिताने के बाद, अक्सर हमें अपना चेहरा काला, लाल और झुलसा हुआ मिलता है, और पैर तो ऐसे टैन हो जाते है की काली धारियां देखकर किसी ज़ेबरा को भी जलन होने लग जाए।
हम स्वाभाविक रूप से साहसी और उद्यमी प्राणी हैं और इसीलिए सनटैन से छुटकारा पाने के लिए भी हम हर घरेलू नुस्खे पर अपना हाथ आजमाने में पीछे नहीं हटते। हममें से अधिकांश लोगों ने इसके लिए नींबू का रस, बेसन का स्क्रब और सिर से पैर तक के सुरक्षा कवच के लिए खुद को एलोवेरा जूस में भी डुबोया होगा। और तो और अपने गालों पर टमाटर के इतने स्लाइस रगड़े होंगे की रात की तरकारी के लिए टमाटर कम पड़ जाने पर मां की डांट भी खाई होगी।
ऑनलाइन कंसल्टिंग ब्रांड drmanasiskin.com की फाउंडर और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. मानसी शिरोलिकर के अनुसार, दुर्भाग्य से, ये घरेलू नुस्खे “सनटैन से छुटकारा पाने के लिए कारगर नहीं हैं और इनसे वास्तव में कोई ख़ास फायदा नहीं होता।”

शिरोलिकर कहतीं हैं, “सूरज की UVA और UVB किरणों के संपर्क में आने से स्किन सेल्स को क्षति पहुंचती है और उसके प्रति हमारे शरीर की प्रतिक्रिया टैनिंग के रूप में दिखती है। इन यूवी किरणों के लंबे समय तक संपर्क में बने रहने से स्किन सेल्स के डीएनए को हानि पहुंचती है, जिससे त्वचा का रंग काला पड़ने लगता है और पिगमेंटेशन होता है। UVA किरणों के कारण हुई टैनिंग कुछ दिनों तक चलती है (हालांकि वे त्वचा में गहराई तक प्रवेश करतीं हैं और मेलानोसाइट्स को अधिक मेलेनिन उत्पन्न करने के लिए ट्रिगर करतीं हैं), लेकिन UVB किरणों से हुई टैनिंग हफ्तों और यहां तक कि महीनों तक भी बनी रहती है।”
डॉ मंजोत मारवाह के अनुसार, टैनिंग सन डैमेज के खिलाफ हमारे शरीर का एक प्रोटेक्टिव मैकेनिज्म हैं। एक अवार्ड-विनिंग डर्मेटोलॉजिस्ट, हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन, और डॉ मंजोत क्लिनिक के डायरेक्टर के तौर पर, मारवाह कहतीं हैं कि हम सभी में मेलेनोसाइट्स सेल्स होते हैं, जो त्वचा को उसका रंग देते हैं, और मेलेनिन इसका प्राकृतिक रूप से बनने वाला पिग्मेंट है। “टैनिंग तब होती है जब हमारी त्वचा यूवी किरणों के संपर्क में आती है, जो हमारी त्वचा में मेलेनिन के उत्पादन को ट्रिगर करतीं हैं। यह हमारी त्वचा को काला करने लगता है ताकि इन यूवी किरणों से हमारी त्वचा को और ज्यादा नुकसान ना होने पाए।
एक सॉफ्ट गोल्डन ग्लो की चाह किसे नहीं होती, खासकर तब जब आप विदेश में एक एक्सॉटिक वेकेशन लेने के बाद लौटकर अपने दोस्तों के बीच एक चर्चा का विषय बनना चाहते हैं। लेकिन शिरोलिकर बताती हैं कि टैनिंग से न केवल त्वचा का रंग बदलता है, यह समय से पहले ही त्वचा को बूढ़ा करने लगती है, जिससे काले धब्बे और झुर्रियां पड़ जातीं हैं। “कुछ मामलों में, UVB किरणों से सनबर्न हो सकते हैं, क्योंकि वे त्वचा की ऊपरी परतों – एपिडर्मिस को झुलसा देती हैं।”
तो यदि पूल के किनारे सुस्ताते हुए आपकी आंख लग जाती है या गार्डन में चिंटू के पीछे दौड़ना शुरू करने से पहले आप अपनी सनस्क्रीन फिर से लगाना भूल जाते हैं, ऐसे में आप क्या करते हैं?

सुरक्षित रूप से सनटैन से छुटकारा कैसे पाएं
मेरी त्वचा तो भूरी है फिर भी मुझे टैनिंग क्यों हो रही है?
