
सेक्सलेस मैरिज में रह रही भारतीय महिलाएं, अब अपनी चुप्पी तोड़ रही हैं
“अपने पति के साथ अच्छे सेक्स की चाह रखने के लिए, क्या मुझे ‘लूज़ केरैक्टर’ बुलाया जा सकता है?”
अपने हमउम्र शादीशुदा दोस्तों की सेक्स लाइफ के गरमागरम किस्से सुनकर, आशिमा को आश्चर्य होने लगा था, कि क्यों उसकी सेक्स लाइफ अभी से ढलने लगी है? वह हमेशा सेक्सलेस मैरिज को उन बुजुर्ग कपल्स के साथ जोड़ती थी, जिन्हें शारीरिक रूप से इंटरकोर्स करने में कठिनाई होती है, नाकि, 40 साल के उसके और उसके पति जैसे हेल्दी लोग।
“मैंने खुद में कमियां ढूंढना शुरू कर दिया। शायद मेरा पोस्टपार्टम शरीर अब आकर्षक नहीं रहा। हो सकता है कि मेरा ज़्यादातर समय हमारे बच्चे पर फोकस करने में निकल जाता है। वैसे भी शादी में सेक्स कितना महत्वपूर्ण होता है?”
अब 56 वर्षीय, आशिमा अपनी 16 साल की शादी के पहले चार सालों को सबसे ज्यादा चाव से याद करती हैं। वह एक समय था जब उनकी सेक्स लाइफ सबसे बेहतरीन थी। उत्साहित नववरवधू के रूप में, वे नियमित तौर पर साथ में समय बिताते, रोड ट्रिप्स पर जाते, अपने दोस्तों के साथ बाहर जाते थे और सप्ताह में 3-4 बार इंटिमेट होते थे। वे कहती हैं, “धीरे-धीरे वह उत्साह फीका पड़ता गया और ऐसा क्यों हुआ, यह मैं आज तक नहीं समझ पाई।”
अब उनके और उनके पार्टनर के बीच किसी भी तरह की कोई इंटिमेसी हुए चार महीने बीत चुके हैं। उनकी ही तरह, रिश्ते में आए इस बदलाव से प्रियंका एस, 61, और मालविका, 50* भी परिचित हैं।
48 वर्षीय नम्रिता* कहती हैं, “मुझे लगा कि यह नार्मल है। जैसे-जैसे शादी पुरानी होने लगती है, इंटिमेसी कम होने लगती है। तीन साल पहले, जब मेरी एक दोस्त उस महीने सेक्स नहीं करने पर शिकायत कर रही थी, तो मैं अपनी शादी के बारे में सोचने पर मजबूर हो गई।” उन्हें अपने पति के साथ ऐसा किये हुए एक साल से अधिक समय हो गया था।

यदि हम पारंपरिक कथाओं पर विचार करें, तो पुरुष, एनिमल इंस्टिंक्ट और हाई लिबिडो के प्रतीक माने जाते हैं जो हमेशा सेक्स के लिए तत्पर रहते हैं। ये तो महिलाऐं हैं जो सिरदर्द का बहाना बना कर सेक्स करने से बचती हैं या केवल अपना काम निकालने के लिए, सौदेबाजी की तरह, सेक्स का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन थेरेपिस्ट सृष्टि वैद-कोचर का कहना है कि अब ऐसा बिलकुल नहीं है। जितनी भी महिलाओं से हमने बात की, उनमें से अधिकांश ने बताया कि वे भी अपने पार्टनर के साथ सेक्स और इंटिमेसी के लिए उतनी ही तत्पर रहती हैं।
वे कहती हैं, “हमारी पारंपरिक संस्कृति में, महिलाओं को सिखाया जाता था कि सेक्स मुख्य रूप से वंश-वृद्धि के लिए है। इसलिए जब औरतों को सेक्स की चाह होती है, तो वे खुद को रोकती हैं, और इसे गलत समझती हैं। इसकी पहल पुरुषों द्वारा की जानी चाहिए और महिलाऐं उनके लिए तृप्ति का जरिया हैं, शायद ही कभी इसका विपरीत सिखाया गया हो। इसलिए, महिलाओं का यह कहना कि वे सेक्स करना चाहती हैं, कुछ लोगों के लिए बहुत ही चौंका देने वाली बात हो सकती है।”
होलिस्टिक वैलनेस कोच ल्यूक कॉटिन्हो भी इस बात से सहमत हैं, वे कहते हैं, “महिलाओं में सेक्शुअल एनर्जी होती है और अगर उसे दबाया जाए, तो यह गुस्सा, हताशा या बीमारियों के रूप में फट कर बाहर निकलेगी। बिलकुल एक प्रेशर कुकर की तरह, यदि आप इसे रिलीज़ नहीं करेंगे, तो विस्फोट हो जाएगा।” उनकी टीम अक्सर क्लाइंट्स को अपनी एनर्जी रिलीज़ करने के लिए मास्टरबेशन की सलाह देती है।
“ऐसी महिलाएं जिनकी अपनी रिलेशनशिप में सेक्स सम्बंधित इच्छाएं पूरी नहीं होती, वे चाहे बाहर से कुछ भी कहें, अंदर ही अंदर वे खुद को दोष देने लगती हैं – ‘मैं आकर्षक नहीं हूं, वे मेरे शरीर को पसंद नहीं करते’, और मन अनगिनत कहानियां गढ़ने लगता है।”
लेकिन पहल कहां से करें, कैसे इस विषय पर चर्चा करें और क्या करें जब आपका पार्टनर आपकी भावनाओं को समझने के बजाय, आक्रामक प्रतिक्रियाएं देने लगे?