टैनिंग कहीं भी हो सकती है – कार ड्राइव करते समय आपके उस एक हाथ पर जो हमेशा विंडो पर रहता है, स्विमिंग कॉस्ट्यूम के स्ट्रैप के आसपास, या ऑफिस में विंडो डेस्क पर बैठे आपके हाथों पर जो सनलाइट के संपर्क में आते हैं।
आपका मानना होगा कि त्वचा जितनी अधिक भूरी होती है, धूप से बचाव की आवश्यकता उतनी ही कम होती है – मेलेनिन आपकी रक्षा करता है। लेकिन मारवाह और शिरोलिकर दोनों का कहना है कि ऐसा नहीं होता है, और ऐसा जोखिम उठाने से आपकी त्वचा को काफी खतरा हो सकता है।
शिरोलिकर कहतीं हैं, “त्वचा किसी भी रंग की हो, लोगों को सनस्क्रीन की आवश्यकता होती ही है। सांवली त्वचा वाले लोग का टैन इतनी आसानी से नहीं दिखता क्योंकि उनकी त्वचा में मेलेनिन ज्यादा होता है, लेकिन ये उन्हें किसी भी तरह से सन डैमेज से नहीं बचा सकता है, और न ही सनबर्न, काले धब्बे, झुर्रियां या मेलेनोमा (स्किन कैंसर) के प्रति उन्हें किसी तरह की इम्युनिटी प्रदान करता है।”
टैनिंग से बचने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
किसी भी समस्या के उत्पन्न होने और फिर उससे निपटने का इंतज़ार क्यों करें जब आप उससे पहले ही बच सकते थे? इस मामले में, यह पूरी तरह संभव नहीं है। ऐसा तभी हो सकता है यदि आप एक निशाचर के रूप में जीवन बिताना शुरू कर दें, वरना आप कुछ हद तक टैनिंग के शिकार होते ही हैं।
शिरोलिकर कहतीं हैं, सनटैन से छुटकारा पाने की कोशिश करने के बजाय, अपनी सनस्क्रीन का अच्छे से इस्तेमाल करें और यूवी इंडेक्स पर नजर रखें। “जितना हो सके तभी बाहर निकलें, जब यूवी इंडेक्स 0 से 5 के बीच हो, जो आदर्श रूप से सुबह या दोपहर 4 से 5 बजे के दौरान होता है। दोपहर की कड़ी धूप से बचें, क्योंकि उस समय सूरज की किरणें सबसे तेज़ होती हैं और अधिकतम नुकसान पहुंचा सकती हैं।”
शिरोलिकर और मारवाह के अनुसार हमें कम से कम 30 SPF वाली सनस्क्रीन लगाकर, चौड़ी टोपी, लंबी बाहों के कपड़ें और सनग्लास पहनकर बाहर निकलना चाहिए, और जितना हो सके छाया में घूमना-फिरना चाहिए।
इंग्रीडिएंट्स जो सनटैन से छुटकारा पाने में मदद करते हैं
एक्सफोलिएशन
मारवाह हल्के (लेकिन प्रैक्टिकल) एक्सफोलिएशन के साथ शुरुआत करने की सलाह देतीं हैं। घर के बने नारियल तेल और कॉफी स्क्रब को भूल जाएं और ग्लाइकोलिक और लैक्टिक एसिड जैसे अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) आज़माएं, जो गंदगी की परत, डेड स्किन सेल्स और टैन को हटाने में मदद करता है। शिरोलिकर कहतीं हैं कि AHAs स्किन सेल्स को बढ़ाने में मदद करते हैं, जो आपकी त्वचा को फिर से उसकी प्राकृतिक अवस्था में लौटा सकता है। लेकिन साथ ही वे चेहरे पर 15% और शरीर पर 30% से ज्यादा AHA का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी देतीं हैं। और हमेशा अच्छी मात्रा में सनस्क्रीन लगाना याद रखें। अन्यथा, आप गंभीर स्किन डैमेज का जोखिम उठा रहें हैं।