सेक्सलेस मैरिज क्या है?
हर कपल की इंटिमेसी दूसरे से अलग होती है। कुछ के लिए, सप्ताह में 2-3 बार सेक्स करना एक आदर्श है, जबकि अन्य के लिए, महीने में 6 बार सेक्स करना नियमित है। सृष्टि कहती हैं, “किसी एक व्यक्ति को सप्ताह में तीन बार सेक्स करना भी कम लगता है और वे फिर भी शिकायत करते हैं। और हो सकता है कि किसी दूसरे व्यक्ति को यह सुन कर लगे कि काश, हम भी इतना सेक्स कर पाते नाकि सप्ताह में सिर्फ एक बार, जो उनके लिए सामान्य है। तुलना करना हेल्दी और रियलिस्टिक नहीं है। अगर रिश्ते में दोनों लोग खुश हैं, तो केवल यही मायने रखता है।”
हां, यदि आपको याद ही नहीं है कि आपने पिछली बार सेक्स कब किया था, या अगर आप सेक्स के लिए पहल करते हैं और लगातार ठुकराए जा रहे हैं, तो यह अवश्य ही ध्यान देने योग्य बात है। ऐसे परिस्थितियों में असंतोष पनपता है, और इसे जाहिर करना महिलाओं के लिए ज़्यादा कठिन होता है।
क्योंकि पेनेट्रेशन के अलावा भी सेक्शुअल इंटिमेसी के कई रूप हो सकते हैं, सृष्टि की सलाह है कि आप यह समझें कि आपकी जरूरतें पूरी हो पा रही हैं कि नहीं।

मैरिड कपल्स अपनी इंटिमेसी क्यों खोने लगते हैं?
कई लोग ऐसे हैं जिनकी शादीशुदा ज़िंदगी शुरु से ही बहुत ज़्यादा सेक्शुअली एक्टिव नहीं रही है। तो कई ऐसे भी हैं, जो बड़ी आसानी से ऐसे क्षणों को पहचान सकते हैं जिनके बाद उनकी सेक्शुअल लाइफ ढीली पड़ने लगी। ऑब्स्टेट्रिशन और गायनोकोलॉजिस्ट डॉ रुखसाना हाशिम कहती हैं, “महिलाओं में, ऐसा आमतौर पर चाइल्ड बर्थ के बाद होता है। लोग इसे ‘मदर मोड’ बुलाते हैं, जिसमें हॉर्मोन्स का प्रवाह आपके बच्चे को आपका प्राइम फोकस बना देता है। बाकी सब सेकेंडरी लगता है।”
जीवन की बढ़ती मांगों के साथ, शादी के बाद सेक्स में थोड़ी कमी आना नार्मल है। करियर बनाने और पैरेंटिंग में आप इतने व्यस्त हो जाते हैं कि इंटिमेसी के लिए समय ही नहीं निकाल पाते। कुछ कपल्स इन परिस्थितियों को हैंडल करने के बाद, फिर से अपने जीवन में उत्साह लाते हैं। तो कुछ जैसा है, वैसा ही चलने देते हैं।
स्वास्थ्य से जुड़े मसले भी सेक्सलेस मैरिज की वजह बन सकते हैं। कार्य सम्बंधित तनाव से डिप्रेशन और बर्नआउट जैसी कई मानसिक बीमारियां पनप सकती हैं। तनाव आपकी सेक्स ड्राइव को कम कर सकता है। कुछ मामलों में, आप बस अपने जीवनसाथी से ऊब जाते हैं और सेक्स करने का मन ही नहीं करता।
कई बार, उम्र-संबंधी बीमारियां और उनका मेडिकेशन भी सेक्शुअल डिस्फंक्शन का कारण बन सकता है। इनमें कुछ डीकंजेस्टेन्ट, एंटीहिस्टामिन, एंटीडिप्रेस्सेंट और हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल हैं। मालविका के पति ने सात साल पहले इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का अनुभव किया। उसे लगता है कि यह दवाओं और तनाव का मिला-जुला असर है। वे बताती हैं, “शुरू में यह अत्यंत ही निराशाजनक था। उसे बेहद शर्मिंदगी महसूस होती थी। मैं फिर भी सेक्स की पहल करती, लेकिन वह हमेशा मना कर देता और गुस्सा करने लगता था।”
जब भी उसने अपने पति से इस बारे में बात करने की कोशिश की, उनका झगड़ा हो जाता। फिर उसने कोशिश करना ही बंद कर दिया।
सेक्सलेस मैरिज में औरतों की चुप्पी
ट्वीक रीडर्स के साथ अपनी कहानी शेयर करके, इस चर्चा की शुरुआत करने वाली नम्रिता* दुखी होते हुए बताती हैं, “सेक्सलेस मैरिज में होने वाली तकलीफों के बारे में कोई भी बात नहीं करता। यह एक धीमे जहर की तरह है, जिसमें आपकी बढ़ती हुई हताशा, आपको धीरे-धीरे अंदर ही अंदर खाने लगती है। हम कभी किसी महिला की इच्छाओं का जिक्र नहीं करते, क्योंकि अगर उसकी सेक्शुअल ज़रूरतें हैं, तो समाज उसे कुलक्षणी करार देता है, एक स्वच्छंद राह भटकी हुई औरत जिसने अपने परिवार का नाम मिट्टी में मिला दिया।”
जब भी मालविका अपने पति को इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए मेडिकल हेल्प लेने की सलाह देने की कोशिश करती, वह उल्टा उसे ही दोष देने लगता था। “हमारा भयंकर झगड़ा हो जाता, वह मुझे बेइज़्ज़त करने लगता, कहता कि मुझ में ही कुछ गड़बड़ है क्योंकि मैं सेक्स के पीछे पागल हूं।” वे कभी इस समस्या का समाधान नहीं कर पाए।
आशिमा ने अपनी शादी में फिर से स्पार्क लाने की कोशिश की। प्रेगनेंसी के बाद, पुरजोर मेहनत करके वह फिर से फिट हो गई, सेक्सी कपड़ों में इंवेस्ट किया और यहां तक कि एक डेट नाईट भी प्लान की, अपने बेटे को अपनी मां के यहां एक रात के लिए छोड़कर, अपने बैडरूम को मूड लाइटिंग और फूलों से सजाया। उसके पति की प्रतिक्रिया? वह बहुत थका हुआ था और आराम करना चाहता था। “उस रात को मैंने पूरी तरह से हार मान ली।”

वे बताती हैं, “मैंने अपनी शादी में इंटिमेसी लाने का ख्याल छोड़ दिया और खुद पर फोकस करना शुरू किया। मैं अपना ज़्यादातर समय अपने बच्चे की देखभाल करने में बिताने लगी, नई हॉबी अपनाई और खुद को दूसरे कामों में लगा लिया।” आशिमा कहती हैं कि उस दिन के बाद, उन दोनों में से किसी ने भी दोबारा सेक्स का जिक्र ही नहीं छेड़ा। “हो सकता है किसी दिन हम इसे संबोधित करेंगे, फिलहाल, मुझे तब तक सयंम बनाए रखना होगा, जब तक कि वह इसके बारे में खुल कर विचार कर सके और थेरेपी के लिए सहमत हो जाए।”
चूंकि महिलाओं को हमेशा दूसरों को खुश रखने की कला सिखाई जाती है, इसलिए सेक्शुअल रिलेशनशिप्स में अक्सर फीमेल प्लेज़र नज़रअंदाज़ हो जाता है। 33 वर्षीय कनुप्रिया* की 20 साल की उम्र में अरेंज्ड मैरिज हो गयी थी और उसे अपनी सेक्स लाइफ में कभी संतुष्टि नहीं मिली। वह कहती हैं, “सेक्स मिनटों में खत्म हो जाता और मैं लेटे-लेते बस यही सोचती रह जाती कि क्या सेक्स में केवल इतना ही होता है।” कई सालों तक निराश रहने के बाद, जब उसने एक मैगज़ीन आर्टिकल में मास्टरबेशन के बारे में पढ़ा तो उसने सेल्फ-प्लेज़र का रुख किया।
2015 में, एक ऑनलाइन मेडिकल पोर्टल ने लोगों की सेक्शुअल लाइफ को स्टडी करने के लिए एक सर्वे किया और पाया कि उस ग्रुप में 72% महिलाएं अपने सेक्स लाइफ से असंतुष्ट थीं। जबकि, लगभग 98% विवाहित पुरुषों ने खुद को संतुष्ट बताया।