Glyco 6 (₹201) सबसे ज्यादा बिकने वाला एक पसंदीदा प्रोडक्ट है, जिसका उपयोग आपको कम मात्रा में (आपकी त्वचा की सहनशीलता के आधार पर) हर दूसरी या तीसरी रात करना चाहिए; Chemist At Play का एक्सफ़ोलीएटिंग बॉडी वॉश (₹399) उन लोगों के लिए है जिन्हें प्रभावी प्रोडक्ट चाहिए लेकिन साथ ही वे अपनी स्किन पर लीव-ऑन (लगा कर छोड़ देने वाले) प्रोडक्ट्स का उपयोग करने में झिझकते हैं। The Ordianry का लैक्टिक एसिड 10% (₹750) चेहरे के लिए बहुत अच्छा है, और आप उसके आकर्षक लाल रंग के पीलिंग सॉल्यूशन से मोहित हो सकते हैं, लेकिन यदि आप शुरुआत कर रहे हैं, तो इस अत्यधिक शक्तिशाली फॉर्मूला के बजाय Acne Squad के इनक्रेडिबल पीलिंग टॉनिक विथ 5% AHA और 1% BHA और PHA (₹594) के साथ शुरुआत करें। इसे आपकी त्वचा की सहनशीलता के आधार पर, चेहरे और शरीर पर सप्ताह में 1-2 बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

ब्राइटनिंग
सनटैन से छुटकारा पाने के लिए कमर कस ली है तो विटामिन सी, कोजिक एसिड, ट्रानेक्सैमिक एसिड, अल्फा अर्बुटिन और लिकोरिस एक्सट्रेक्ट जैसे एंटीऑक्सिडेंट और ब्राइटनिंग इंग्रीडिएंट्स की मदद लें।
मारवाह कहतीं हैं कि विटामिन C बहुत फायदेमंद है, यह सन डैमेज को कम करता है, कोलेजन बनाने में मदद करता है और त्वचा को कसाव और लचीलापन प्रदान करता है। विटामिन C की तरह, ग्रीन टी और रेस्वेराट्रोल त्वचा को पर्यावरण के दुष्प्रभावों से बचाने और फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने के लिए शानदार एंटीऑक्सिडेंट हैं।
टोनर के पीछे दीवाने लोगों के लिए, Isntree का ग्रीन टी फ्रेश टोनर (₹1,750) बहुत जल्द आपका नया पसंदीदा एंटीऑक्सिडेंट-युक्त, हाइड्रेटिंग प्रोडक्ट बन सकता है। यदि आप केवल एक सीरम के साथ अपने ट्रीटमेंट को सरल रखना पसंद करते हैं, तो MyGlamm का 15% विटामिन सी ब्राइटनिंग सीरम (₹679) एक अच्छा ऑप्शन है, और Caudalie का रेस्वेराट्रोल-लिफ्ट इंस्टेंट फर्मिंग सीरम (₹5,600) भी है जो कई ऑनलाइन ब्यूटी गुरुओं का फेवरेट प्रोडक्ट है। ऑल-इन-वन सोल्युशन के लिए, बिलुमा एडवांस लोशन (₹710) में मुलेठी, विटामिन ई, कोजिक एसिड और अर्बुटिन है जो काम को सही से अंजाम देने में माहिर है, और टाइरोडिन क्रीमी लोशन (₹530) जो डर्मटोलॉजिस्ट्स की टॉप चॉइस है, लेकिन इनका उपयोग उनकी गाइडेंस में ही करना चाहिए क्योंकि यह कई एक्टिव इंग्रीडिएंट्स का मिश्रण है, और कुछ तो हाई डोज़ में भी पाए जाते हैं।

डॉ मानसी शिरोलिकर और डॉ मंजोत मारवाह से आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या हल्दी, नींबू का रस और टमाटर जैसे घरेलू नुस्खे सनटैन से छुटकारा दिलाने में कारगर हैं?
“घरेलू नुस्खे सनटैन से छुटकारा दिलाने में सक्षम नहीं होते हैं और वास्तव में वे इसे कम करने में कोई मदद नहीं करते हैं। नींबू का रस, उदाहरण के लिए, यदि त्वचा पर लगाया जाता है, तो त्वचा में जलन और धूप के संपर्क में आने पर फाइटोफोटोडर्माटाइटिस (जिसके लक्षणों में फफोले, त्वचा की सूजन और खुजली शामिल हैं) का कारण बन सकता है। इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण या स्टडी भी नहीं है कि ये सनटैन को कम करने में प्रभावी हैं। हालांकि कुछ लोग इनका गुणगान गाते हैं, लेकिन इनसे आपकी त्वचा को और नुकसान पहुंच सकता है।” – शिरोलिकर
क्या अच्छा सनटैन पाने का कोई ‘हेल्थी तरीका’ है?
“चाहे आप घर के अंदर टैन हों (टैनिंग बेड की मदद से) या बाहर, आप अपनी त्वचा को नुकसान ही पहुंचाएंगे, और इससे स्किन कैंसर भी हो सकता है, इसलिए किसी भी कीमत पर ‘हेल्थी टैनिंग’ के किसी भी रूप से बचें।” – शिरोलिकर
“अच्छा समर ग्लो पाने के लिए सेल्फ-टैनिंग लोशन और स्प्रे जैसे ऑप्शन भी मौजूद हैं। निर्देशों को ध्यान से पढ़ें, और सूरज के ज्यादा संपर्क में आने से बचें।” – मारवाह
क्या आप किसी प्रोडक्ट का उपयोग किए बिना भी सनटैन से छुटकारा पा सकते हैं?
“हालांकि हमारी त्वचा हर दिन उतरती है, फिर भी हम निश्चिंत नहीं हो सकते, इसलिए सनबर्न से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतने में ही समझदारी है। टोपी और सनस्क्रीन का उपयोग खुद को सूरज की किरणों से बचाने का एक अच्छा तरीका है।” – मारवाह
सनटैन और हाइपरपिग्मेंटेशन में क्या अंतर है?
“सनटैन एक प्रकार का हाइपरपिग्मेंटेशन है, लेकिन सभी हाइपरपिग्मेंटेशन टैनिंग का परिणाम नहीं होते हैं। यूवी किरणों के संपर्क में आने के कारण टैनिंग होती है, जबकि हाइपरपिग्मेंटेशन कई कारणों से होता है, जिसमें उम्र, स्वास्थ्य, दवाएं, हार्मोनल उतार-चढ़ाव, यहां तक कि चोट और त्वचा की सूजन भी शामिल हैं।” – शिरोलिकर
क्या सन टैनिंग से एक्ने में आराम मिल सकता है?
“सन टैनिंग, किसी भी तरह से, एक्ने में आराम नहीं दिला सकती है। वास्तव में, यदि आप मुहांसों का इलाज करवा रहे हैं, तो यूवी किरणों के संपर्क में आने से आपकी त्वचा को और नुकसान हो सकता है, जिससे यह पहले से भी बदतर हो सकते हैं। यदि आप एक्ने के इलाज में बेंज़ोयल पेरोक्साइड, रेटिनोइड्स (टॉपिकल और ओरल दोनों), एंटीबायोटिक्स या AHAs का उपयोग कर रहें हैं, ऐसे में सूर्य के प्रति आपकी त्वचा की संवेदनशीलता पहले से ही उच्च स्तर पर है।
इसके अलावा, माइक्रोडर्माब्रेशन, केमिकल पील और एक्ने के लिए अन्य क्लीनिकल ट्रीटमेंट आपकी त्वचा को सूर्य के प्रति और भी ज्यादा संवेदनशील बना सकते हैं। ऐसे में यदि आप अपनी त्वचा को टैन करने की कोशिश करते हैं, तो आपको तेज खुजली, पपड़ीदार लाल त्वचा, फफोले, त्वचा का फटना और सूजन जैसे गंभीर नुकसान भुगतने पड़ सकते हैं।” – शिरोलिकर
क्या अच्छे से सनस्क्रीन लगाने से आपके विटामिन D के स्तर पर असर पड़ता है?
“सैद्धांतिक रूप से, हां, करता है। लेकिन कई स्टडीज़ ने यह साबित कर दिया है कि सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने वाले और नहीं करने वाले लोगों के विटामिन D के स्तरों में कोई अंतर नहीं था। भारतीयों में जेनेटिकली ही विटामिन D का स्तर कम पाया जाता है। हम सनस्क्रीन को दोष नहीं दे सकते।” – मारवाह
“SPF 30 वाला सनस्क्रीन लगभग 97% UVB किरणों को फ़िल्टर करता है, जबकि SPF 50 वाला सनस्क्रीन लगभग 98% UVB किरणों को फ़िल्टर करता है, बशर्ते आपने उन्हें हर जगह पर अच्छी तरह से लगाया हो, जो सच कहें तो हमेशा संभव नहीं हो पाता। ऐसे में लगभग 2% (कई बार और भी ज्यादा – लगभग 7% तक) UVB किरणों के त्वचा में प्रवेश करने की संभावना होती है जो विटामिन D के उत्पादन में मदद करता है, और आमतौर पर पर्याप्त होता है। – शिरोलिकर
सावधानी बरतें: कृपया अपनी आवश्यकता के अनुसार उपयुक्त सलाह के लिए अपने हेल्थकेयर कंसलटेंट से परामर्श लें।