कनुप्रिया ने अपने पार्टनर को एक्सपेरिमेंट करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की, तो उसके चरित्र पर नैतिक सवाल उठाए जाने लगे। जैसे-जैसे समस्याएं बढ़ती गईं, उनकी सेक्सलेस मैरिज में कलह बढ़ती गई। उसने यौन असंगति और संदिग्ध बेवफाई का हवाला देते हुए तलाक के लिए अर्जी डाल दी।
हमारे देश की उच्च अदालतों ने, एक पुरुष और दूसरा एक महिला द्वारा फाइल किये गए, दो अलग-अलग मामलों में फैसला सुनाया कि एक मैरिड रिलेशनशिप में ऐब्स्टिनॅन्स और सेक्स पर रोक लगाना “मानसिक क्रूरता है और ये तलाक के लिए वैध आधार हो सकते हैं।”
कनुप्रिया के लिए, यह सिर्फ यौन असंतुष्टि के बारे में नहीं था, बल्कि उसकी अपेक्षाओं पर उठाए जाने वाले सवालों और उत्पीड़न के बारे में था। “यह स्वीकार करने के बजाय कि वह बिस्तर में असक्षम था और इसे बेहतर बनाने के लिए कोशिश करने के बजाय और संभवतः एक अफेयर में होने के बाद भी, मेरे चरित्र पर उंगली उठाई जाने लगी। अपने पति के साथ अच्छे सेक्स की चाह रखने के लिए, क्या मैं ‘लूज़ केरैक्टर’ हूं?”
जब केवल आपसी बातचीत से हल नहीं निकलता
सेक्सलेस मैरिज की समस्यायों को सुलझाने के लिए पहला कदम है – आपसी बातचीत, लेकिन इस स्थिति में जब पहल महिलाओं की तरफ से होती है तो यह उल्टा भी पड़ सकता है। हो सकता है कि ऐसे जीवनसाथी से बात करना आसान ना हो, जो अपने ही इमोशनल बैगेज तले दबा हुआ हो। साइकोलोजिस्ट रेखा सदाना आपको पहले से एक स्क्रिप्ट बनाने का सुझाव देती हैं जिसे आप फॉलो कर सकते हैं, “अगर आपको मददगार लगे, तो आप जो भी कहना चाहते हैं, उसे पहले से लिख कर रख लें। बातचीत के दौरान उसे दोष न दें और अपनी भाषा का ध्यान रखें।”

अपने पार्टनर पर उंगली उठाने और दोष देने से वह डिफेंसिव हो सकता है, इसके बजाय अपनी बातचीत में “मैं ऐसा महसूस करती हूं”, “मैं सोचती हूं” और “हमें करना चाहिए/ हम कर सकते हैं” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करें। जैसे, “हमारा रिश्ता मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और मुझे लगता है कि हम अपनी इंटिमेसी में सुधार ला सकते हैं और हमें मिलकर इस पर काम करना चाहिए।”
यदि आपस में बात करने से हल नहीं निकलता, तो एक प्रोफेशनल की मदद लें जो आपकी बात को सही तरीके से आपके पार्टनर तक पहुंचा सके।
दोनों साथ में ऐसी एक्टिविटीज़ करने की कोशिश करें जो इंटिमेसी बढ़ाने में सहायक हों – मिलजुल कर कुकिंग करना, एक साथ डांस क्लास लेना, एक रोमांटिक कपल वेकेशन या बिना बच्चों के घर पर ही एक दूसरे के साथ छुट्टी मनाएं। एक सेक्स नाईट प्लान करने की कोशिश करें जहां आप दोनों फोरप्ले या चाहें तो रोलप्ले में शामिल हो सकते हैं और उस पूरे दिन सेक्सटिंग करके इसका रोमांच और बढ़ाएं।
सदाना का कहना है, “यह तभी काम करता है जब दोनों पार्टनर्स अपने रिश्ते में सेक्स को वापस लाने के लिए तैयार हैं। कई बार केवल एक बातचीत में ही हल निकल जाता है, और कुछ मामलों में, कई वार्तालाप लग जाते हैं और शायद एक प्रोफेशनल मीडिएटर की मदद भी लेनी पड़ सकती है जो इस समस्या के कारण समझने में मदद कर सके।” ऐसे मेडिकल कारण जिनकी वजह से लिबिडो कम हो सकता है और सेक्स असंतोषजनक लगता है, उनका पता लगाने के लिए ट्रीटमेंट लेने की ज़रुरत भी पड़ सकती है।
मैरिज में सेक्स नहीं होने का तात्पर्य यह नहीं कि उसमें प्यार भी नहीं है
यदि आप नियमित रूप से सेक्स नहीं कर रहे हैं, या सेक्स बिल्कुल भी नहीं है, तो क्या इसका मतलब है कि आपकी शादी खत्म हो चुकी है और तलाक की ओर अग्रसर है? ऐसा ज़रुरी नहीं है। यह अंततः आप पर निर्भर करता है। एक रिश्ते में सेक्स, प्यार और इंटिमेसी का एक साथ होना हमेशा ज़रूरी नहीं होता। पेरिमेनोपॉज के दौरान प्रियंका का लिबिडो बहुत गिर गया था। उसमें भी वही लक्षण दिख रहे थे – लो सेक्स ड्राइव, वैजाइनल ड्राईनेस, फ्लशिंग और रात में बहुत पसीना आना। “मैं बेहद दुखी रहने लगी थी।”
एक कार एक्सीडेंट के बाद अपने पति की हिप सर्जरी होने के कारण, उनकी सेक्स लाइफ पहले से ही कुछ ख़ास नहीं थी। जो थोड़ा बहुत भी सेक्स वे करते, वह प्रियंका के लिए काफी तकलीफदेह होता था। उसने एक गाइनोकोलॉजिस्ट को कंसल्ट किया और लुब्रिकेंट्स का उपयोग करना शुरू किया लेकिन उनकी इस शारीरिक परिस्थिति में यह उतना सुखद नहीं था जितना पहले हुआ करता था। लेकिन यह दोनों दूसरे तरीकों से इंटिमेसी पाते हैं – एक दूसरे को प्यार और स्नेह दिखाने के लिए बाहों में भरना, हाथ पकड़ना, सहलाना और भी बहुत कुछ।

हालांकि अब भी वे कभी-कभी सेक्स करते हैं, लेकिन प्रियंका को इसकी कमी, कोई बहुत बड़ी बाधा नहीं लगती है। वह कहती हैं, “हमने साथ में एक खूबसूरत लाइफ का निर्माण किया है और हमारे तीन बड़े बच्चे हैं। मैं उसे बहुत प्यार करती हूं और वह मुझे। भले ही हम बहुत सेक्स नहीं कर सकते हैं, लेकिन प्यार और इंटिमेसी अभी भी कायम है। हम हमारे रिश्ते में अन्य कई तरीकों से स्पार्क बनाए रखते हैं।”
सेक्सलेस मैरिज हमेशा एक डीलब्रेकर ही हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है। हर कपल अलग होता है और उनकी परिस्थितियां भी अलग-अलग होती हैं। कुछ लोगों के लिए, सेक्स उनकी बॉन्डिंग, प्यार और कामनाओं को व्यक्त करने का मुख्य तरीका हो सकता है। तो कुछ लोग दूसरे तरीकों में अपनी अभिव्यक्ति ढूंढ लेते हैं और फिर सेक्स की कमी, उनके रिश्ते को इतनी गंभीरता से प्रभावित नहीं करती। यह महत्वपूर्ण है कि आपका और आपके पार्टनर का नज़रिया एक जैसा हो – आप दोनों ही अपने जीवन के अगले अध्याय पर पूरी ईमानदारी और खुले विचारों के साथ चर्चा कर सकने में सक्षम हों।
*अनुरोध पर कुछ नाम बदल दिए गए हैं।
नोट: ये कुछ महिलाओं के पर्सनल अनुभव हैं जो एक्सपर्ट्स और प्रोफेशनल्स के सुझावों के साथ शेयर किए गए हैं। यदि आप एक समान स्थिति में हैं, तो हम सही मार्गदर्शन के लिए आपको प्रशिक्षित मेडिकल प्रोफेशनल की मदद लेने की सलाह देते हैं।